Tuesday, December 31, 2019

नए साल का नया नियम, याद रखें भारतीय रेल का 139 सेवा नंबर

  • भारतीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर दी जानकारी
  • 139 नंबर पर रेलवे से जुड़ी हर समस्‍या का होगा निपटारा

नए साल का आगाज हो चुका है. वहीं भारतीय रेल भी अपने करोड़ों यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नए-नए बदलाव करता रहता है. भारतीय रेल सर्विसेज बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रही है. इसी के साथ यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेल ने हेल्पलाइन नंबर 139 नंबर को जारी किया है. ये नंबर 1 जनवरी से इस्तेमाल किया जा सकेगा. जिसकी जानकारी भारतीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर के दी.

पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा कि रेलवे की विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों को एकीकृत कर 139 में बदल दिया गया है, यह नंबर इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पांस पर आधारित है. यह व्यवस्था 1 जनवरी से लागू की जा रही है, इसके शुरू होने पर यात्रियों को सहायता के लिए अलग अलग नंबरों के स्थान पर सिर्फ एक हेल्पलाइन नंबर 139 को याद रखना होगा.

रेलवे की विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों को एकीकृत कर 139 में बदल दिया गया है, यह नंबर इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पांस पर आधारित है.

रेलवे हेल्‍पलाइन नंबर

जानकारी के अनुसार भारतीय रेल रेलवे में यात्री सुविधा और सेवा के कई नंबर जारी थे. जिससे कई बार यात्री अथवा जरूरतमंद विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों की सर्विस को लेकर कन्फयूज हो जाते थे. जिसको देखते हुए 1 जनवरी से भारतीय रेल के अनेक हेल्पलाइन नंबर की बजाय सिर्फ 139 नंबर जारी किया है. अब आप सिर्फ 139 नंबर का इस्‍तेमाल कर रेलवे से जुड़ी हर समस्‍या का निपटारा कर सकते हैं.

दरअसल, भारतीय रेल ने अब 139 सेवा नंबर को एकीकृत रेलवे हेल्पलाइन में तब्दील कर दिया है. बताया जा रहा है कि ये नंबर इंटरैक्टिव वाइस रिस्पांस सिस्टम पर आधारित है. ऐसे में अब यात्रियों को अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं है.

किराए में बढ़ोतरी

वहीं नया साल के आगाज के साथ इंडियन रेलवे ने किराए में बढ़ोतरी कर लोगों को तगड़ा झटका दिया है. वहीं नया रेल किराया एक जनवरी से लागू होगा. किराये में बढ़ोतरी का बड़ा असर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों पर होगा. रेलवे ने 4 पैसे प्रति किलोमीटर तक यात्री किराए में बढ़ोतरी की है.

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भारत को मिला तीनों सेनाओं का ‘सुपर बॉस’, पहले सीडीएस जनरल रावत बोले- हम राजनीति से दूर ही रहते हैं

भारत की तीनों सेनाओं को पहला ‘सुपर बॉस’ मिल गया है. फोर-स्‍टार जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ हैं. उन्‍होंने बुधवार सुबह सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद वह सेना मुख्‍यालय पहुंच तीनों सेना प्रमुखों- आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नवरणे, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह से मिले. यहीं पर उन्‍हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

मीडिया से मुखातिब होकर जनरल रावत ने कहा कि तीनों सेनाएं एक टीम की तरह काम करेंगी. उन्‍होंने कहा, “चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ को जो टास्‍क मिला है, उसके हिसाब से हमें इंटीग्रेशन बढ़ाना होगा और रिसोर्स मैनेजमेंट बेहतर करना होगा.”

टीवी9 भारतवर्ष ने सवाल पूछा कि ‘विपक्ष कहता है कि सेना को राजनीति से दूर रहना चाहिए, इस पर आप क्‍या कहेंगे?’ जवाब में जनरल रावत ने कहा, “हम राजनीति से हमेशा दूर रहते हैं. जो भी सरकार सत्ता में होती है हमें उनके आदेश के मुताबिक काम करना होता है.”

जनरल रावत ने नई वर्दी पहनी. ऑलिव ग्रीन कलर की वर्दी में तीनों सेनाओं के प्रतीक शामिल किए गए हैं. प्रतीक चिन्ह में दो आर-पार तलवारें, एक बाज और एक एंकर है. इसके अलावा इसके ऊपर अशोक चिन्ह है. तीनों सेनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सीडीएस की टोपी बैज और उपलब्धियों के साथ अलग है.

चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ का निवास 3, कामराज मार्ग पर होगा.

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नए साल के पहले दिन महंगा हुआ रसोई गैस सिलेंडर, जानिए नई कीमत

नए साल पर आपकी रसोई का बजट बिगड़ने वाला है। क्योंकि गैस कंपनियों ने बिना सब्सिडी वाले गैस सिंलेडर के दाम में 19 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। बढ़े हुए ये दाम नए साल के पहले ही दिन (1 जनवरी, 2020) यानी आज से लागू हो जाएंगे। दिल्ली में सिलेंडर के दाम 19 रुपये और मुंबई में 19.5 रुपये बढ़ाए गए हैं।

दिल्ली में 714 रुपये हुई कीमत

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मुताबिक बिना सब्सिडी वाला LPG सिलेंडर अब दिल्ली में 714 रुपये और मुंबई में 684.50 रुपये में मिलेगा। जबकि दिसंबर में ये दाम दिल्ली में 695 और मुंबई में 665 रुपये था। लगातार पांचवें महीने रसोई गैस सिलेंडर के बाजार भाव में बढ़ोतरी हुई है।

कोलकाता और चेन्नई में भी बढ़े दाम

कोलकाता में प्रति सिलेंडर 21.5 रुपये (747 रुपये) और चेन्नई में 20 रुपये (734 रुपये) की वृद्धि हुई है। इसी तरह कमर्शियल सिलेंडर (19 किलो) के दाम में 29.50 रुपये का इजाफा हुआ है। कारोबारियों को अब सिलेंडर के लिए दिल्ली में 1241 रुपये देने होंगे। कमर्श‍ियल सिलेंडर की कीमत कोलकाता में 1308 रुपये, मुंबई में 1190 रुपये और चेन्नई में 1363 रुपये हो गई है।

 

12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है सरकार

वर्तमान में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है। अगर इससे अधिक सिलेंडर चाहिए तो बाजार मूल्य पर खरीदारी करनी होती है। हालांकि सरकार हर साल 12 सिलेंडरों पर जो सब्सिडी देती है, उसकी कीमत भी महीने-दर-महीने बदलती रहती है। बता दें औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक सब्सिडी की राशि निर्धारित करते हैं।

 

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सर्दियों में इस तरह से करेंगे गुड़ का सेवन तो होंगे ये बेहतरीन फायदे

गुड़ जैसा कि इसका नाम है यह उतना ही गुणकारी है। खास तौर पर सर्दी के दिनों में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम माना गया है। गुड़ खाना वैसे तो आपके स्वास्थ्य और पाचन के लिए लाभदायक होता है, लेकिन सर्दी के मौसम में गुड़ खाने के अपने ही फायदे हैं। गुड़ स्वास्थ्य के लिए अमृत माना गया है क्योंकि गुड़ खाने के बाद यह शरीर में क्षार पैदा करता है जो हमारे पाचन को अच्छा बनाता है। सर्दी के दिनों में गुड़ आपके लिए हर तरह से फायदेमंद है। फिलहाल जानिए गुड़ के यह 15 फायदे –

अक्सर भोजन के बाद गुड़ खाने की सलाह दी जाती है। शकर या चीनी को सफेद जहर कहा जाता है यह अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए हानिकारक है। शकर की तुलना में गुड़ को पचाने में शरीर को काफी कम कैलोरी खर्च करनी होती है। गुड़ में कैल्शियम के साथ-साथ फास्फोरस भी होता है जो अस्थियों को बनाने व उन्हें मजबूती प्रदान करने में सहायक होता है। इसके अलावा मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और कुछ मात्रा में कॉपर जैसे स्वास्थ्य वर्धक तत्व होते हैं।

गुड़ में ब्राउन शुगर की अपेक्षा पाँच गुना अधिक और शकर की तुलना में पचास गुना अधिक मिनरल्स होते है। गुड़ की न्यूट्रीशन वैल्यू शहद के बराबर मानी गई है। बच्चे के जन्म के बाद माता को गुड़ देने से कई बड़ी बीमारियां दूर होती हैं यह मिनरल्स की कमी को दूर करता है बच्चे के जन्म के 40 दिनों के अन्दर माता के शरीर में बनने वाले सभी ब्लड क्लाट्स को खत्म करता है। गुड़ आधे सिर के दर्द से बचाव करता है स्त्रियों में मासिक धर्म से सम्बंधित परेशानियों को ठीक करता है।

सर्दी में गुड़ खाने के हैं ये है 15 फायदे

गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दी के दिनों में इसका सेवन आपको गर्माहट देने में बेहद कारगर होता है। सर्दी में गुड़ का प्रति‍दिन सेवन आपको सर्दी, खांसी और जुकाम से भी बचाता है। इन दिनों में गले और फेफड़ों में संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है। इससे बचने में भी गुड़ का सेवन आपकी बहुत मदद कर सकता है। सर्दी और संक्रमण की दवाईयों में गुड़ का प्रयोग किया जाता है।

गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉलिज्म ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की समस्या नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं।

गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है। इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक लाभदायक है। गुड़ मैग्नीशियम का एक बेहीतरीन स्रोत है।

गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती। गुड़ खाने से मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं को थकान से राहत मिलती है। और खून की कमी दूर करने में भी यह बेहद मददगार साबित होता है।

ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।

गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होगी।

  • गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।
  • गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती ।
  • जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।
  • गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
  • भोजन के बाद गुड़ खाने से पेट में गैस नहीं बनती ।
  • पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
  • गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।
  • पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

सर्दियों में बीमारियों से बचने के लिए शरीर को अंदर से गर्म रखना बहुत जरूरी है। शरीर अंदर से गर्म न होने के कारण कई बीमारियों की चपेट में आता है। इस मौसम में शरीर को नेचुरल गर्म रखने और बीमारियों से दूर रहने के लिए आप गुड़ का सेवन कर सकतें है।

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नए साल का जश्न मनाने जा रहे छात्रों की बस दुर्घटनाग्रस्त, मची चीख पुकार

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में नेशनल हाईवे मनाली-चंडगढ़ पर गमरौला पुल के पास पर्यटकों से भरी बस हादसे का शिकार हो गई। फिलहाल हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। ब्रेक फेल होना शुरुआती कारण बताया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक केरला के एमईएस आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज के छात्र मनाली घूमने जा रहे थे। सभी ने दिल्ली से एक निजी बस किराये पर ली थी। पीबी 11सीएफ 2995 नंबर की बस में 51 छात्र और तीन शिक्षक सवार थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को एबुंलेंस की सहायता से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जहां इनका उपचार जारी है। दो दर्जन से ज्यादा छात्र घायल बताए जा रहे हैं। एक छात्र की बाजू टूट कर अलग हो गई वहीं एक लड़की की भी बाजू टूट गई है। हादसा होते ही घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोग हादसा होते ही घटनास्थल की ओर दौड़े और घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया।

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नए साल का जश्न मनाने मनाली जा रहे छात्रों से भरी बस पलटी, 15 घायल

नया साल का जश्न मनाने हिमाचल प्रदेश के मनाली जा रही टूरिस्ट की बस हादसे का शिकार हुई है. हादसे में 15 सैलानी घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल, राहत और बचाव जारी है.

जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह राष्ट्रीय उच्चमार्ग मनाली-चंडीगढ़ पर बिलासपुर के ग़म्भर पुल के समीप सैलानियों से भरी बस हादसे का शिकार हुई है. हादसे में 15 पर्यटक गम्भीर रूप से घायल हैं. घायलों को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर भेजा गया है. बताया जा रहा है कि बस में कुल 50 सैलानी सवार थे.

दिल्ली से मनाली जा रहे थे बस हादसे में सभी घायल पर्यटक दिल्ली से मनाली जा रहे थे और केरला के कालीकट सत मंगलम एमईएस शिक्षण संस्थान के छात्र हैं. सभी नववर्ष के आगमन पर मनाली घूमने जा रहे थे. 31 दिसम्बर वर्ष का अंतिम दिन सभी छात्रों पर भारी पड़ा है.

यह बोले एएसपी

बिलासपुर के एसएसपी भागमल ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी घायल पर्यटक केरल के कालीकट सत मंगलम एमईएस शिक्षण संस्थान के छात्र हैं. नववर्ष के आगमन पर मनाली घूमने जा रहे थे. घायलों का क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में उपचार दिया जा रहा है.

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आज ही बनी थी वो कंपनी, जिसने भारत पर करीब 150 सालों तक किया राज

16वीं शताब्दी में अंग्रेजी साम्राज्य हिचकोले लेने लगा था. यूरोप में व्यापार और मुनाफे के दरवाजे बंद होते जा रहे थे. हालैंड और पुर्तगाल फैलते जा रहे थे.उनकी व्यापारिक और औपनिवेशिक ताकत अंग्रेजों को चुनौती देने लगी थी. बेशक भारत में आने के बाद अंग्रेज शान से कहा करते थे कि अंग्रेजी
राज का सूरज कभी डूबता नहीं..लेकिन ये सूरज तब डूबता हुआ ही लग रहा था. ऐसी हालत में 31 दिसंबर 1600 में इंग्लैंड की महारानी से पट्टा हासिल कर ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत हुई. इस कंपनी को पूर्वी दुनिया के देशों में व्यापार का एकाधिकार दे दिया गया. जब ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत हुई, तब अमेरिका के तटीय इलाकों से लेकर वेस्टइंडीज और एशिया, चीन और जापान की ओर फ्रेंच, स्पेनिश, डच और पुर्तगाली व्यापारी कंपनियां अपने व्यापार को फैलाना शुरू कर चुकी थीं. ब्रिटिश व्यापारी यूरोप तक सिमटे थे और वहां भी उनका मुनाफा सिकुड़ता जा रहा था. सन 1588 में स्पेनिश अर्माडा युद्ध में मात खाने के बाद अंग्रेजी व्यापारिक संगठनों में घबराहट फैल गई.

जब अंग्रेजों को यूरोप में झटके लगने शुरू हुए तो उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप की ओर नजर दौड़ानी शुरू की. ब्रिटेन को सस्ते कच्चे माल के साथ उत्पादों को बेचने के लिए बड़े बाजार की जरूरत थी. बस इंग्लैंड के बड़े और असरदार व्यापारियों ने महारानी के दरबार में जाकर फरियाद शुरू कर दीं. रसूखदार लोगों की पैरवी महारानी तक पहुंचने लगी. अंग्रेज पहले भी कर चुके थे भारत से व्यापार की कोशिश
अंग्रेज इससे पहले भी भारत से व्यापार करने की कोशिशें कर चुके थे लेकिन छोटी-मोटी इन कोशिशों से उन्हें सफलता नहीं मिल सकी थी, क्योंकि यहां पहले से जम चुके पुर्तगालियों और डच व्यापारियों ने न केवल उन्हें खदेड़ दिया बल्कि ढेरों मुश्किलें भी पैदा कीं. इसीलिए अंग्रेज अब ताकत के साथ एक बड़ी कंपनी के रूप में यहां आना चाहते थे, जिसकी सुरक्षा का जिम्मा खुद ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ लें.

कंपनी के पीछे थी ब्रिटेन की राजसी ताकत
10 अप्रैल 1591 में ईस्ट इंडिया कंपनी अनौपचारिक तौर पर स्थापित की गई. ये कंपनी इंग्लैंड के कई धनी व्यावसायियों ने मिलकर स्थापित की थी, इसमें अडचन नहीं आए, लिहाजा ब्रिटिश राजघराने से जुड़े कई आला अफसरों को हिस्सेदार बनाया गया. फिर इसके बाद इस कंपनी को क्वीन एलिजाबेथ की छत्रछाया में लाने की कोशिशें शुरू हुईं.
आखिरकार 31 दिसंबर 1600 में महारानी की मंजूरी के बाद ब्रिटिश राजघराने ने इस पर मुहर लगा दी. ईस्ट इंडिया कंपनी को इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, भारत, चीन और बर्मा जैसे पूर्वी देशों में व्यापार फैलाने की अनुमति मिल गई.अब ईस्ट इंडिया कंपनी कोई छोटी-मोटी कंपनी नहीं थी, बल्कि रॉयल चार्टर से संरक्षित कंंपनी थी. यानि उसके पीछे ब्रिटेन की राजसी ताकत खड़ी थी. सर थामस स्मिथ कंपनी के पहले गवर्नर बने. इसका मुख्यालय इंडिया हाउस लंदन में बना.

1608 में पहुंचे सूरत
ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला पड़ाव भारत नहीं बल्कि इंडोनेशिया था. कंपनी के पांच जहाजों ने इंडोनेशिया के लिए 1601 में कूच किया. इसके बाद ईस्ट इंडिया ने अगली यात्रा में 1607 में दक्षिण अफ्रीका की ओर हुई. जब इन दोनों देशों में ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने ऑफिस बना लिये तब उन्होंने भारत की ओर देखा. 24 अगस्त 1608 में पहली बार अंग्रेजों के पहले जहाज ने गुजरात के सूरत तट पर लंगर डाला.

जहांगीर के सामने उपहारों की झड़ी लगा दी
समस्या यही थी कि भारत में पहले से मौजूद डच और पुर्तगाली व्यापारियों के सामने पैर किस तरह जमाए जाएं. ये अंग्रेजों के लिए न तो आसान था और ना
ही वो इसे एक दिन में कर पाये. क्या आप यकीन करेंगे तत्कालीन मुगल शासक जहांगीर को मनाने में उन्हें करीब बीस साल लग गये. शुरू में जब अंग्रेज व्यापारियों ने जहांगीर के दरबार में हाजिरी दी तो वो उनके लिए यूरोपीय बाजार की वस्तुएं लेकर आए, बेशक ये शानदार थीं. तकनीक तौर पर बेजोड़. इसमें
जीवन को आसान करने वाले सामान थे.साथ ही थे आला दर्जे की आरामदायक और लग्जरी वस्तुएं. बादशाह की तो आंखें ही चौंधियां गईं.

महंगी सौगातों से खुश हो जाते थे मुगल बादशाह
भारत में वैभव तो था लेकिन तरक्की के मामले में वो अब भी यूरोप से कोसों पीछे था. रेनांसा के दौर में जितना काम और विकास यूरोप में हुआ था, वो भारतीय बादशाहों और उनके दरबारियों के लिए नया था. यूं भी मुगल बादशाहों के बारे में मशहूर था कि महंगी और आला सौगातों से वो बहुत जल्दी खुश हो जाया करते थे.उनपर असर जमाने के लिए इससे बेहतरीन रास्ता कोई और था भी नहीं.
बादशाह जहांगीर अंग्रेजों से खुश हो गया. हालांकि यूरोप के साथ व्यापार की अनुमति देने में वो अभी हिचक रहा था, क्योंकि उसे भी समझ में आ गया था अंग्रेजों को अनुमति देने का मतलब है अपने व्यापारियों और काश्तकारों के हाथ और गले को काटना. बादशाह के बुद्धिमान सलाहकारों ने उन्हें ऐसा नहीं करने की अनुमति दी.

आखिरकार मिली फैक्ट्रियां स्थापित करने की अनुमति
अंग्रेजों को व्यापार की अनुमति तो मिली लेकिन मामूली वस्तुओं की. वांछित अनुमति नहीं मिलने पर अंग्रेज निराश बेशक हुए लेकिन उन्हें मालूम था कि इंतजार का फल मीठा होता है…वो मुगल बादशाहों के साथ समुद्र की सीमा से लगे अन्य राजे-रजवाड़ों को यूरोपीय उपहारों से खुश करते रहे.
यूरोपीय बाजार से हर बार आने वाले सामान बढ़-चढ़कर होते थे. जब एक बार इनकी आदत भारत में बादशाहों, राजाओं और उनके आला अधिकारियों को पड़ गई तो अंग्रेजों का काम आसान होने लगा.उन्हें ना केवल मनवांछित व्यापार करने की अनुमति मिली बल्कि भारत में फैक्ट्रियां स्थापित करने की मंजूरी भी मिल गई.
भारत की बेशकीमती संपदा जहाजों में भरकर यूरोप जाने लगी. यूरोपीय बाजार और इंग्लैंड की फैक्ट्रियों में बना सामान भारत आने लगा.1646 तक अंग्रेजों ने भारत के समुद्रतटीय इलाकों के बड़े शहरों और बंदरगाहों के करीब अलग अलग सामानों को बनाने के लिए 23 फैक्ट्रियां स्थापित कर दी थीं, जो भारत के ही कच्चे सामान को लेकर उत्पादन करती थीं.

जब औरंगजेब ने चले जाने का आदेश दिया
शुरू में तो ब्रिटिश फौजें समुद्र में उनके जहाजी बेड़ों की सुरक्षा करती थीं लेकिन बाद में कंपनी इस स्थिति में आ गई कि भारत में उसके जहाजी बेड़ों को उसकी प्राइवेट सेना ने संभाल लिया. औरंगजेब के शासनकाल के दौरान एक बार जब अंग्रेज व्यापारियों ने वादाखिलाफी कर कुछ हिस्सों पर कब्जा करना
चाहा तो औरंगजेब की मजबूत सेनाओं ने तुरंत अंग्रेजों के दांत खट्टे ही नहीं किये बल्कि उन्हें बिस्तरबोरिया बांधने का भी आदेश दे दिया. अंग्रेजों ने तुरंत बादशाह से माफी मांगकर और ज्यादा कस्टम ड्यूटी देनी शुरू कर दी.

इस तरह मजबूत होती गई ईस्ट इंडिया कंपनी
अंग्रेजों ने खुद को सुनियोजित तरीके से मजबूत किया. अंग्रेजों ने कच्चे माल की आपूर्ति और भारतीय बाजार में अपने सामानों को बेचने के लिए बड़े भारतीय व्यापारियों को भी अपनी ओर मिलाया. इससे भारतीय व्यावसायियों के भी वारे-न्यारे होने लगे. ईस्ट इंडिया की उन्नति में अंग्रेजों और भारतीय व्यावसायियों का गठबंधन बहुत मुफीद रहा.

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31 दिसंबर तक नहीं किया ये काम, तो घबरायें नहीं, 31 मार्च, 2020 तक बढ़ाई गई समय सीमा

सीबीडीटी ने सोमवार को कहा कि स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार से लिंक करने की अंतिम तिथि अगले साल मार्च तक बढ़ा दी गई है.

इसके पहले की समय सीमा मंगलवार, 31 दिसंबर थी. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139AA की उपधारा 2 के तहत पैन को आधार से जोड़ने की नियत तारीख 31 दिसंबर, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक बढ़ा दी गई है, विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह जानकार दी है.

सांकेतिक तस्वीर.

यह आठवीं बार हुआ है, जब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने लोगों को अपने पैन को आधार से जोड़ने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है. उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में केंद्र की प्रमुख आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध घोषित किया था और कहा था कि I-T रिटर्न दाखिल करने और पैन के आवंटन के लिए बायोमेट्रिक आईडी अनिवार्य रहेगा.

आयकर अधिनियम की धारा 139 एए (2) में कहा गया है कि 1 जुलाई, 2017 को पैन रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति और आधार प्राप्त करने के लिए पात्र है, उनको अपना आधार नंबर कर अधिकारियों के साथ साझा करना होगा. आधार को भारत के निवासी और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी किया जाता है और PAN एक व्यक्ति, फर्म या संस्था को I-T विभाग द्वारा आवंटित 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर है. सीबीडीटी, जो कि कर विभाग के लिए फ्रेम पॉलिसी है, उसने कहा कि इस संदर्भ में इसके लिए 107 नंबर की अधिसूचना जारी की गई है.

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रिटायरमेंट पर बोले सेना प्रमुख- बिपिन रावत सिर्फ एक नाम, टीम वर्क से ही बनते हैं आर्मी चीफ

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को थल सेना प्रमुख के पद से रिटायरमेंट ले लिया है. इस मौके पर साउथ ब्लॉक में सेना मुख्यालय पर जनरल रावत को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. जनरल बिपिन रावत बुधवार को देश के पहले CDS के रूप में शपथ लेंगे.

अपने कार्यकाल के आखिरी दिन जनरल रावत ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना के सभी जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा, “आपके जरिए मैं अपने सब जवानों और फौजदारों को धन्यवाद देना चाहता हूं. सब वीर माताओं और बहनों का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं.”

जनरल रावत ने आगे कहा, “चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सिर्फ एक पद है, उस व्यक्ति को सेना के सभी जवान सहयोग करते हैं उसी सहयोग से देश की सेना आगे बढ़ती है. बिपिन रावत सिर्फ एक नाम है, लेकिन वो चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ तभी कहलाता है जब पूरी टीम मिल कर काम करती है.”

सभी जवानों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि मनोज मुकुंद देश की सेना को और आगे ले जाएंगे.” बता दें कि जनरल बिपिन रावत 2016 में थल सेना के प्रमुख बनें थे. उनकी जगह अब जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अगले थल सेना प्रमुख होंगे.

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सरकार 11वीं, 12वीं की छात्राओं को देगी स्मार्ट फोन, करना होगा ये काम

कैप्टन सरकार ने सत्ता में आने से पहले हर पढ़े-लिखे बेराेजगार युवक युवती काे स्मार्ट फोन देने का वादा किया था। इसका जिक्र कांग्रेस ने अपने चुनावी घाेषणा पत्र में भी किया था। लेकिन अब सरकार अपने किए वादे से मुकर गई। राज्य सरकार ने संबंध में नाेटिफिकेशन में संशाेधन किया है।

योजना के तहत अब केवल सरकारी स्कूलों में 2019-2020 के दौरान 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को स्मार्ट फोन मिलेंगे। दरअसल, कैप्टन सरकार ने 8 फरवरी 2019 के पंजाब स्मार्ट कनेक्ट स्कीम संबंधी नोटिफिकेशन के क्लाज 4.0 और 5.0 में संशोधन कर दिया है।

क्लाज 4.0 के तहत पंजाब के सरकारी स्कूलों में 12वीं कक्षा में पड़ रही नियमित छात्राओं या सरकारी आईटीआई, पाॅलिटेक्निक व कालेजों में अंडर ग्रेजुएट कोर्स के फाइनल ईयर में पढ़ रही नियमित छात्राएं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है उन्हें ही स्मार्टफोन दिए जाएंगे। सरकार ने नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया कि स्मार्ट फोन 11वीं-12वीं में पढ़ रही छात्राओं को ही देगी।

इस तरह का होगा स्मार्टफोन

संशोधित नोटिफिकेशन के क्लाज 5.0 के तहत, सरकार ने स्मार्टफोन और उसके नेटवर्क के न्यूनतम मापदंड भी तय कर दिए हैं। इसके अनुसार, स्मार्ट फोन का आपरेटिंग सिस्टम एंड्रायड ओरियो 8.0 होगा और प्रोसेसर 1.2 गीगाहर्टज, रैम 2 जीबी, मैमोरी 16 जीबी (128 जीबी तक बढ़ाई जा सकेगी), स्मार्टफोन का डिसप्ले साइज 5.0 इंच और रेजोलुशन 1280 गुना 720 पिक्सल होगा। फ्रंट कैमरा 5 मैगा पिक्सल और रियर कैमरा 8 मैगा पिक्सल का होगा। यह स्मार्ट फोन 4जी, 3जी और 2जी नेटवर्क को स्पोर्ट करेगा। इसकी बैटरी 2900 एमएएच की और स्मार्ट फोन की वारंटी एक साल की होगी।

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पिता की कैबिनेट में मंत्री बने आदित्य ठाकरे का कैसा रहा सियासी सफर, यहां पढ़िए

महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. इसमें 26 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों ने शपथ ले ली है. उद्धव कैबिनेट में उनके बेटे आदित्य ठाकरे को भी शामिल किया गया. जोकि सुर्खियों में रहा. छात्र राजनीति से निकले आदित्य ठाकरे पहली बार जनता की अदालत पर उतरे और जीत भी दर्ज की. उद्धव कैबिनेट में वो सबसे युवा मंत्री हैं.

महा विकास अघाडी के मंत्रिमंडल में हर वर्ग, हर आयु के नेताओं को जगह देने की कोशिश की गई. कैबिनेट में एक युवा चेहरा भी हो इसके लिए आदित्य को भी मंत्री पद दिया गया. आदित्य ठाकरे जब शपथ लेने के लिए मंच पर आए तो लोगों की नजरें उन पर टिकी हुई थी. पिता की पोशाक तो वही थी माथे पर तिलक और भगवा कुर्ता लेकिन बेटा बिल्कुल अलग. आदित्य ठाकरे काले रंग का बंद गले को सूट पहने हुए थे.

महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार का परचम हमेशा से ही लहराता रहा है. लेकिन ठाकरे परिवार का कोई सदस्य कभी भी चुनाव नहीं लड़ा. पहली बार आदित्य ठाकरे को चुनाव लड़ाया गया और उन्होंने ठाकरे सियासत पर जीत से शुरूआत की.

वर्ली से शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है. 2010 की बात है, उस समय आदित्य सिर्फ 20 साल के थे और सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ ही रहे थे. आदित्य ठाकरे सबसे पहले सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने रोहिंटन मिस्त्री की किताब ‘सच अ लॉन्ग जर्नी’ का जबरदस्त विरोध किया था. उन्होंने शिवसेना के छात्र विंग की कमान संभाली थी और अपने पीछे पूरे संगठन को इस तरह खड़ा किया. आदित्य की अगुवाई में आंदोलन ने इतना बड़ा स्वरूप लिया कि मुंबई विश्वविद्यालय ने उस किताब को सिलेबस से बाहर करने का निश्चय किया.

आदित्य ठाकरे ने युवा सेना को और ज्यादा विस्तार दिया. हजारों युवाओं को इससे जोड़ा. 2017 और 2018 में शिवसेना का छात्र संगठन युवा सेना बहुत तेजी से शिखर तक पहुंच गई. जब मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट के चुनाव में युवा सेना ने सभी 10 सीटें जीत लीं. उसके सामने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद थी, जिसे एक भी सीट नहीं मिली थी.

मात्र 29 साल के आदित्य ठाकरे शिवसेना की युवा सेना के प्रमुख हैं. वह लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. सोमवार को जब उन्होंने शपथ ली तो अपना पूरा नाम आदित्य रश्मि उद्धव ठाकरे लिया. यानी अपने पूरे नाम में उन्होंने अपनी माता का नाम भी लिया.

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मोबाइल बैंकिंग के लिए ये टाॅप दस ऐप है, उनके बारे में जानें

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में आपको खाता है तो मोबाइल बैंकिंग के लिए एसबीआई की ऐप है जो आपके लिए बहुत ही काम की साबित हो सकती है। इसमें खाता की पूरी जानकारी मिल जाती है। इसके द्वारा घर बैठे बैंकिंग बैलेंस पूछताछ, मिनी स्टेटमेंट, फंड ट्रांसफर जैसे काम कर सकते हैं। इसके अलावा भी दूसरे बैंक की ऐप आती है जो कि काफी काम की साबित हो सकती है जिसके बारे में आपको विस्तार से जानकारी देते हैं-

इसके अलावा भी कई ऐप्स आते है अब हम आपको दूसरे बैंक की ऐप्स के बारे में जानकारी दे तो आईसीआईसीआई बैंक की भी मोबाइल ऐप आती है जिसकी मदद से आप पैस ट्रांसफर कर सकते हो और इसके अलावा ये भी जानकारी ले सकते हो कि इसमें कितना बैंलेस है। इससे फोन में बैंलस भी कर सकते हो। इसको प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हो।

एक्सिस बैंक की भी मोबाइल ऐप आती है जिसके द्वारा आप कई काम घर बैठे कर सकते हो। इसके अलावा भी इसमें आपको पानी का बिल ट्रांसफर कर सकते हो। इसमें बिजली का बिल भर सकते हो। इसके द्वारा आप पैस भी ट्रांसफर कर सकते हो।

बैक आफ इडिया का ऐप भी आता है जिससे आप पैसे ट्रांसफर कर सकते हो। इसके द्वारा आप कई फायदे उठा सकते हो। इसमें आपको कई अन्य सुविधा भी मिलती है। बैंक से संबधित तमाम काम इस ऐप से कर सकते हो। इसके अलावा भी पीएनबी की ऐप भी आती है। इलाबाद बैंक ऐप, कैनरा बैंक ऐप बैंक आफ बडौदा, यनियन बैंक आफ इडिया आदि बैंकों की ऐप आती है।

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चने खाने से खत्म हो जाते हैं ये रोग, जानिए नाम

भुने हुए चने में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, फॉस्फोरस, पोटैशियम इत्यादि तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं और इसका सेवन करने से शरीर के कई रोग ठीक हो जाते हैं । अगर आप भुने हुए चने का सेवन रोजाना करेंगे तो आपके शरीर की ताकत भी काफी ज्यादा बढ़ जाएगी । आइए जानते हैं भुने हुए चने के कुछ फायदों के बारे में ।

भुने हुए चने के सेवन से खत्म हो जाते हैं यह तीन रोग –

1) यदि आप कमजोरी से परेशान है या आपका शरीर कमजोर हो चुका है तो भुने हुए चने का सेवन रोजाना करें क्योंकि इसके सेवन से कमजोरी दूर हो जाती है और शरीर ताकतवर बन जाता है ।

2) भुने हुए चने में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और अगर आप इसका सेवन करेंगे तो आपके शरीर में कभी भी खून की कमी नहीं होगी और आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा हमेशा बरकरार रहेगी । 3) भुने हुए चने के सेवन से दांत और हड्डियां भी बिल्कुल मजबूत हो जाती है । इसलिए अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो चुकी है तो आप इसका सेवन जरूर करें ।

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ये हैं दशक के टॉप 10 सबसे ज्यादा फंड वाले भारतीय ऐप और स्टार्टअप

2019 लगभग समाप्त हो रहा है धीरे-धीरे वह समय जा रहा है जब युवा स्नातक होने के बाद, वे नौकरी करना चाहते थे, अब दृष्टिकोण बदल रहा है और स्टार्टअप बढ रहें हैं। आज इस पोस्ट में हम ऐसे स्टार्टअप्स के बारे में बतायेंगे जो पिछले 10 साल सबसे अधिक वित्त पोषित भारतीय स्टार्टअप रहे हैं ।

10. Delhivery

दिल्लीवरी भारतीय लॉजिस्टिक और कूरियर डिलीवरी कंपनी है जो 2011 में शुरू हुई थी। यह 2019 का पहला यूनिकॉर्न है। कंपनी ने अब तक 780 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग की है।

9. उडान

उडान बी 2 बी ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म है और इसे भारत के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले इकसिंगों में से एक भी कहा जाता है। इसकी स्थापना 2016 में हुई थी और इसने अब तक लगभग 870 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।

8. बिगबास्केट
बिगबास्केट भारत ई-किराना स्टार्टअप है। उन्होंने इस वर्ष बादशाह का दर्जा प्राप्त किया है। बिगबास्केट ने वर्ष 2011 में शुरू किया था और अब तक लगभग 885 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया है।

7. बायजू की

बायजू भारत का पहला एडटेक यूनिकॉर्न वर्ष 2011 में शुरू हुआ था। बायजू भारत में अग्रणी और सबसे तेजी से विकसित होने वाले शैक्षिक ऐप में से एक है। इसने अब तक करीब 970 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।

6. ग्रोफर्स

ग्रोफ़र्स एक रिटेल स्टार्टअप है और इसकी स्थापना वर्ष 2013 में हुई थी। ग्रोफ़र्स ने भारत के कुल 27 शहरों में अपने परिचालन का विस्तार किया है। वे गेंडा स्थिति पाने के लिए और गेंडा क्लब में शामिल होने के लिए दरवाजे पर हैं। अब तक, वे लगभग 1.2 बिलियन डॉलर जुटा चुके हैं।

4. स्विगी

स्विगी भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफॉर्म में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी। स्विगी के भारत के 500 शहरों के 1,60,000 से अधिक रेस्तरां भागीदार हैं। इसके पास 2.25 लाख से अधिक सक्रिय वितरण भागीदार भी हैं। अब तक, स्विगी ने 1.5 बिलियन डॉलर जुटाए हैं और उबरईट्स और जोमाटो से भारत में उनकी कड़ी प्रतिस्पर्धा है।

3. OYO रूम्स
ओयो रूम्स भारत की आतिथ्य कंपनी है जिसकी शुरुआत 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी। OYO रूम्स दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ने वाली सीरीज है इसकी फंडिंग $ 3 बिलियन से अधिक है।

2. ओला

ओला की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी और यह भारत का सबसे बड़ा आॅनलाईन राइड सर्विस है। ओला भारत की नेटवर्क ट्रांसपोर्ट कंपनी है जो उबर को कड़ी टक्कर देती है। इसने कुल 3.28 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है और अगर रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए, तो वे फंडिंग के एक और दौर की योजना बना रहे हैं, जो इसका मूल्यांकन $ 10 बिलियन तक ले जाएगा।

1. पेटीएम

पेटीएम भारत की ई-कॉमर्स भुगतान प्रणाली है जिसने भारत में डिजिटल भुगतान को जन्म दिया है। इसकी स्थापना विजय शेखर शर्मा ने वर्ष 2010 में की थी। पेटीएम दशक का सबसे अधिक वित्तपोषित स्टार्टअप है और इसने कुल 3.5 बिलियन डॉलर से अधिक का फंड जुटाया है। नवंबर तक, कंपनी के मूल्यांकन में $ 16 बिलियन का नुकसान हुआ।

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4 साल में वन क्षेत्र बढ़ा 13 हजार वर्ग किलोमीटर, जावड़ेकर ने जारी की रिपोर्ट

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को यहां कहा कि देश में पिछले चार सालों में 13 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। जावड़ेकर ने यह बात भारत में वनों की स्थिति पर इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 जारी करने के दौरान कही। जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया में जिन देशों में वन क्षेत्र बढ़ा है, उनमें भारत आगे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी नीतियों और जनसहभागिता के कारण देश में वनों का विकास संभव हुआ है।

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2017 की तुलना में 5199 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर में इजाफा हुआ है। फॉरेस्ट कवर जहां 3976 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है, वहीं ट्री कवर 1212 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। जावड़ेकर ने कहा कि वैसे पिछले चार वर्षों के दौरान जंगल क्षेत्र 13 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।

उन्होंने कहा, देश में पेड़ लगाने को लोग पुण्य मानते हैं और पेड़ कटाई के खिलाफ यहां आंदोलन चलते हैं। मुझे खुशी है कि फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट में साबित हुआ है कि दुनिया के चंद देश हैं, जहां जंगल बढ़ा है, उनमें भारत बहुत आगे है। भारत में जंगलों की हालत पर फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया हर दो साल पर रिपोर्ट जारी करता है।

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उत्तर भारत में पहाड़ी राज्यों जैसी भयानक ठंड, 2020 में इन चीजों की हो सकती है किल्लत

उत्तर भारत में ठंड का कहर बढ़ता ही जा रहा है। पहाड़ी राज्यों के मुकाबले इस बार राजधानी दिल्ली में भयानक ठंड पड़ रही है। दिल्ली में ठंड ने पिछले 118 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लेह में तापमान गिरने से सिंधु नदी जम गई है। द्रास सेक्टर में – 28 डिग्री सेल्सियस तापमान है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री तक छू चुका है। अगर ऐसे ही तापमान गिरता रहा तो देश में फल, सब्जी और दूध की किल्लत हो जाएगी।

सूख जाएंगे सेब के बाग
जनवरी 2019 में आई पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के चलते दूध के उत्पादन में 2020 में 1.6 मीट्रिक टन की कमी आ सकती है। साथ ही चावल समेत कई फसलों के उत्पादन में कमी आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाला वक्त में भारत को महंगी कीमत चुकानी पड़ सकती है। भारत 2050 तक फल-सब्जियों के अलावा दूध के लिए भी तरस जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेब की खेती समुद्र तल से 2500 फीट की ऊंचाई पर करनी होगी। क्योंकि अभी खेती 1230 मीटर की ऊंचाई पर होती है। आने वाले वक्त में गर्मी बढ़ने से सेब के बाग सूख जाएंगे।

इन फसलों पर होगा असर
बढ़ती सर्दी-गर्मी और मॉनसून के अनियंत्रित ठहराव या देरी से अगले साल भी फसलों पर असर दिखाई देगा। इन वजहों से 2020 में चावल के उत्पादन में 4-6 फीसदी, आलू में 11 फीसदी, मक्का में 18 फीसदी, सरसों में 2 फीसदी तक कमी आ सकती है। सबसे बुरा असर गेंहू पर होगा और इसकी उपज 60 लाख टन तक गिरेगी।

इन राज्यों में गिरेगा दूध का उत्पादन
रिपोर्ट के अनुसार, दूध के उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में देखने को मिलेगी। ग्लोबल वॉर्मिंग से इन राज्यों में गर्मी तेजी से बढ़ेगी। इससे पानी की कमी होगी और जिसका असर पशु उत्पादकता पर पड़ेगा।

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Monday, December 30, 2019

दुनिया की 5 सबसे ताकतवर नौसेना, जानें भारत की रैंकिंग

आज के वर्तमान समय में पूरी दुनिया अपने नौसेना को ताकतवर बनाने में जुटा हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की विश्व की सबसे ताकतवर नौसेना किस देश के पास हैं। आज इसी विषय में एक रिपोट के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे दुनिया के 5 सबसे ताकतवर नौसेना के बारे में। साथ ही साथ ये भी जानने की कोशिश करेंगे की इसमें भारतीय नौसेना किस नंबर पर हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।

1 .अमेरिका।

अमेरिका पूरे विश्व में सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है। इसकी नौसेना भी दुनिया में सबसे शक्तिशाली नौसेना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी नौसेना में वर्तमान समय में 322,421 नौसेनिक काम कर रहे हैं। इसके अलावा एक लाख से अधिक नौसैनिक रिजर्व हैं।

2 . रूस।

रूस की नौसेना दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर नौसेना हैं। उनके पास फाइटर जहाज, पैट्रोलिंग के लिए जहाज आदि है। इसके साथ ही रूस की नौसेना के पास 62 पनडुब्बियां भी हैं। जो इसे दुनिया में सबसे ताकतवर बनाती हैं।

3 .चीन।

चीनी नौसेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और ताकतवर नौसेना हैं। चीन के पास बड़ी संख्या में जंगी जहाज हैं जो इनसे ताकतवर बनाते हैं।

4 .भारत।

भारत की नौसेना दुनिया में चौथी सबसे ताकतवर नौसेना हैं। इस समय भारत के पास बड़ी संख्या में नौसेनिक मौजूद हैं जो दिन रात देश की सुरक्षा में चाक चौबंद रहते हैं।

5 .जापान।

विश्व के सबसे ताकतवर नौसेना के लिस्ट में जापान पांचवे नंबर पर हैं। जापान के पास 154 जहाज और पचास हजार से अधिक नौसेनिक हैं। जो इन्हे दुनिया में सबसे ताकतवर बनाते हैं।

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जर्मनी को पछाड़कर 2026 में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत

भारत 2026 में जर्मनी को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2034 में जापान को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2026 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. हालांकि, सरकार ने देश को 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है. ब्रिटेन स्थित सेंटर फोर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) की रिपोर्ट ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल 2020′ के अनुसार,’भारत 2019 में ब्रिटेन और फ्रांस दोनों को निर्णायक तौर पर पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. अब भारत के 2026 में जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथी तथा 2034 में जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने का अनुमान है. सीईबीआर ने कहा कि जापान, जर्मनी और भारत में अगले 15 साल तक तीसरे स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा चलेगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के भारतीय अर्थव्यवस्था को 2024 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के सवाल पर रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘भारत पांच हजार अरब डालर की जीडीपी 2026 में हासिल कर लेगा. सरकार के तय लक्ष्य के मुकाबले दो साल बाद.’

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जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत,जापान भी होगा पीछे

भारत 2026 में जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। यूके स्थित सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च(सीईबीआर) की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

रिपोर्ट में यह भी उम्मीद जताई गई है कि भारत 2034 में जापान से आगे निकल जाएगा और अमेरिका, चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। सीईबीआर ने यह भी कहा है कि भारत की जीडीपी 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। हालांकि, मोदी सरकार ने इस लक्ष्य के लिए 2024 निर्धारित किया है।

‘वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल 2020’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है, भारत 2019 में फ्रांस और यूनाइडेट किंगडम (यूके) को पीछे छोड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। इस संस्था के मुताबिक, अगले 15 सालों तक भारत, जापान और जर्मनी के बीच तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहने के लिए लड़ाई होगी। हालांकि, अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं दिख रहा।

हाल ही में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगाराजन ने कहा था, मौजूदा विकास दर के हिसाब से भारत 2024-25 में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, ऐसा मुमकिन नहीं।

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इन 5 मंदिरों के दर्शन कर करें नए साल का आगाज़, जानिए क्या-क्या मिलेंगे लाभ

नया साल 2020 इस बार बुधवार से प्रारंभ हो रहा हैं। बुधवार बेहद ही सुखद वार हैं। इसलिए इस दिन देश के प्रमुख मंदिरों में दर्शन करने अवश्य जाए। हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोग मिलजुलकर रहते हैं, जिससे हमारे देश को एक अलग ही पहचान मिलती हैं। इसलिए आप इस बार नये वर्ष 2020 के पहले दिन देश के प्रमुख इन 5 मंदिरों में दर्शन करने जरूर जाए। अगर इन 5 प्रमुख मंदिरों में से आपके आसपास कोई भी मंदिर हो तो आप यह मौका नही गवाएं। यहाँ दर्शन कर आप पूरा वर्ष सुख से बिताएंगे। देश के प्रसिद्ध इन 5 मंदिरो के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

1. शिर्डी साई बाबा मंदिर-

शिर्डी का साई बाबा मंदिर देश ही नहीं बल्कि विश्व प्रसिद्ध हैं। यह महाराष्ट्र में स्थित हैं। साई बाबा के मंदिर में दर्शन करने हेतु भारत के अलावा अन्य देश के श्रद्धालु पहुँचते हैं। शिर्डी साई बाबा की जन्म भूमि हैं। साई बाबा के अनुयायियों के लिए यह एक बहुत ही बड़ा तीर्थ स्थल हैं। बाबा के दर्शन करने हेतु हर धर्म- हर समाज का व्यक्ति पहुँचता हैं। साई बाबा मंदिर में प्रतिवर्ष 30 से 35 करोड़ रुपये दान के रूप में आते हैं। क्योंकि यहाँ हर धर्म का व्यक्ति आता हैं। इसलिए आप इस नववर्ष का आगाज शिर्डी जाकर साई दर्शन कर अवश्य करें।

2. काशी विश्वनाथ मंदिर-

काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित हैं जो भगवान शिव के नाम से देश ही नही बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर माँ गंगा में स्नान कर पवित्र डुबकी लगाए जाने हेतु भी प्रसिद्ध हैं। कहा जाता हैं कि गंगा नदी में डुबकी लगाकर काशी के भगवान शिव के दर्शन करने से हर तरह के पाप से मुक्ति मिलती हैं। इसलिए आप इस नववर्ष 2020 का स्वागत गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाकर अवश्य करें।

3. वैष्णो देवी मंदिर-

वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू में स्थित हैं। वैष्णो देवी माता का यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित हैं। जो भारत भर में हिंदू समाज के प्रमुख मंदिर में से एक हैं। माँ शक्ति को समर्पित होने के कारण इस मंदिर की ख्याति पूरे विश्व में फैली हुई हैं। इसलिए यहाँ हर वर्ष 8 से 10 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर परिवार के साथ आनंद लेने का एक बड़ा तीर्थ स्थल भी हैं। यहाँ दर्शन करने वाले श्रद्धालु की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। मंदिर पर पहुँचने के बाद जो नजारा देखने को मिलता हैं वह काफी सुखद आनंद की अनुभूति प्रदान करता है। आप इस मंदिर पर पहुँचकर वर्ष 2020 के पहले दिन सूर्य की पहली किरण के साथ माता के दर्शन नए वर्ष का स्वागत जरूर करें।

4. सिद्धिविनायक मंदिर-

महाराष्ट्र में स्थित सिध्दिविनायक मंदिर भगवान गणेश का एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर हैं। इस मंदिर में सोने एवं लकड़ी के दरवाजे अष्टविनायक की छवियों को तराशकर बनाये गये हैं। इस मंदिर में दर्शन करने से भगवान गणेश सिद्धि प्रदान करते हैं। इस बार नया वर्ष 2020 बुधवार से प्रारंभ हो रहा हैं और बुधवार भगवान गणेश का प्रिय दिन हैं। इसलिए आप नये वर्ष का स्वागत भगवान गणेश के दर्शन करने से ही करें। क्योकि बुधवार के दिन गणेशजी आपकी हर समस्या का समाधन करेंगे और आपका वर्ष सुखमयी बीतेगा।

5. सोमनाथ मंदिर-

सोमनाथ मंदिर गुजरात में स्थित हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से पहला ज्योतिर्लिंग यहाँ होने से यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं। बताया जाता हैं कि यहाँ पर भगवान शिव हर तरह का अभिशाप दूर करते हैं। चंद्रदेव ने इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के अभिशाप से मुक्त होने के बाद किया था। नववर्ष 2020 की प्रथम सुबह आप सोमनाथ में भगवान शिव के पवित्र पहले ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से करें। यहाँ देश भर से लाखों भक्त दर्शन करने पहुँचते हैं। चमत्कारी मंदिर होने से यहाँ आस्था का सैलाब उमड़ता हैं। इसलिए आप नववर्ष का आगाज अपने परिवार के साथ जरूर यही से करें।

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यह है वो स्थान जहा हुआ था शिव-पार्वती का विवाह

हिन्दू सभ्यता में रुद्रप्रयाग में स्थित ‘त्रियुगी नारायण’ एक ऐसी पवित्र जगह है, जहा के लिए माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर से लोग संतान प्राप्ति के लिए इकट्ठा होते हैं और हर साल सितंबर महीने में बावन द्वादशी के दिन यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है. भगवान् शिव को यहाँ पर बहुत मानते है |

आज भी प्रज्वलित है विवाह मंडप की अग्नि
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर से आगे गौरी कुंड कहे जाने वाले स्थान माता पार्वती ने तपस्या की थी जिसके बाद भगवान शिव ने इसी मंदिर में मां से विवाह किया गया था. जिनकरी के अनुसार बता दें यह कहते हैं कि उस हवन कुंड में आज भी वही अग्नि जल रही है.

देशभर से आते हैं लोग…
संतान प्राप्ति के लिए इस अग्नि का आशीर्वाद लेने के लिए देश के हर हिस्से से लोग आते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान केदारनाथ की यात्रा से पहले यहां दर्शन करने से ही प्रभु प्रसन्न होते हैं. दूर दूर से यहाँ भक्तगण अपनी मनोकामनाएं पूरी करने आते है|

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बद्रीनाथ धाम से जुड़ी ये अनोखी बाते कम लोगो को ही है पता

सृष्टि का आठवां वैकुंठ कहलाने वाले बद्रीनाथ धाम के बारे में सभी लोग जानते है बाबा बद्रीनाथ के दर्शन करने वाला बहुत अधिक सौभाग्यशाली होता है यह हिन्दुओं के चार धामों में से एक धाम है.जो अलकानंदा नदी के किनारे उत्तराखंड राज्य में स्थित है. यहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में रहते हैं और 6 माह जागते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं बद्रीनाथ धाम से जुड़ी वो 7 बातें जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा.

बद्रीनाथ धाम से जुड़ी एक मान्यता है कि ‘जो आए बदरी, वो न आए ओदरी’. इसका मतलब जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन एक बार कर लेता है उसे दोबारा माता के गर्भ में नहीं प्रवेश करना पड़ता है | इसके अलावा बद्रीनाथ के बारे में कहा जाता है कि यहां पहले भगवान भोलेनाथ का निवास हुआ करता था परन्तु बाद में भगवान विष्णु ने इस स्थान को भगवान शिव से मांग लिया था. बद्रीनाथ धाम दो पर्वतों के बीच बसा है. इन्हें नर नारायण पर्वत कहा जाता है. कहा जाता है कि यहां भगवान विष्णु के अंश नर और नारायण ने तपस्या की थी.नर अपने अगले जन्म में अर्जुन तो नारायण श्री कृष्ण के रूप में पैदा हुए थे.

ऐसी मान्यता है कि केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं उस समय मंदिर में जलने वाले दीपक के दर्शन का खास महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि 6 महीने तक बंद दरवाजे के अंदर देवता इस दीपक को जलाए रखते हैं. बद्रीनाथ के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं. कहा जाता है कि जब तर यह लोग रावल पद पर रहते हैं इन्हें ब्रह्माचर्य का पालन करना पड़ता है.इन लोगों को लिए स्त्रियों का स्पर्श वर्जित माना जाता है. केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि केदारनाथ के रावल के निर्देशन में उखीमठ में पंडितों द्वारा तय की जाती है. इसमें सामान्य सुविधाओं के अलावा परंपराओं का ध्यान रखा जाता है. यही कारण है कि कई बार ऐसे भी मुहूर्त भी आए हैं जिससे बदरीनाथ के कपाट केदारनाथ से पहले खोले गए हैं. जबकि आमतौर पर केदारनाथ के कपाट पहले खोले जाते हैं.

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रास्ते में नोट मिलने से पड़ता है ये असर, सड़क का सिक्का देता है आपको ये संकेत

आपको भी कभी रास्ते चलते पैसे मिले होंगे. वेशक अचानक पैसे मिलने से खुशी मिलती है. कई लोग इन पैसों को अपनी जरूरत के कामों में इस्तेमाल कर लेते हैं तो कई लोग इन पैसों को धार्मिक काम में दे देते हैं या फिर गरीब बच्चों को दे देते हैं. खैर, हम रास्ते में मिले इन पैसों के इस्तेमाल के बारे में नहीं बता रहे हैं बल्कि इन पैसों के मिलने के संकेत के बारे में बता रहे हैं. जानिए अगर रास्ते में सिक्का मिले तो इसका क्या मतलब होता है और अगर नोट मिले तो इसका क्या मतलब है.

शास्त्रों के अनुसार अगर आपको रास्ते में कोई सिक्का मिलता है तो आपको सफलता के संकेत मिल रहे हैं. यानि आपके काम में नई शुरुआत हो सकती है और अगर आप जिस काम के लिए निकल रहे हैं उसका सफल होना तय है. या फिर आप जिस योजना का विचार कर रहे हैं उसका सही समय आ गया है.

वहीं अगर रास्ते में नोट मिले तो समझ जायें कि आपको अपने कारोबार या नौकरी में ध्यान देना बहुत जरूरी है. परिस्थितियों को गंभीरता से देखने के लिए रास्ते में मिला नोट संकेत देता है. आपको मनचाही सफलता मिलेगी, बशर्ते आप अपने ऊपर नियंत्रण और विश्वास दोनों कायम रखें.

इसके अलावा रास्ते में मिले पैसे इस बात के संकेत भी देते हैं कि पूर्वज आपको इन सिक्कों के जरिए अपना आशीर्वाद आप तक पहुंचाना चाहते हैं.

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पीएम मोदी ने शेयर किया आध्यत्मिक गुरु वासुदेव का सीएए को समर्थन वाला वीडियो

पीएम नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में आध्यात्मिक प्रवचनकर्ता सद्गुरु जग्गी वासुदेव का एक वीडियो का साझा किया है। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए लिखा कि आप सद्गुरु से सीएए से जुड़े विभिन्न पहलुओं को बारे में विस्तार से सुनें। पीएम मोदी ने कहा कि सद्गुरु ने इसमें ऐतिहासिक संदर्भों, भाईचारे की हमारी संस्कृति पर सुंदर ढंग से प्रकाश डाला है। उन्होंने निहित स्वार्थी समूहों द्वारा गलत सूचना फैलाए जाने के बारे में भी बताया है। उधर वासुदेव ने सीएए और एनआरसी का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि मेरी राय में, यह कदम बहुत देर से उठाया गया है। यह केवल धार्मिक उत्पीड़न पर केंद्रित है।

समर्थन में टाइम्स स्कॉयर पर एकत्र हुए लोग
अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों ने सीएए के प्रति समर्थन जताने के लिए विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम किए और सीएए को भारत सरकार की तरफ से उठाया गया ऐतिहासिक कदम करार दिया। भारतीय-अमेरिकियों का एक समूह रविवार को टाइम्स स्कॉयर पर एकत्र हुआ। उनके हाथ में पोस्टर थे और वे सीएए और नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थन में नारे लगा रहे थे।

इन पोस्टरों पर लिखा था, सीएए मानवाधिकारों के बारे में है। हम सम्मान के साथ जीने के अल्पसंख्यकों के अधिकार का समर्थन करते हैं। प्रवासी भारतीय सीएए का समर्थन करते हैं।

इन लोगों ने हम मोदी का समर्थन करते हैं और हम सीएए का समर्थन करते हैं, के नारे भी लगाए। इस समर्थन रैली में ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी-यूएसए (ओएफबीजेपी) के अध्यक्ष कृष्णा रेड्डी अनुगुला और संगठन के अन्य सदस्य शामिल थे।

रेलवे की 80 करोड़ रुपये की संपत्ति हुई नष्ट
रेलवे ने कहा है कि सीएए कानून के विरोध प्रदर्शनों के चलते उसकी 80 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई है। रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि जो लोग इसमें शामिल रहे हैं, उनसे इस नुकसान की भरपाई की जाएगी।

असम में पर्यटन उद्योग को चार सौ करोड़ का नुकसान
सीएए के खिलाफ बीते लगभग तीन सप्ताह से जारी विरोध प्रदर्शनों की वजह से असम के पर्यटन उद्योग को लगभग चार सौ करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। असम और पूर्वोत्तर इलाके में पर्यटन का सीजन नवंबर में शुरू होता है और दिसंबर में यहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं।

लेकिन इस साल प्रदर्शनों की वजह से हजारों पर्यटकों ने आखिरी मौके पर अपनी बुकिंग रद्द कर दी। असम पर्यटन विभाग के अध्यक्ष जयंत मल्ल बरुआ ने बताया कि वर्ष 2018 नवंबर से इस साल जनवरी के बीच राज्य में साढ़े चार हजार विदेशी औऱ सवा चार लाख घरेलू पर्यटक आए थे। इस दौरान कुल 1500 करोड़ का राजस्व मिला था।

विरोध, वोट बैंक की राजनीति: गोवा सीएम
गोवा सीएम प्रमोद सावंत ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा है कि विपक्ष इसे लेकर भ्रम फैला रहा है और यह महज वोट बैंक की राजनीति है। यह विपक्ष का हताशा भरा कदम है।

चेन्न्ई में सीएए विरोधी रंगोली
चेन्नई। सीएए कानून के प्रति विरोधस्वरूप रंगोली बनाने का काम सोमवार को भी कई जगह किया गया। हालांकि रविवार को पुलिस ने ऐसी रंगोली बनाने पर आठ लोगों को हिरासत में ले लिया था। इनमें से पांच महिलाएं हैं। ये लोग कई घरों में गये थे और मकान मालिक की अनुमति के बाद उसके दरवाजे पर रंगोली बनाई गई थी। इसमें नो टू सीएए और नो टू एनआरसी लिखा था।

ममता ने पुरूलिया में किया विरोध प्रदर्शन
पुरूलिया। प.बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने सीएए कानून के विरोध में रैली निकाली। इस रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिना किसी गलती के वोटर लिस्ट में नाम जुड़वां लें। केवल यह एक काम कर लीजिए। हम एक भी आदमी को निकलने नहीं देंगे। यह हमारा वादा है।

पार्टी कार्यकर्ता सीएए विरोधी हिंसा पीड़ितों की मदद करें: राहुल गांधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए या घायल हुए लोगों के परिवारों की हरसंभव सहायता करें।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, पूरे भारत में कई नौजवान पुरुष एवं महिलाएं सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए घायल हुईं और यहां तक कि कुछ की तो मौत भी हो गई। मैं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे पीड़ितों के परिवारों से मिलें और हरसंभव सहायता प्रदान करें। गांधी ने हालिया असम दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि, शनिवार को मैंने असम में मारे गए दो नौजवानों के परिवारों से मुलाकात की थी।

वामदलों का जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
वामदलों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। माकपा और भाकपा सहित अन्य वामदलों ने इस पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुये लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये धरने का आयोजन किया था।

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में न्यू ईयर पर आतिशबाजी ना करने की हुईं मांग, आप भी जानिए

आतिशबाजी को 50 से ज्यादा जंगलों में लगी आग को देखते हुए इस बार रद्द करने की मांग की जा रही है। इसके लिए एक ऑनलाइन पिटीशन के जरिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया है। इसमें मांग की गई है कि कार्यक्रम पर खर्च होने वाली रकम आग से प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के लिए राहत कार्यों पर खर्च की जाए। अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने इसके समर्थन में हस्ताक्षर किए हैं।

सिडनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘मौजूदा समय में आतिशबाजी रोकने की मांग सराहनीय है, लेकिन इससे प्रभावितों को ज्यादा मदद नहीं मिलेगी। आतिशबाजी की तैयारियां 15 महीने पहले शुरू हो चुकी थी। कुल बजट का करीब 50 फीसदी हिस्सा साफ-सफाई और सुरक्षा उपायों पर खर्च हो चुका है। आयोजन रद्द करने से खर्च की रकम की बचत न के बराबर होगी। सिडनी काउंसिल पहले ही किसानों के लिए करीब 5 करोड़ रु. दान कर चुकी है।

सिडनी काउंसिल के मुताबिक, आयोजन रद्द होने से दुनियाभर से इसे देखने के लिए आने वाले लोगों को परेशानी होगी। दूसरे देशों के हजारों लोगों ने फ्लाइट, होटल और और रेस्टोरेंट की बुकिंग कर ली है। अगर इसे कैंसल किया गया तो स्थानीय व्यापार पर असर पड़ेगा।

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शीतलहर ने दिल्ली में धवस्त किया 119 साल का रिकॉर्ड, दर्ज हुआ मौसम का सबसे ठंडा दिन

एक पखवाड़ के अंदर दिल्ली-एनसीआर में पड़ी रही कड़ाके सर्दी ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़े हैं। वहीं एक बार फिरसे सोमवार को सर्दी ने एक और रिकॉर्ड तोड़ दिया है। राजधानी दिल्ली में शीतलहर ने 119 वर्ष का रिकॉर्ड धवस्त कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक सोमवार दोपहर दो बजकर 30 मिनट पर सफदरगंज में दिन का अधिकतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि दूसरा सबसे ठंडा दिसम्बर महीना है। इससे पहले दिसम्बर में दिल्ली का यह तापमान साल 1901 में दर्ज किया गया था।

वहीं मौसम विभाग के अन्य वेधशाला के में दिन के तापमान में भी कमी दर्ज किया गई। पालम में 9, आयानगर में 7.8 और लोधी रोड में 9.2 डिग्री सेल्सियस दिन का तापमान दर्ज किया गया है। 1901 यानी 119 वर्ष बाद दिल्ली में दिसम्बर महीने में इतना नीचे पारा पहुंचा था। वहीं 28 दिसम्बर 1997 को भी दिल्ली का तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस पहुंचा गया था। वो भी सबसे ठंडा दिन माना गया था।

मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह साढे आठ बजे हवा में नमी का स्तर 100 फीसदी रहा। दिन के समय ठंडी का एहसास बना रहेगा, जबकि अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने की संभावना जताई गई है।

कोहरे ने ट्रेने और फ्लाइट की रोकी गाति

दिल्ली एनसीआर में सोमवार को भीषण कोहरा पड़ने से विजिबिलिटी में कमी थी। जिसका सीधा प्रभाव दिल्ली एयरपोर्ट और रेलवे पर पड़ा है। दृश्यता कम होने के चलते 21 फ्लाइटों को डाइवर्ट करना पड़ा, जबिक पांच उड़ानों को रद्द करना पड़ा। वहीं 500 उड़ानों में देरी हुई है। कोहरे की दृष्यता काफी होने की वजह से उत्तर रेलवे रीजन में 30 ट्रेनें देरी से दौड़ रही हैं। हालांकि अभी तक कोई भी ट्रेन की रद्द होने की सूचना नहीं मिली है।

वायु प्रदूषण से भी दिल्ली एनसीआर के लोग बेहाल

राजधानी दिल्ली में इस समय ठंड के साथ कोहरे का लोगों को डबल डोज मिल रहा है। कोहरे की वजह से हवा की रफ्तार थम गई है,जिससे चलते वायु प्रदूषण ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक सोमवार की सुबह आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 462, मंदिर मार्ग में 433, द्वारका सेक्टर- 8 में 467, आईटीओ दिल्ली में 450, रोहिणी में 449, फरीदाबाद में 347 औक उत्तर प्रदेश के नोएडा में 373 पर दर्ज किया गया, जोकि इन सभी जगहों पर एक्यूआई का स्तर “खतरनाक” श्रेणी के स्तर पर पाया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ और निचले स्तर पर तेज हवाओं के प्रभाव से 31 दिसम्बर की शाम से दिल्ली व एनसीआर में हवा की रफ्तार में तेजी आई गई। वहीं नए साल के जश्न में दिल्लीएनसीआर के लोगों को हल्की बारिश का सामना करना पड़ेगा। यह सिलसिला 2 जनवरी से शुरु होकर 3 जनवरी तक चलेगा। उसके बाद एक बार फिरसे मौसम में परिवर्तन दिखाई देगा। 4 व 5 जनवरी को घना कोहरा पड़ने की उम्मीद जताई गई है। इस पूरे हफ्ते न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: 7 डिग्री और 16 डिग्री तक जाने की संभावना हैं। हालांकि बीच में शहर के तापमान में उतार चढाव होने की संभावना है।

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घटाना है वजन तो ये असरदार सूप आएगा काम, फौरन रिजल्ट मिलेंगे कमाल

मोटापे के लिए हमारे शरीर में मौजूद कुछ हार्मोंस जिम्‍मेदार होते हैं अगर मोटापे से बचना है तो उन हार्मोन्स को नियंत्रण में करना होगा या फिर उनका स्‍तर कम करने की आवश्‍यकता पड़ती है। आपको बताना चाहेंगे की यदि आप वजन कम करना चाहते है तो उसके लिए जरूरी है एक अच्छी डाइट को अपनाना। कई लोगों की शिकायत होती है कि कुछ खाते ही तुरंत उनका वजन बढ़ जाता है, ऐसे में वो कुछ भी खाते वक़्त यह सोचकर परेशान रहते है कि आखिर कितनी चीजें छोड़ी जाएं और इसी चक्कर में वो पूरी तरह खाना ही छोड़ देते हैं जो उनके स्वस्थ्य पर बुरा असर डालता है।

यदि आप तेजी से एक्स्ट्रा वजन कम करना चाहते है तो सूप लेना शुरू कर सकते है, वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज और हर विकल्पों में सबसे बेहतर है कि वजन कम करने वाली डाइट को अपनाया जाए। ऐसी स्थिति में तेजी से अतिरिक्त वजन कम करने के लिए कुछ सूप लेना शुरू कर सकते हैं। बताना व्केचाहेँगे की इसके सेवन से न सिर्फ समय बचेगा बल्कि शरीर को पर्याप्त पोषण भी मिलेगा।

वजन कम करने के लिए सफेद बीन का सूप सबसे ज्यादा कारगर है, इसमें शुगर, फैट और सोडियम काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है साथ ही यह काफी पौष्टिक भी होता है। इसके अलावा आप चाहें तो वजन कम करने के लिए ब्रोकली का सूप भी पिया जा सकता है। बता दे की यह सूप तेजी से वजन कम करता है साथ ही इसमें फाइबर भी होता है।

अगर आप लौकी का सूप पीते है तो आपको बता दे की यह भी आपका वजन कम करने में काफी कारगर साबित होता है।

वजन कम करने के लिए हरे प्याज और आलू का सूप भी आप अपने में डाइट में शामिल कर शरीर को जरूरी पौष्टिक तत्व भी उपलब्ध करा सकते है।

वजन कम करने के लिए गाजर के सूप को धनिए के साथ भी ले सकते है इसमें शुगर बहुत कम होता है। 100 ग्राम गाजर के सूप में सिर्फ 1.2 ग्राम फैट ही पाया जाता है।

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ये है भारत के 5 सबसे शिक्षित राज्य, पहला नाम जानकर यकीन नहीं करोगे

5. गोवा

गोवा भारत का पांचवा सबसे शिक्षित राज्य माना जाता है। बता दें क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। गोवा की साक्षरता दर 87.40% है। अगर बात 2001 की जाये तो तब गोवा भारत का चौथा सबसे शिक्षित राज्य था।

4. त्रिपुरा

त्रिपुरा को भारत का चौथा सबसे शिक्षित राज्य माना जाता है। यहाँ मुख्य रूप से बंगाली, ककबरक और अंग्रेजी भाषाएँ बोली जाती हैं। त्रिपुरा की कुल साक्षरता दर 87.75% है, जो कि पिछले कुछ सालों में बड़ी तेजी से बढ़ी है। त्रिपुरा 1956 में भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ और 1972 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।

3. मिजोरम

मिजोरम को भारत का तीसरा सबसे शिक्षित राज्य माना जाता है। बता दें मिजोरम की साक्षरता दर 91.58% है। 20 फरवरी 1987 को गठित यह राज्य आज 8 ज़िलों के साथ नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, फिर बात चाहे शिक्षा की हो या किसी भी अन्य क्षेत्र की, यह राज्य छोटा और सुदूर होने के बावजूद खूब तरक़्क़ी कर रहा है।

2. लक्ष्यदीप

लक्षद्वीप भारत का दूसरा सबसे शिक्षित राज्य है। यहाँ की साक्षरता दर 92.28% है। भारत के सभी केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सब से छोटा राज्य है। लक्षद्वीप-समूह की उत्तपत्ति प्राचीनकाल में हुए ज्वालामुखी विस्फोट से निकले लावा से हुई है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 300 कि॰मी॰ दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में स्थित है। मात्र 32 किलोमीटर में फैला यह राज्य, सिर्फ़ 64,473 जनसंख्या के साथ देश का दूसरा सबसे शिक्षित राज्य है।

1. केरल

केरल को भारत का सबसे शिक्षित राज्य माना जाता है। बता दें केरल की वर्तमान साक्षरता दर 93.91% है। केरल की शिक्षा व्यवस्था भारत के अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा आधुनिक है। केरल के विकास मॉडल में शिक्षा और स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण स्थान है। केरल में स्कूल, कॉलेजों का संचालन राज्य सरकार या फिर निजी संगठन करते हैं। केरल की शिक्षा व्यवस्था भारत के अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा आधुनिक है।

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यह हैं दुनिया के 5 सबसे महंगे स्कूल, नंबर 1 की फीस जानकर उड़ जाएंगे होश

5. मायो कॉलेज यह स्कूल राजस्थान के अजमेर में स्थित है। इस स्कूल में भी सिर्फ लड़के पढ़ते हैं इसीलिए इसका नाम वॉइस रेजिडेंशियल पब्लिक स्कूल रखा गया है। बता दें इसकी नींव 1875 में रखी गई थी और ऐसा कहा जाता है कि भारत का सबसे पुराने बोर्डिंग स्कूल में इसका नाम शामिल है। इसकी सालाना फीस 5,14,000 रुपए है।

4. सिंधिया स्कूल

यह दुनिया का चौथा सबसे महंगा स्कूल माना जाता है। यह स्कूल ग्वालियर में है और उसकी ओपनिंग 1897 में हुई थी। इस स्कूल को खोलने वाले महाराजा का नाम माधव राय सिंधिया है। इस स्कूल के अंदर हमारे बॉलीवुड इंडस्ट्री के दबंग खान सलमान खान और भारत देश के सबसे अमीरों में जिनका नाम आता है, मुकेश अंबानी और अनुराग कश्यप ने पढ़ाई की है। इस स्कूल की सालाना फीस करीब 7,70,800 रुपए है।

3.दून वैली स्कूल

यह दुनिया का तीसरा सबसे महंगा स्कूल माना जाता है। यह दुनिया का सबसे महंगा स्कूल माना जाता है। इस स्कूल की ओपनिंग 1947 में हुई थी और इस स्कूल में सिर्फ लड़के पढ़ते हैं और इस स्कूल में देश के कई अमीर परिवारों के बच्चे भी पढते आ रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, कि राजीव गांधी और राहुल गांधी ने भी यही से पढ़ाई पूरी की थी। इस स्कूल की सालाना फीस लगभग 9,70,000 रुपए है।

2. हैरो स्कूल

यह दुनिया का दूसरा सबसे महंगा स्कूल माना जाता है। ये बोर्डिंग स्कूल 1547 में बनाया गया था और यह स्कूल UK में स्थित है। इस स्कूल की नींव एलिजाबेथ ने रखी थी, उन्होंने इस स्कूल को बनाने की स्वीकृति दी।जिसके बाद लंदन के बाहर हैरो नामक जगह पर इस स्कूल को बनाया गया। यह स्कूल आज भी बहुत मशहूर है इस स्कूल की सालाना फीस 35,52,682 रुपए है।

1. चोएट रोज़मेरी हॉल (अमरीका)

यह दुनिया का सबसे महंगा स्कूल माना जाता है। यह स्कूल 18वीं सदी में अमरीका में बना था और यह स्कूल दो स्कूलों को मिलाकर बनाया गया था और वह दो स्कूल बहुत ही मशहूर स्कूल थे। चोएट रोज़मेरी हॉल स्कूल एक उच्च श्रेणी का शैक्षिक संस्थान है। ‘माइकल डगलस’ और ‘पॉल गिमात्ति’ यह दोनों बॉलीवुड के मशहूर एक्टर है, इन दोनों ने भी इसी स्कूल से अपनी पढ़ाई खत्म की है। यह स्कूल अमेरिका में स्थित है और स्कूल की सालाना फीस 37,38,960 रुपए है।

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पेजावर मठ प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का 88 की उम्र में निधन, PM मोदी समेत इन बड़े नेताओं ने जताया दुख

कर्नाटक के पेजावर मठ प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का रविवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया है. उडुपी के श्रीकृष्ण मठ में उन्होंने अंतिम सांस ली. स्वामी जी की हालत काफी दिनों से गंभीर बनी हुई थी. उडुपी के विधायक रघुपति भट ने बताया कि स्वामीजी ने सुबह 9:30 बजे अंतिम सांस ली. उनका पार्थिव शरीर महात्मा गांधी मैदान में रखा जाएगा.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा श्रीकृष्ण मठ पहुंचे जहां उन्होंने स्वामी जी के अंतिम दर्शन किए. मुख्यमंत्री ने विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर तीन के राजकीय शोक की घोषणा की है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम बड़े नेताओं ने तीर्थ स्वामी के निधन पर शोक जताया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा,”पेजावर मठ के विश्वेश तीर्थ स्वामी जी हमेशा एक प्रेरणास्रोत की तरह लाखों लोगों के दिल में रहेंगे. वह धार्मिक सेवा के एक ऊर्जास्रोत के तरह थे, जिन्होंने लगातार समाज के लिए काम किया. मैंने कई मौकों पर उनसे बहुत कुछ सीखा है. मैंने हाल ही में गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर उनसे मुलाकात की थी. उनका अद्भुत ज्ञान हमेशा मेरे साथ रहा है. मेरी संवेदनाएं उनके अनुयायियों के साथ हैं.”

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आईपैड प्रो में होगा आईफोन 11 प्रो जैसा ट्रिपल कैमरा

एप्पल के 11 तथा 12.9 इंच वाले अपडेटेड आईपैड प्रो को विकसित करने के लिए काम करने की खबर आ रही है। इन मॉडल्ड में पीछे आईफोन 11 प्रो जैसे ट्रिपल कैमरा लेंस होंगे। यह संभावित जानकारी आईगीक्सब्लॉग और ऑनलीक्स ने साझा की और उन्होंने कहा कि नए आईपैड्स मार्च 2020 में लॉन्च हो सकते हैं।

जानकारी के अनुसार, ग्यारह इंच वाले आईपैड प्रो का बैक एल्युमिनियम का हो सकता है वहीं 12.9 इंच वाले आईपैड प्रो में ग्लास बैक पैनल हो सकता है।

ऑनलीक्स के अनुसार, 11 इंच वाले आईपैड प्रो की डाइमेंशंस 248 गुणा 178.6 गुणा 5.9 मिमी है, और इसमें सबसे मोटा स्थान 7.8 मिमी कैमरा के उभार पर है।

एप्पल विश्लेषक मिंग-ची कुओ ने हाल ही में कहा था कि कंपनी 2020 की पहली छमाही में आईपैड प्रो का अपडेट लॉन्च करने की योजना बना रही है। रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल ‘टाइम-टू-फ्लाइट’ तंत्र का उपयोग कर सकता है।

कुओ ने इसके अलावा यह भी कहा कि एप्पल की योजना 2020 की पहली छमाही में ही किफायती आईफोन ‘एसई 2’ को भी लॉन्च करने की योजना है।

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सैमसंग गैलेक्सी M31 की जानकारी हुई लीक, ये फीचर्स के साथ बाजार में देंगे दस्तक

कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग एम सीरीज के एम31 फोन को जल्द ग्लोबल लेवल पर लॉन्च करने वाली है. लॉन्चिंग से पहले इस अगामी डिवाइस को सर्टिफिकेशन साइट गीकबेंच पर स्पॉट किया गया है. इस साइट ने एम31 स्मार्टफोन को मॉडल नंबर SM-M315F के साथ लिस्ट किया है. हालांकि, लिस्टिंग से इस स्मार्टफोन के कुछ फीचर्स की जानकारी सामने आई हैं. यूजर्स को इस डिवाइस में एक्सीनॉस 9611 चिपसेट का स्पोर्ट मिल सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कंपनी अब तक एम सीरीज के कुल दस मोबाइल पेश कर चुकी है, जिनकों लोगों ने बहुत पसंद किया हैं. तो आइए जानते हैं सैमसंग गैलेक्सी एम31 की संभावित कीमत और स्पेसिफिकेशन के बारे में…

लीक रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स को इस फोन में छह जीबी रैम के साथ एक्सीनॉस 9611 प्रोसेसर का सपोर्ट मिलेगा. साथ ही कंपनी का यह फोन में एंड्रॉयड 10 पर काम करेगा, जो वनयूआई 2.0 ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित होगा. वहीं, इस फोन को गीकबेंच साइट पर सिंगल कोर में 348 स्कोर और मल्टी कोर में 1214 स्कोर मिला है.

कैमरे की बात करें तो यूजर्स को इस फोन में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप मिल सकता है, जिसमें 64 मेगापिक्सल का सेंसर मौजूद होगा. लेकिन अब तक अन्य सेंसर्स की जानकारी नहीं मिली हैं. इसके अलावा कंपनी ने गैलेक्सी एम41 और एम11 में तीन कैमरे का सपोर्ट दिया है.

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2019 में डाउनलोडिंग के मामले में यह एप बनीं नंबर वन, फेसबुक को भी छोड़ा पीछे-देखें पूरी लिस्ट

चाइनीज वीडियो शेयरिंग ऐप टिक-टॉक भारत में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि राजनीतिक दलों के लिए काम करने वाली एजेंसियां, चुनाव प्रचार संभालने वाले संगठन और राजनीतिक रणनीतिकार अब टिक-टॉक का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं।

अब टिक-टॉक को एक और बड़ा मुकाम मिला है। लगभग हर हाथ तक पहुंच चुके स्मार्ट फोन और इंटरनेट ने दुनिया की भौगोलिक दूरियों को कुछ एप में समेट दिया है। जिन प्रमुख सोशल मीडिया साइट और एप का प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है उनमें फेसबुक सबसे आगे हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस दशक में मोबाइल एप की दुनिया में फेसबुक का वर्चस्व रहा। इस दौरान 460 करोड़ फोन तक फेसबुक पहुंच गया। वहीं, इस मामले में फेसबुक मैसेंजर दूसरे नंबर पर रहा। हालांकि इस साल डाउनलोड के मामले में फेसबुक की बादशाहत को टिकटॉक ने कड़ी चुनौती देते हुए पहला स्थान हासिल किया है।

मोबाइल मार्केटिंग डाटा कंपनी एपएनी द्वारा जारी रैंकिंग के मुताबिक डाउनलोड के मामले में तीसरे नंबर पर भी फेसबुक के मालिकाना हक वाला वॉट्सएप है। वॉट्सएप को फेसबुक ने 2014 में 1900 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा था। एप एनी ने 2010 से 2019 के दौरान डाउनलोड किए गए एप्स का डाटा विश्लेषण कर यह रैंकिंग जारी की है।

इसके मुताबिक 2019 में फेसबुक डाउनलोड करने वालों की संख्या 11 प्रतिशत घटने से पहले पायदान पर टिकटॉक पहुंच गया। डाउनलोड किए गए टॉप 10 एप में से सात सोशल मीडिया या कम्युनिकेशन एप हैं।

टॉप 10 डाउनलोड एप
एप यूजर (करोड़ में)

1. फेसबुक 460
2. फेसबुक मैसेंजर 440
3. वॉट्सएप 430
4. इंस्टाग्राम 270
5. स्नैपचैट 150
6. स्काइप 130
7. टिकटॉक 130
8. यूसी ब्राउजर 130
9. यू-ट्यूब 130
10. ट्विटर 100

टॉप 10 उपभोक्ता एप
नेटफ्लिक्स, टिंडर, पेंडोरा म्यूजिक, टेनसेंट वीडियो, लाइन, आईक्यूयी, स्पॉटिफाई, यूट्यूब, एचबीओ नाऊ, क्वाई। उपभोक्ता ऐप में लोगों ने मनोरंजन को तरजीह दी। नंबर दो पर रहा टिंडर जो कि डेटिंग एप है।

टॉप 10 गेम
सब-वे सर्फर, कैंडीक्रश सेगा, टेंपल रन-2, माय टॉकिंग टॉम, क्लैश ऑफ क्लांस, पोऊ, हिल क्लाइंब रेसिंग, मिनियन रश, फ्रूट निंजा, 8 बॉल पूल। ऐसे गेम एप ज्यादा डाउनलोड हुए जो बच्चे खेलते हैं या जिनमें ज्यादा दिमाग चलाने की जरूरत नहीं होती।

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गूगल पिक्सल 4 ए में हो सकता है पंच-होल डिस्प्ले

गूगल पिक्सल 4ए में एक पंच-होल डिस्प्ले हो सकता है। चर्चित टिपस्टर ऑनलीक्स और 91 मोबाइल के अनुसार पिक्सल 3ए का स्थान लेने के लिए आ रहे गूगल पिक्सल 4ए में यह खूबी हो सकती है। गूगल ने अक्टूबर माह में पिक्सल 4 लॉन्च किया था। लेकिन कंपनी ने इसे भारत में लॉन्च नहीं करने का निर्णय लिया।

नए लीक के अनुसार, पिक्सल 4ए का डिजाइन गूगल पिक्सल 4 से काफी मिलता जुलता है। लेकिन जहां पिक्सल 4 में ड्यूल सेंसर बैक साइड में दिया गया है। वहीं, 4ए में सिर्फ एक सिंगल कैमरा सेंसर हो सकता है।

9 टू 5 गूगल डॉट कॉम की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अतरिक्त इसमें एक रियर फिंगरप्रिंट सेंसर, 3.5एमएम हेडफोन जैक और यूएसबी-सी पोर्ट व नीचे की तरफ स्पीकर दिए जा सकते हैं।

खबरों की माने तो पिक्सल 5.7 और 5.8 इंच डिस्प्ले फ्रंट-फेसिंग कैमरा सेंसर के लिए पंच-होल का इस्तेमाल करेगा, ताकि इसके पूर्ववर्ती पिक्सल 3ए की तुलना में बेजल्स ज्यादा स्लिम दिखाई दें।

उम्मीद की जा रही है कि अगले साल की शुरुआत में होने जा रही गूगल आई/ओ 2020 डेवलेपर कॉन्फ्रेंस में इसे लॉन्च किया जा सकता है।

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यदि भारतीय संस्कारों वाली साड़ी में भी लगना है एकदम स्टाइलिश तो अपनाएं यह तरीका !

ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि साड़ी को केवल शादी या किसी त्यौहार पर ही पहना जा सकता हैं लेकिन ऐसा नहीं।

साड़ी को कॉलेज, ऑफिस या किसी भी जगह पर पहन सकते हैं।

जरूरी नहीं है कि आप हैवी साड़ी ही कैरी करें आप हल्की और सिंपल सी साड़ी को भी स्टाइलिश तरीके से पहन कर सुंदर और ग्लैमरस लग सकती हैं।

 

साड़ी को मॉर्डन टच में कैरी करने के लिए कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स होते रहे हैं लेकिन कुछ ही ऐसे स्टाइल हैं जो हिट साबित हुए।

 

तापसी पन्नु हमेशा से ही एक्सपेरिमेंट के लिए जानी जाती हैं. अलग-अलग सिलुएट और कट्स के आउटफिट्स को वो बखूबी कैरी करती हैं।

 

वहीं, गाउन्स से लेकर फ्यूज़न आउटफिट्स तक सभी के साथ बिंदी लगाना उनका स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है।

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अमिताभ बच्चन को मिला दादा साहब फाल्के अवॉर्ड, राष्ट्रपति ने दिया यह सम्मान

अमिताभ बच्चन को आज दादा साहब फाल्के अवॉर्ड दिया गया. यह अवार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी. बच्चन ने कहा कि मैं जनता के स्नेह और प्रोत्साहन की वजह से यहां तक पहुंचा हूं. बच्चन खराब तबीयत के कारण 23 दिसंबर को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का वितरण के दौरान शामिल नहीं हुए थे. सम्मान समारोह को लेकर राष्ट्रपति भवन में बच्चन परिवार की और पत्नी जया और बेटेअभिषेक बच्चन भी मौजूद रहे. इसके अलावे कई लोग मौजूद थे.

अभी बहुत काम करना बाकी हैं

बच्चन ने कहा अभी भी बहुत काम बाकी है. मुझ पर भगवान की कृपा रही है और माता-पिता का आशीर्वाद रहा है. सबसे ज्यादा भारत की जनता का स्नेह और प्रोत्साहन रहा, जिसकी वजह से मैं आपके सामने खड़ा हूं. बच्चन ने सूचना प्रसारण मंत्रालय और जूरी के सदस्यों के प्रति आभार जताया. बिग बी ने ट्वीट कर लिखा ”मैं धीरे-धीरे ठीक हो रहा हूं, आप सभी की दुआओं के लिए शुक्रिया.”

बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा, “गर्दन, हैमस्ट्रिंग, पीठ का निचला हिस्सा और कलाई में चोट थी. लंबे समय तक व्यथित बैठा रहा. मुझे बुखार था. डॉक्टर द्वारा आराम करने की सलाह और कोई यात्रा नहीं. नेशनल अवॉर्ड्स को काफी मिस किया.

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दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हुए अमिताभ बच्चन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया है।

अमिताभ बच्चन को नवाज़ा गया दादा साहब फाल्के पुरस्कार से

दादा साहेब फालके अवार्ड भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान है। सदी के महानायक को उनके उत्कृष्ट अभिनय और हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए इस सम्मान से नवाजा गया। राष्ट्रीय पुरस्कारों में सबसे अहम यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास और उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

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ट्राइबर ज्यादा पावरफुल इंजन के साथ मार्च में होगी लॉन्च

रेनॉ ने अपनी ट्राइबर इसी साल अगस्त में लॉन्च की थी। इस कार को सिंगल इंजन-गियरबॉक्स कॉम्बिनेशन के साथ पेश किया गया था। अब कंपनी इस कार को जल्द ही टर्बो पेट्रोल इंजन के साथ लॉन्च किया जाएगा। कंपनी मार्च तक यह वेरियंट लॉन्च कर सकती है। रेनॉ ट्राइबर का लुक अट्रैक्टिव और कुछ हद तक एसयूवी जैसा है। इस कार को भारत में अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।

ऐसा है ट्राइबर का लुक
बात करें इस कार के लुक्स की तो इसके फ्रंट में क्रोम फिनिश 3-स्लेट ग्रिल है, जिसमें रेनॉ का लोगो दिया गया है। ट्राइबर में रैपअराउंड हेडलैम्प्स, सिल्वर स्कफ प्लेट के साथ ड्यूल टोन फ्रंट बंपर और डेटाइम रनिंग लाइट्स दी गई हैं। वील आर्क के चारों और दरवाजों पर ब्लैक प्लास्टिक क्लैडिंग है। ट्राइबर में ब्लैक-आउट बी व सी-पिलर्स और रूफ रेल्स के साथ स्टेप्ड रूफ दी गई है। पीछे की तरफ रैपअराउंड टेल लाइट्स और सिल्वर इंसर्ट्स के साथ ड्यूल टोन बंपर है। ट्राइबर के बेस और मिड वेरियंट्स में 14-इंच के स्टील वील्ज और टॉप वेरियंट्स में 15-इंच के अलॉय वील्ज हैं।

ट्राइबर में हैं 7 सीट
ट्राइबर में तीन लाइन में 7 सीटें हैं। इसकी तीसरी लाइन वाली सीटों को जरूरत के हिसाब से निकाला जा सकता है और उस जगह का इस्तेमाल सामान रखने के लिए कर सकते हैं। दूसरी लाइन वाली सीटें स्लाइडिंग हैं, जिससे तीसरी लाइन वाली सीट्स पर बैठने और उतरने वाले को आसानी रहेगी। 7-सीटर वर्जन में ट्राइबर का बूट स्पेस (डिग्गी की जगह) 84 लीटर और तीसरी लाइन वाली सीट हटा देने पर यानी 5-सीटर वर्जन में इसका बूट स्पेस 625 लीटर है।

सेफ्टी फीचर्स
रेनॉ ट्राइबर में ड्यूल फ्रंट एयरबैग्स, एबीएस, रियर पार्किंग सेंसर्स और स्पीड वॉर्निंग सिस्टम जैसे सेफ्टी फीचर्स स्टैंडर्ड यानी सभी वेरियंट में हैं। टॉप वेरियंट्स में दो और एयरबैग्स यानी कुल चार एयरबैग्स और रिवर्स कैमरा भी दिया गया है।

इंजन
रेनॉ की इस कॉम्पैक्ट एमपीवी में 1.0-लीटर, 3-सिलिंडर पेट्रोल इंजन दिया गया है। यह इंजन 6250 rpm पर 71 bhp का पावर और 3500 rpm पर 96 Nm पीक टॉर्क जनरेट करता है। इसमें 5-स्पीड मैन्युअल और 5-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का ऑप्शन मिलेगा।

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बजाज के इलैक्ट्रिक स्कूटर में मिलेगा लाइव ट्रैकिंग फीचर, वीडिया में देखें कैसे करेगा काम

बजाज अपने इलैक्ट्रिक स्कूटर चेतक को जनवरी 2020 में लांच करेगी। इसे KTM बाइक्स की डीलरशिप के जरिए बेचा जाएगा। सबसे पहले इसे पुणे में बिक्री के लिए उपलब्ध किया जाएगा जिसके बाद इसे अन्य शहरों में भी पहुंचाया जाएगा।

इस तरह काम करेगा यह फीचर

ट्रैकिंग फीचर के जरिए स्कूटर की लाइव लोकेशन स्मार्टफोन एप्लीकेशन पर देखी जा सकेगी। यह एप कुछ-कुछ गूगल मैप्स की तरह दिखती है लेकिन उपयोग में ये गूगल मैप्स से भी आसान है।

क्या है बजाज चेतक इलैक्ट्रिक स्कूटर में खास

इस स्कूटर को रेट्रो लुक में डिजाइन किया गया है। इसमें कई मॉड्रन फीचर्स जैसे कि एलईडी डीएआरएल के साथ हेडलैंप, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल, यूएसबी पोर्ट, अलॉय व्हील और फ्रंट डिस्क ब्रेक दी गई है।

4 किलोवाट की इलेक्ट्रिक मोटर

पावर की बात की जाए तो इस स्कूटर में 4 किलोवाट की इलेक्ट्रिक मोटर लगी है जिसे लिथियम-आयन बैटरी के साथ जोड़ा गया है। इस स्कूटर में ईको और स्पोर्ट मोड भी दिया गया है। एक बार चार्ज करके इसे लगभग 100 किलोमीटर तक उपयोग में लाया जा सकता है। इसमें लगी बैटरी को 5 घंटों में फुल चार्ज किया जा सकेगा।

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Sunday, December 29, 2019

अगर नौकरी में आ रही है परेशानी व अड़चन, तो आज ही घर बैठे करें ये उपाय

तमाम पढ़ाई-लिखाई और डिग्रियां धरी की धरी रह जाती हैं, जब या तो नौकरी नहीं मिलती या नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल पाता। इस समस्या से केवल वो ही प्रभावित नहीं होता जिसकी नौकरी या प्रमोशन नहीं हो रहा, बल्कि इससे पूरा परिवार ही तनावग्रस्त होने लगता है। धन और सम्मान की कमी ये दो ऐसी परिस्थितियां है, जिसमें इंसान का कार्य और व्यवहार दोनों प्रभावित होता है। यदि कुछ ज्योतिष उपाय कर लिया जाए तो इस संकट से बचा जा सकता है। लाल किताब में ऐसे कई उपाय दिए गए हैं जो आपकी इन्हीं समस्याओं को दूर करेंगे। आप भी यदि नौकरी और प्रमोशन न मिलने से परेशान हैं तो इन उपायों को जरूर आजमाएं।

लाल किताब के इन टोटकों को जरूर आजमाएं

1. सूर्य पूजा करेगी समस्या दूर
नौकरी मिलने या तरक्की पाने में यदि आपको बाधाओं का सामना करना पड़ रहा तो समझ लें कि आपका सूर्य कमजोर है और सूर्य पूजा से ही आपकी समस्या दूर होगी। इसके लिए आपको रोज सुबह या रविवार के दिन सूर्य को तांबे के लोटे से जल देना होगा। बस इस जल में थोड़े से पीले अक्षत (चावल) और लाल फूल डालने होंगे। जब सूर्य को अर्घ्य दें तो ध्यान रहे पानी का छींटा पैर पर न पड़े। इसे आप किसी बाल्टी में रोप कर पौधों में डाल दें।

2. बेसर के लड्डू या पीले वस्त्र का दान
गुरु यदि भारी हैं या कुंडली में सुप्त अवस्था में हैं तो आपको इनको जागृत करना होगा, क्योंकि इनके बिना न नौकरी चलती है न तरक्की हो सकती है। इसलिए गुरुवार के दिन गरीबों को बेसन के लड्डू, चने की दाल और पीले रंग के वस्त्र जरूर दान करें।

3. मंदिर में चढ़ाएं तीन केले
कार्यक्षेत्र में उतर या चढाव की स्थिति रहती हो तो आपको किसी भी मंदिर में कम से कम तीन केले चढ़ाने चाहिए। इसके बाद आप ये केला किसी गरीब को दान दे दें।

4. माथे पर केसर का तिलक लगाएं
गुरु बृहस्पति सुख, समृद्धि, धन और उन्नति के दाता माने गए हैं। इसलिए इन्हें प्रसन्न करना ही आपकी समस्या को दूर करेगा। इसके लिए आप गुरुवार के दिन केले के पेड़ में जल डालें और केसर का तिलक अपने माथे पर लगाएं।

5. गाय को मीठी रोटी खिलाएं
रोटी पाने के लिए रोटी खिलाना सीखें। इसके लिए जिस तारीख को आपका जन्म हुआ है उस तारीख से किसी भी माह में आप गाय को मीठी रोटी खिलाना शुरू कर दें। चाहें तो रोटी-गुड़ भी खिला सकते हैं।

6. बॉस को खिलाएं खीर
ये बात सही है कि यदि आपके बॉस खुश रहेंगे तो आपका प्रमोशन भी होगा और नौकरी भी सुरक्षित रहेगी। इसलिए रविवार के दिन अपने बॉस को आप खीर जरूर खिलाएं। यदि संभव न हो तो सफेद पेड़े प्रसाद के रूप में खिलाएं।

ये वो अचूक उपाय हैं जो आपकी बेरोजगारी भी दूर करेंगे और तरक्की के रास्ते भी खोलेंगे।

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नववर्ष से माता वैष्णो देवी से 70 एमएम सिल्वर स्क्रीन पर सीधे प्रसारित होगी आरती

पहाड़ों वाली माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए अब एक अनुपम सौगात मिलने वाली है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड नववर्ष पर आधार शिविर कटड़ा में मां वैष्णो देवी की दिव्य लाइव अटका आरती की सुविधा शुरू कर रहा है. जनवरी में यह सुविधा आधार शिविर कटड़ा में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के आध्यात्मिक केंद्र के ऑडिटोरियम में उपलब्ध होगी. वातानुकूलित ऑडिटोरियम में 450 श्रद्धालु बैठकर स्क्रीन पर लाइव अटका आरती का आनंद ले सकेंगे.

श्राइन बोर्ड 70 एमएम की सिल्वर स्क्रीन लगाएगा. वहीं, डॉलबी सिस्टम लगाया जाएगा. लाइव आरती के दौरान बिजली कटौती से किसी भी तरह की रुकावट न पड़े, इसके लिए त्रिस्तरीय बिजली व्यवस्था की जाएगी. ऑडिटोरियम इस तरह से अत्याधुनिक बनाया जाएगा कि श्रद्धालु खुद को प्राचीन गुफा के प्रांगण यानी अटका आरती स्थल पर बैठा महसूस कर सकें.

लिया जाएगा मामूली शुल्क-

लाइव अटका आरती में शामिल होने के लिए मामूली शुल्क होगा, जो 20 से लेकर 50 रुपये के बीच हो सकता है. लाइव अटका आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क मिश्री का प्रसाद उपलब्ध करवाने के साथ ही मां वैष्णो देवी की आरती की किताब व पटका आदि भी निशुल्क दिया जाएगा. जैसे मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को दिया जाता है.

श्रद्धालुओं को मिलेंगी सुविधाएं-

लाइव अटका आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को श्राइन बोर्ड के आध्यात्मिक केंद्र में क्लॉक रूम के साथ ही शौचालय आदि की सुविधा भी मिलेगी. जलपान केंद्र की भी स्थापना की जाएगी, ताकि आरती में शामिल श्रद्धालु खरीद कर चाय-कॉफी आधी पी सकें.

क्या है अटका आरती-

हर श्रद्धालु यह उम्मीद करता है कि उसे भी मां वैष्णो देवी की आरती में शामिल होने का मौका मिले. लेकिन मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा का प्रांगण, जिसे अटका स्थल भी कहा जाता है, सीमित स्थल होने के कारण हर कोई दिव्य आरती में शामिल नहीं हो सकता है. सीमित जगह होने के कारण एक बार में 200 से 300 श्रद्धालु ही बैठ सकते हैं. वहीं, अटका आरती का 2,000 रुपये प्रति श्रद्धालु शुल्क होने के कारण हर श्रद्धालु इसमें शामिल नहीं हो पाता.

खोले जाएंगे बुकिंग काउंटर-

लाइव अटका आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आध्यात्मिक केंद्र के साथ ही यात्रा पंजीकरण केंद्र, पूछताछ एवं आरक्षण केंद्र, निहारिका कांप्लेक्स आदि में बुकिंग काउंटर खोले जाएंगे, ताकि श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा कर इस लाइव अटका आरती में शामिल हो सकें.

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