Tuesday, October 29, 2019

37 प्रकार की बीमारियों को भी दूर करने की क्षमता रखता है, यह दुनिया का सबसे रहस्यमयी पौधा.!

37 प्रकार की बीमारियों को भी दूर करने की क्षमता रखता है, :- अपने हमेशा सुना होगा की यदि किसी चीज का ज्ञान लेना हो तो पूरा ज्ञान लेना चाहिए क्योंकि आधा अधूरा ज्ञान कभी भी लाभदायक नहीं होता है। ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद में भी बहुत सी ऐसी चीज़ो के बारे में बताया गया है लोगों जिनके बारे में पूरा तरह नहीं जानते है और वह आयुर्वेदिक चीज़ो का पूरा फायदा भी नहीं उठा पाते है।

आज हम आपको आज के लेख में बताने जा रहे है की एक ऐसे पौधे को जिसके बारे में आज तक आपको शायद किसी ने नहीं बताया होगा। यह कोई मामूली पौधा नहीं बल्कि एक ऐसा पौधा है जिसके बारे में यदि आपको पूरा ज्ञान है तो आप 37 प्रकार की बीमारियों को भी पूरी तरह से समाप्त कर सकते है। इस लाभकारी पौधे का नाम अतिबला है। चलिए जानते है की इस पौधे का इस्तेमाल आप कौन कौन सी बीमारियों में किस प्रकार से कर सकते है।

पेशाब का बार-बार आना

अतिबला की जड़ की छाल का पाउडर यदि चीनी के साथ लें तो बार-बार पेशाब आने की बीमारी से छुटकारा मिलता है।

मसूढ़ों की सूजन

अतिबला के पत्तों का काढ़ा बनाकर यदि आप प्रतिदिन दिन में 3 से 4 बार कुल्ला करें तो रोजाना के इस प्रयोग करने से मसूढ़ों की सूजन व मसूढ़ों का ढीलापन दूर होता है।

गीली खांसी

अतिबला के साथ कंटकारी, बृहती, वासा के पत्ते और अंगूर को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लेते हैं। इसे 14 से 28 मिलीमीटर की मात्रा में 5 ग्राम शर्करा के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से गीली खांसी बिल्कुल पूरी तरह से ठीक हो जाती है।

दस्त

अतिबला (कंघी) के पत्तों को देशी घी में मिलाकर दिन में 2 बार पीने से दस्त में काफी लाभ होता है।

पेशाब के साथ खून आना

अतिबला की जड़ का 40 मिलीलीटर की मात्रा में काढ़ा सुबह-शाम पीने से पेशाब में खून का आना पूरी तरह से बंद हो जाता है।

बवासीर

अतिबला के पत्तों को पानी में उबालकर उस्का अच्छी तरह से काढ़ा बना लें। इस काढ़े में उचित मात्रा में ताड़ का गुड़ मिलाकर पीयें। इससे बवासीर में बेहतरीन लाभ होता है।

पेट में दर्द होने पर

अतिबला के साथ पृश्नपर्णी, कटेरी, लाख और सोंठ को मिलाकर दूध के साथ पीने से पित्तोदर यानी पित्त के कारण होने वाले पेट के दर्द में बहुत ही लाभ मिलेगा।

मूत्ररोग

अतिबला के पत्तों या जड़ का काढ़ा लेने से मूत्रकृच्छ (सुजाक) रोग पूरी तरह से दूर होता है। ये काढ़ा सुबह-शाम 40 मिलीलीटर लें। यदि इसके बीज 4 से 8 ग्राम रोज लें तो काफी लाभ होता है।

शरीर को शक्तिशाली बनाना

शरीर में कमजोरी होने पर अतिबला के बीजों को पकाकर खाने से शरीर की ताकत काफी बढ़ जाती है।

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