Saturday, December 28, 2019

सर्दियों में हो जाती है इस विटामिन की कमी, थकान और पैरों में दर्द हो तो तुरंत मिलें डॉक्टर से

आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में हममें से अधिकतर लोग अपने खानपान और सेहत का ख्याल नहीं रख पाते हैं। ये तो हम सभी जानते हैं कि एक सेहतमंद शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन और मिनरल्स बेहद जरूरी होते हैं। हमारे शरीर के लिए कई तरह के विटामिन जरूरी होते हैं और उनके स्रोतों के तौर पर हम फल, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं। कभी-कभी हमारे शरीर में विटामिन की इतनी कमी हो जाती है कि हमें दवा खाने, इंजेक्शन लेने या स्लाइन चढ़ाने तक की नौबत आ जाती है।

स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग के लिए जरूरी विटामिनों में विटामिन-डी का भी बहुत महत्व है। इससे हमारे शरीर को काफी उर्जा मिलती है। सूरज की किरणें विटामिन डी का सबसे बेहतर स्रोत मानी जाती हैं। सर्दियों में सूरज कम ही उगता है और उगता भी है तो इसमें गर्मी नहीं होती। इसी वजह से सर्दियों में शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी नहीं मिल पाता। विटामिन-डी की कमी के कारण हमारा इम्यून सिस्टम और नर्वस सिस्टम सुचारू ढंग से काम नहीं कर पाता है, जिससे कई तरह की समस्याएं होने लगती है।

ये हैं विटामिन-डी की कमी के लक्षण

किसी काम में जल्दी थकान होना
हड्डियों खासकर जोड़ों में दर्द होना
पैरों में सूजन होना
मांसपेशियां कमजोर होना
ज्यादा देर तक खड़े रहने में परेशानी
अगर आपके शरीर में भी विटामिन डी की ज्यादा कमी हो गई है तो डॉक्टर से मिलना ठीक रहेगा।
सूर्य की किरणों को विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है, वहीं कई ऐसे फूड भी हैं, जिनमें विटामिन-डी पाया जाता है। ये फूड शरीर में विटामिन-डी बनाते हैं और शरीर को पर्याप्त एनर्जी मिल पाती है, जिससे हमारा इम्यून और नर्वस सिस्टम सुचारू रूप से कार्य करता है। आइए, जानते हैं उन फूड आइटमों के बारे में:

दूध को विटामिन-डी का अच्छा स्रोत माना जाता है। यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि दिन भर में हमें जितने विटामिन की आवश्यकता होती है, उसका 20 फीसदी दूध से मिल जाता है। हालांकि अनफार्टफाइड डेयरी उत्पादों में आमतौर पर कम मात्रा में विटामिन-डी पाया जाता है।

टूना मछली में काफी मात्रा में विटामिन-डी होता है। टूना मछली का सैंडविच बनाकर भी खाया जा सकता है। यह सैंडविच शरीर में विटामिन-डी की कमी को आसानी से पूरा कर सकता है। इसे बनाने के लिए आटे की ब्रेड में प्याज़, खीरा, अंकुरित दाल और का इस्तेमाल किया जाता है.

चिकन और अंडों में भी विटामिन-डी पाया जाता है। कई लोग उबले हुए अंडे के सफेद और पीले हिस्से को अलग करके खाते हैं। अंडे का पीला हिस्सा यानी यॉक में हेल्दी फैट और कार्ब्स मौजूद होते हैं। काली और हरी बीन्स के साथ इसे खाया जा सकता है।

हरी सरसों और तिल को भी विटामिन-डी का स्रोत माना जाता है। इनका सलाद में भी प्रयोग किया जा सकता है। आप चाहें तो उबले हुए चिकन और अंडों में मशरूम, हरी सरसों और तिल के बीज मिलाकर सलाद बना सकते हैं।

पनीर में भी विटामिन-डी की मात्रा पाई जाती है। हालांकि अन्य स्रोतों की अपेक्षा इसमें कम विटामिन डी पाया जाता है। इसके बावजूद इसे अपनी डाइट में शामिल किया जाना फायदेमंद साबित होगा। पनीर की सब्जी खाने में भी स्वादिष्ट होती है।

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