Tuesday, March 31, 2020

गार्डन में लाखों ट्यूलिप और बादामबाड़ी में बादाम के पेड़ों पर खिले फूल लेकिन निहारने वाला कोई नहीं

जम्मू कश्मीर के इतिहास में यह शायद पहला मौका है कि एशिया के दूसरे नम्बर के ट्यूलिप गार्डन में लाखों ट्यूलिप खिले हुए हैं पर उन्हें निहारने वाला कोई नहीं है। यही हालत बादामबाड़ी की है जहां बादाम के पेड़ों पर आई बहार को कोरोना की दहशत लील चुकी है।

बादामबाड़ी में बादामों के पेड़ों पर फूल मार्च के शुरू में ही आने लगते हैं और ट्यूलिप गार्डन में मार्च के अंतिम सप्ताह में। बादामबाड़ी में पहले सप्ताह में दो-चार सौ पर्यटक जरूर पहुंचे थे पर ट्यूलिप गार्डन की किस्मत में ऐसा नहीं था जो मार्च के अंतिम सप्ताह में खोला जाना था पर अभी तक खोला नहीं जा सका। ऐसे में दुखद पहलू ट्यूलिप गार्डन का यही कहा जा सकता है कि इस बार ट्यूलिपों को खिलता हुआ शायद ही कोई देख पाए।

दरअसल देश मे लॉकडाउन से कई दिन पहले ही जम्मू कश्मीर में बाग बगीचों को बंद कर दिया गया था। जानकारी के लिए अगर देश में लॉकडाउन का आज 7वां दिन था कश्मीर में कोरोना की दहशत के कारण 13 दिनों से ही कर्फ्यू लगाया जा चुका था। यही कारण था कि ट्यूलिप गार्डन में खिलने वाले ट्यूलिप के फूलों और बादामबाड़ी में बादामों के पेड़ों पर खिलने वाले फूलों को निहारने वाले बंद कमरों से सिर्फ खुदा से कोरोना से निजात पाने की दुआएं ही कर रहे थे।

ट्यूलिप गार्डन

डल झील का इतिहास तो सदियों पुराना है। पर ट्यूलिप गार्डन का मात्र 11 साल पुराना। मात्र 11 साल में ही यह उद्यान अपनी पहचान को कश्मीर के साथ यूं जोड़ लेगा कोई सोच भी नहीं सकता था। डल झील के सामने के इलाके में सिराजबाग में बने ट्यूलिप गार्डन में ट्यूलिप की 55 से अधिक किस्में आने-जाने वालों को अपनी ओर आकर्षित किए बिना नहीं रहती हैं। यह आकर्षण ही तो है कि लोग बाग की सैर को रखी गई फीस देने में भी आनाकानी नहीं करते। जयपुर से आई सुनिता कहती थीं कि किसी बाग को देखने का यह चार्ज ज्यादा है पर भीतर एक बार घूमने के बाद लगता है यह तो कुछ भी नहीं है।

सिराजबाग हरवान-शालीमार और निशात चश्माशाही के बीच की जमीन पर करीब 700 कनाल एरिया में फैला हुआ है। यह तीन चरणों का प्रोजेक्ट है जिसके तहत अगले चरण में इसे 1360 और 460 कनाल भूमि और साथ में जोड़ी जानी है। शुरू-शुरू में इसे शिराजी बाग के नाम से पुकारा जाता था। असल में महाराजा के समय उद्यान विभाग के मुखिया के नाम पर ही इसका नामकरण कर दिया गया था।

बादामबाड़ी

एक जमाने में धूम मचाने वाला य्ाह ऐतिहासिक बाग तकरीबन 27 साल तक सही देखरेख न मिलने के कारण अपनी साख खो चुका था, य्ाहां तक कि उस समय्ा की सरकार की गलत नीतिय्ाों के कारण बादामवाड़ी जो 27 वर्ष पहले 750 कनाल जमीन पर फैली थी सिमटते-सिमटते केवल 280 कनाल तक ही सीमित रह गई क्य्ाोंकि सरकार ने वहां पर तिब्बती कालोनी का निर्माण किय्ाा। इसको नए सिरे से सजाने संवारने के लिए जेके बैंक ने इसके निर्माण की जिम्मेदारी संभाली थी। वर्ष 2006 में इसका दोबारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था।

तकरीबन 280 कनाल तक फैले हुए इस बाग को बड़ों के साथ-साथ बच्चों के आकर्षण केलिए हर सामान से सजाया गया है। जिसमें एक किमी लंबा जौगर, तकरीबन तीस मीटर ऊंचा बादाम के आकार का फव्वारा भी शामिल है। इस अवसर पर यादें ताजा करते हुए लोगों का कहना था कि बादामवाड़ी केवल एक पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि इसके साथ हमारा इतिहास भी जुड़ा है। य्ो जगह हमारी परंपरा का प्रतीक भी है।

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निजामुद्दीन कोरोना मामलों के लाइव अपडेट्स: तब्लीगी मरकज से निकाले गए लोगों का करवाया जा रहा है मेडिकल एसोसिएशन

दक्षिण दिल्ली के इलाके हजरत निजामुद्दीन स्थिति तब्लीगी मरकज में ठहरे लोगों को बसों के जरिये दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में स्वास्थ्य जांच के लिए जाया जा रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, जिस तरह से ये इतनी बड़ी संख्या में एक साथ रह रहे थे, ऐसे में इन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका ज्यादा है।

निजामुद्दीन कोरोना मामलों के लाइव अपडेट्स:

  • निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में रुके लोगों के संपर्क में आने वालों की तलाश भी तेज हो गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल फोन में मौजूद तस्वीरों और वीडियों के जरिये इन लोगों की पहचान करने की कवायद तेज कर दी है।
  • साथ ही पूरे इलाके में चल रही गतिविधियों की निगरानी ड्रोन के जरिये की जा रही है।
  • इससे सोमवार को पूरी रात चले ऑपरेशन के बाद मंगलवार को दिनभर मरकज में ठहरे लोगों को क्वारंटाइन करने, अस्पताल में भर्ती कराने का सिलसिला चलता रहा।
  • इसी के साथ दिल्ली पुलिस के साथ जिला प्रशासन और दिल्ली सरकार के और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने भी यहां पर डेरा डाल दिया है।
  • इससे पहले सोमवार पूरी रात व मंगलवार को पूरा दिन यहां से लोगों को डीटीसी बसों में भर-भरकर विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया गया। इस बीच जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए उन्हें क्वारंटाइन सेंटर पर पहुंचाया गया।
  • पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने पूरी राहत मेहनत करके मरकज में बचे हुए करीब एक हजार लोगों को निकाला।
  • तब्लीगी मरकज में आए 24 के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सरकार भी सतर्क हो गई है।
  • पुलिस ने मरकज में कार्यक्रम के दौरान बनाई गई वीडियो क्लिपों को भी जमातियों के मोबाइल से हासिल किया है। इनसे उन लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है जो लोग लॉकडाउन से पहले यहां से जा चुके थे।
  • बताया जा रहा है कि तब्लीगी मरकद जमात में शामिल होने एक जनवरी से अब तक 2100 विदेशी सदस्य भारत आए थे। इसी के साथ वह भारत के विभिन्न राज्यों हुई गतिविधियों में भी शामिल हुए।
  • वहीं, गृह मंत्रालय ने जमात में शामिल होने आने वाले विदेशियों को अब टूरिस्ट वीजा नहीं जारी करने का फैसला भी किया है।
  • मरकज में शामिल होने आए विदेशियों, जिसमें ज्यादातर धर्म उपदेशक हैं, उनके खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन का केस भी चल सकता है। ये सभी टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे। जबकि धर्म का प्रचार करना वीजा नियमों का उल्लंघन है।

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कोरोना वायरस से फ्रांस में एक दिन में सबसे ज्यादा 499 लोगों की मौत

कोरोना वायरस की चपेट दुनियाभर के तमाम देश हैं. इटली, स्पेन, अमेरिका के बाद फ्रांस में कोरोना से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मंगलवार को यहां एक दिन में सबसे ज्यादा 499 लोगों की मौत हुई. अब तक फ्रांस में COVID-19 से मरने वालों की संख्या 3523 हो गई है.

स्वास्थ्य अधिकारी जेरोम सॉलोमन ने बताया कि फ्रांस में COVID-19 से संक्रमित 22757 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 5,565 गहन निगरानी में रखे गए हैं. फ्रांस में मरने वालों को ये वो आंकड़ा है, जिनकी मौत अस्पताल में हो रही है.

कोरोना से अब तक सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुई हैं. यहां मरने वाला की संख्या 12 हजार के पार पहुंच चुकी है. मंगलवार को इटली में 837 लोगों की मौत हो गई, जबकि यहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 105792 है. कोरोना से इटली के बाद स्पेन में सबसे ज्यादा लोग मरे हैं.

वहीं, ब्रिटेन की बात करें तो एक दिन में 381 लोगों को कोरोना के कारण जान गई. ब्रिटेन में एक दिन में ये सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा है. अब तक यहां 1789 लोगों की मौत हो चुकी है.

8 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित

बता दें कि दुनियाभर में करीब 828061 लोग कोरोना से संक्रमित हैं, जबकि 41261 लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक 1611 मामले सामने आए हैं, जिसमें 47 लोगों की जान गई है.

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कोरोना की दहशत के बीच अमरनाथ यात्रा पर संशय, अग्रिम पंजीकरण की प्रक्रिया बढ़ी पर तैयारियां नहीं हुई शुरू

क्या इस बार अमरनाथ यात्रा संपन्न हो पाएगी, इस पर संशय कोरोना वायरस की दहशत के चलते पैदा हो गया है। हालांकि प्रशासन ने इसके प्रति कोई बयान जारी नहीं किया है लेकिन अग्रिम पंजीकरण को स्थगित कर दिए जाने के निर्देश के बाद ऐसी आशंका इसलिए भी प्रकट की जा रही है क्योंकि प्रशासन ने खुद माना है कि प्रशासन और सुरक्षाबलों के कोरोना वायरस से निपटने में लिप्त होने के कारण यात्रा की कोई भी तैयारी फिलहाल आरंभ नहीं हो पाई है।

अमरनाथ की 23 जून से शुरू होने वाली वार्षिक यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण की प्रक्रिया 15 अप्रैल तक स्थगित कर दी गई है। एडवांस पंजीकरण एक अप्रैल से होने थे। 42 दिन की यात्रा के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक और यस बैंक की 442 शाखाओं में एडवांस पंजीकरण के प्रबंध किए गए थे।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप सोनी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि यात्रा के पंजीकरण को 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है। निर्धारित शेडयूल के अनुसार रक्षाबंधन वाले दिन यानी तीन अगस्त को यात्रा संपन्न होनी है। इस समय कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लाकडाउन है जो 14 अप्रैल तक चलेगा। चूंकि एडवांस पंजीकरण बैंकों में होता है इसलिए इसे स्थगित किया गया है। लंगरों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 25 फरवरी को ही समाप्त हो गई थी। देश भर से 115 लंगर संगठनों ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड के पास आवेदन किया है। यह लंगर यात्रा के आधार शिविरों बालटाल, पहलगाम और यात्र मार्गों पर लगते हैं।

अमरनाथ यात्रा के लिए अमूमन मार्च से यात्री पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी लेकिन इस साल इसे एक अप्रैल से शुरू किया जाना था। इस दौरान लाकडाउन के चलते लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। पंजीकरण के लिए बैंक शाखाओं में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिसमें सामाजिक दूरी को भी ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

जानकारी के लिए इस बार की अमरनाथ यात्रा में सवा 6 लाख लोगों को न्यौता दिया गया है। अगर सब ठीक रहा तो इस बार यह यात्रा 42 दिनों तक चलेगी जबकि पिछले साल बीच में ही खत्म कर दी गई थी। इस बार 23 जून को आरंभ होने वाली अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले का तंदरूस्त होना जरूरी होगा। अर्थात बिना मेडिकल फिटनेस और मेडिकल सर्टिफिकेट के कोई भी इसमें शामिल नहीं होगा।

इस बार दोनों रास्तों पर यात्रियों की संख्या पर भी बंदिश लागू की गई है। पहलगाम और बालटाल मार्गों से 7500-75000 श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। इसमें हेलिकाप्टर सेवा का इस्तेमाल करने वालों को शामिल नहीं किया गया है। वैसे इस बार अमरनाथ यात्रा कुल 42 दिनों तक चलेगी। यात्रा पर जाने वाले सभी पंजीकृत श्रद्धालुओं का अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा निशुल्क किया जाएगा।

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कोरोना पर मचे हहाकार के बीच हड़ताल पर गए एंबुलेंस चालक, बकाया वेतन देने की मांग

उत्तर प्रदेश में काम कर रही एंबुलेंस सर्विस 102 और 108 के ड्राइवरों के बकाए वेतन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इन एंबुलेंसों के चालकों और अन्य स्टाफ ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. कई जिलों में ये कर्मचारी हड़ताल पर हैं.

अधिकारियों के साथ बैठक करते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

एंबुलेंस चालकों ने यह चेतावनी ऐसे समय दी है, जब प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि बकाए वेतन का भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा.

सरकार की पहल

एंबुलेंस चालकों ने सुरक्षा के लिए जरूरी उपकरण और बकाए वेतन के भुगतान की मांग को लेकर आज अयोध्या, गोण्डा और अमेठी में काम भी रोका. हालांकि अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद वो काम पर लौट आए. कुछ ऐसा ही वाकया अमेठी में हुआ.

प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने आज कहा, ”उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एंबुलेंस सेवा 102 और 108 के चालकों और अन्य स्टाफ के बकाए वेतन या भत्ते या किसी और कर्मचारी के बकाए का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.”

उन्होंने कहा, ”एंबुलेंस सेवा के ड्राइवरों की समस्या का समाधान करने की दिशा में काम शुरू हो गया है. उनसे कहा गया है कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान कर दिया जाएगा. इसमें उनके हितों का ख्याल रखा जाएगा.”

उन्होंने कहा, ” यह आपातकाल जैसे हालात हैं. इस हालात में हड़ताल पर जाना गैरकानूनी है. समस्या का समाधान हो गया है.”

चालकों की मांग

एंबुलेंस सेवा के ड्राइवरों के संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी हनुमान पांडेय ने बताया, ”प्रदेश के 16 हजार एंबुलेंस चालक हड़ताल पर हैं. हमारी मुख्य मांग दो माह से बकाया वेतन का भुगतान है. इसके हमे भुगतान किया जाए.”

उत्तर प्रदेश में काम करने वाली एंबुलेंस सेवा 108 की एक एंबुलेंस.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के गोण्डा और अयोध्या जिले में अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस चालक मंगलवार को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी. इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया. गोण्डा में सीएमओ के दखल के बाद कर्मचारी वापस काम पर लौटे आए. इन चालकों ने सोमवार को भी हड़ताल का एलान किया था. लेकिन अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर मना लिया था.

इस दौरान मंगलवार को पता चला कि एंबुलेंस चालकों और कर्मचारियों के लिए आया मास्क, गलब्स और सैनिटाइजर उन्हें नहीं दिए गए. सीएमओ के समझाने पर वो काम पर लौट आए.

वहीं अयोध्या में इन एबुंलेंस सेवाओं के कर्मचारी अभी भी हड़ताल पर ही हैं. उन्होंने एंबुलेंसों को राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के परिसर में खड़ा कर दिया है.

एंबुलेंस चालकों की इस हड़ताल से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चालकों का कहना है कि मांगें पूरी होने तक वो हड़ताल पर ही रहेंगे.

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कोरोना वायरस: निज़ामुद्दीन में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम से 20 राज्यों पर ख़तरा- प्रेस रिव्यू

राजधानी दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े में मार्च में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम के कारण अब देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ख़तरा बढ़ गया है.

कार्यक्रम में देश-विदेश से क़रीब 4,000 लोग आए थे. सरकार और स्थानीय प्रशासन कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों को तलाशने के काम में लगी हुई है ताकि सभी का कोरोना वायरस टेस्ट कराया जा सके.

इस बीच तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि राज्य में अब तक जो 57 लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं उनमें से 50 तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इससे पहले तेलंगाना ने कहा था कि राज्य में पांच मौतें हुई हैं और ये सभी वे लोग थे जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

कार्यक्रम में शामिल होने आए जम्मू कश्मीर के 850 लोगों में से 25, दिल्ली के 4,000 लोगों में से 24, उत्तर प्रदेश के 157 लोगों में से 6, तेलंगाना के 386 लोगों में से 49, आंध्र प्रदेश के 711 लोगों में से 29, तमिलनाडु के 1,500 लोगों में से 124 और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 11 लोगों में से 9 अब तक कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.

वहीं, जनसत्ता में छपी एक ख़बर के अनुसार कार्यक्रम में 281 विदेशी भी शामिल हुए थे. इनमें इंडोनीशिया के 72, श्रीलंका के 34, म्यांमार के 33, किर्गिस्तान के 28, मलेशिया के 20, नेपाल और बांग्लादेश के 9-9, थाईलैंड के 7 और फिजी के 4 लोग थे.

ईरान से भारत ला गए लोगों में 17 कोरोना पॉज़िटिव

कोरोना वायरस महामारी के बीच ईरान से भारत लाए गए लोगों में 17 के कोराना वायरस टेस्ट पॉज़िटिव आए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के अनुसार ईरान से लाए गए इन लोगों को राजस्थान में सेना के दो क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था. मंगलवार को इनमें से 17 लोगों के टेस्ट पॉज़िटिव आने के बाद इन्हें जैसलमेर और जोधपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

भारत सरकार ईरान में फंसे कुल 1,036 लोगों को मार्च में वापस लेकर आई थी.

कोरोना के कारण बढ़ेगी गरीबी

जनसत्ता में छपी एक ख़बर के अनुसार विश्व बैंक ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगने वाला है.

विश्व बैंक का कहना है कि चीन और पूर्वी एशिया प्रशांत के देशों में कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो जाएगी और लाखों लोग ग़रीबी रेखा से नीचे चले जाएंगे.

शराबियों के लिए विशेष पास जारी करेगी केरल सरकार

द स्टेट्समैन के अनुसार नशा करने वाले जिन लोगों में विद्ड्रॉल सिम्टम दिख रहे हैं उन्हें डॉक्टर के कहने पर शराब खरीदने लिए ख़ास पास जारी किया जाएगा.

नशा करने वाला व्यक्ति यदि अचानक से नशा बंद कर देता है तो उसमें विद्ड्रॉल सिम्टम दिखाई देते हैं, जिनमें सिरदर्द, बदन दर्द, चिड़चिड़ापन, आक्रामक व्यवहार शामिल होते हैं. देश में फिलहाल 21 दिन का लॉकडाउन लागू है जिस कारण शराब की दुकानों के खुलने पर पाबंदी है.

ऐसे में उन लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है जो नियमित शराब का सेवन करते हैं.

केरल सरकार ने एक आदेश जारी किया है जिसके अनुसार 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान डॉक्टरों की सलाह पर ही ऐसे लोगों को शराब दी जा सकती है.

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अमेरिका में सबसे खौफनाक हुआ कोरोना, चीन से ज्यादा मौत, सबसे ज्यादा केस

  • इटली में मौत का आंकड़ा 12 हजार के पार पहुंचा
  • अमेरिका में 175067 लोग हैं कोरोना से संक्रमित

कोरोना के कहर से दुनियाभर में हाहाकार मचा हुआ है. सुपर पावर अमेरिका भी इसकी चपेट में है. कोरोना से अमेरिका में चीन से ज्यादा मौतें हो गई हैं. मंगलवार को यूएस में मरने वालों का आंकड़ा 3415 पहुंच गया, जबकि चीन में 3,309 लोग COVID-19 से मरे हैं.

दुनिया में सबसे ज्यादा अमेरिका में ही 175067 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. बता दें कि चीन के वुहान से दिसंबर में ये महामारी फैलनी शुरू हुई थी, जिसकी चपेट में आज करीब 186 देश हैं.

इटली में हुईं सबसे ज्यादा मौतें

Johns Hopkins यूनिवर्सिटी के मुताबिक, कोरोना से अब तक सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुई हैं. यहां मरने वालों की संख्या 12 हजार के पार पहुंच चुकी है. मंगलवार को 24 घंटे में इटली में 837 लोगों की मौत हुई, जबकि यहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 105792 है.

ब्रिटेन में एक दिन में 381 लोगों की मौत

कोरोना से इटली के बाद स्पेन में सबसे ज्यादा लोग मरे हैं. यहां कोरोना संक्रमित मामले करीब 94417 और चीन में 82278 हैं. वहीं, ब्रिटेन की बात करें तो एक दिन में 381 लोगों की कोरोना के कारण जान गई. ब्रिटेन में एक दिन में ये सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा है. अब तक यहां 1789 लोगों की मौत हो चुकी है.

दुनियाभर 8 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित

बता दें कि दुनियाभर में करीब 828061 लोग कोरोना से संक्रमित हैं, जबकि 41261 लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक 1611 मामले सामने आए हैं, जिसमें 47 लोगों की जान गई है.

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प्रधानमंत्री को माफ़ी देकर ग़रीब तो इंसानियत से गद्दारी करने से रहा

आपने भले ही प्रज्ञा ठाकुर को ‘कभी दिल से माफ़ नहीं करने’ का बयान देने के बावजूद माफ़ कर दिया हो, उनके ख़िलाफ़ आपकी पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की हो, आपने उन्हें बहुत गर्व से अपना माननीय सांसद बनाये रखा हो, लेकिन याद रखिए प्रधानमंत्री जी, अपनी जान की बाज़ी लगाकर सड़कों पर भटक रहे लाखों ग़रीब-मज़दूर आपको कभी माफ़ नहीं कर पाएँगे। यदि दुआओं और बददुआओं का कोई असर होता है तो ऐसे लाखों लोगों और उनके परिजनों की बददुआएँ आपको भस्म करके रख देंगी। हालाँकि, आपका इतिहास बताता है कि आप बददुआओं से ख़ूब फलते-फूलते रहे हैं, लिहाज़ा आपके लिए तो सारा मौक़ा ख़ुशियाँ मनाने का है। फिर माफ़ी माँगने की नौटंकी करने की जहमत आपने क्यों उठायी? कभी मौक़ा लगे तो अपनी जीवनी में इस सवाल का ख़ुलासा ज़रूर कीजिएगा, ताकि आपके भगवा परिवार की आने वाली पीढ़ियाँ आपसे और प्रेरित हो सकें।

प्रधानमंत्री जी, आप सरासर झूठ बोलते हैं, ग़लतबयानी करते हैं कि ‘महज चार घंटे के नोटिस पर राष्ट्रीय लॉकडाउन’ का ऐलान करने के सिवाय आपके पास कोई चारा नहीं था। ऐसी सैकड़ों मिसालें हैं जब आपने ख़ूब आगा-पीछा सोचकर मुस्तैदी से ‘कड़े फ़ैसले’ लेकर दिखाये हैं। लिहाज़ा, ये आपकी सोची-समझी रणनीति है कि आपने कोरोना से निपटने में आकंठ ढिलाई दिखायी। दुविधा और संशय का भरपूर माहौल बनाये रखा। वुहान में 17 नवम्बर को जब नोवेल कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया तब चीन भी इसे पहचान नहीं सका। वहाँ हड़कम्प मचा 31 दिसम्बर को जब एक साथ दर्ज़नों लोग एक जैसी तकलीफ़ों के साथ अस्पताल पहुँचने लगे।

चीनी वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने हफ़्ते भर की जाँच से 7 जनवरी को पता लगा लिया है कि एक नये वायरस ने अवतार ले लिया है। अगले दिन इसे नोवेल कोरोना वायरस का नाम मिला और फ़ौरन इसकी जेनेटिक सिक्वेन्सिंग और इसके इंसान से इंसान में संक्रमित होने की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को दी गयी। 11 जनवरी को WHO ने इसे वैश्विक महामारी (pandemic) का दर्ज़ा और COVID-19 (Corona Virus Disease, 2019) का नाम दिया। 18 जनवरी को भारत सरकार ने भी अपने हवाई अड्डों पर चीन से आने वालों की जाँच शुरू कर दी। 30 जनवरी को केरल में पहला कोरोना पॉज़िटिव सामने आया।

लेकिन तब तो आप अपनी सियासी तिकड़मों में इस क़दर मशग़ूल थे प्रधानमंत्री जी कि आपको दिल्ली चुनाव, दिल्ली दंगे, बजट, संसद, गोली मारो, शाहीनबाग़, मध्य प्रदेश की सौदेबाज़ी और असंख्य भाषणबाज़ी से ही फ़ुर्सत नहीं थी। पूरे फरवरी के बाद 4 मार्च को जैसे ही आपको दम लिया वैसे ही ऐलान कर दिया कि होली नहीं मनाऊँगा। अगले दिन आपके विदेश दौरे रद्द हुए। यानी, अब तक आप अच्छी तरह से कोरोना की भयावहता से वाकिफ़ हो चुके थे। इसके बावजूद आपने 24 मार्च की रात 8 बजे घोषणा की कि चार घंटे बाद से तीन हफ़्ते के लिए लॉकडाउन शुरू हो जाएगा।

इससे पहले 22 मार्च को आपने थाली-ताली वादन और शंखनाद का आयोजन करवाकर दुनिया तो अपने विलक्षण इवेंट मैनेज़र का पुनः अहसास करवा दिया था। इस वक़्त तक भी आपने कोरोना को अवैध रूप से आयात करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ा। बकौल कैबिनेट सेक्रेट्री राजीव गौबा, आपने 18 जनवरी से 23 मार्च के दौरान विदेश से आने वाले 15 लाख लोगों को कोराना लाने का भरपूर मौक़ा दिया। देश आपकी ऐसी सूझबूझ का प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर के विभाजन, 370 के ख़ात्मे, तीन तलाक़, बालाकोट, 1.76 लाख करोड़ के रिज़र्व कैपिटल फंड के इस्तेमाल सम्बन्धी फ़ैसलों में देख चुका है। सभी जानते हैं कि आपके तेज़ी से लिये गये कड़े फ़ैसले आनन-फ़ानन वाले नहीं होते। अन्दर ख़ाने हरेक बारीक़ तैयारी की जाती है।

प्रधानमंत्री जी, अब ये किसी से छिपा नहीं है कि नोटबन्दी और जीएसटी के बाद लॉकडॉउन के लिए भी आपने जो ‘एक क़दम आगे, दो क़दम पीछे’ वाली रणनीति बनायी है, उसमें हीलाहवाली के हालात अनचाहे नहीं, बल्कि जानबूझकर बनाये गये हैं। इसीलिए आपके फ़ैसलों में आपकी राजनीतिक लिप्साओं की भरपूर छाप दिखती है। हमेशा की तरह इस बार भी आप भावुकता का मुखौटा ओढ़कर अमीरों के फ़ायदे की लड़ाई में जुटे हुए हैं। इसीलिए आपकी ऐसी बेशर्मी देखकर हैरानी नहीं होती कि ‘आपके पास कोई चारा नहीं था’। कोई कैसे यक़ीन कर सकता है कि ज़मीन से जुड़ा एक दयालु राजनेता होने के बावजूद आपको ये अन्दाज़ा नहीं था कि लॉकडॉउन के हालात में लाखों प्रवासी और दिहाड़ी मज़दूर कैसे पेट भरेंगे, कहाँ जाएँगे? सुखद सिर्फ़ इतना है कि आपके भक्तों को ये तथ्य चौंकाते नहीं हैं।

प्रधानमंत्री जी, दरअसल आपको ये चिन्ता खाये जा रही थी कि कमबख़्त कोरोना, हिन्दू-मुसलमान क्यों नहीं कर रहा। आपकी तरह ग़रीबों की बातें बनाकर अमीरों के लिए काम क्यों नहीं कर रहा। आपकी ‘फूट डालो और राज करो’ वाली राजनीति को कोरोना ने नंगा कर दिया है। अब लोगों को भी पता चल चुका है कि आप ग़रीब का मुखौटा लगाकर पूंजीपतियों के हितों को साधने वाली आर्थिक नीतियाँ लागू करते हैं।

आपको चौंकाने वाले फ़ैसले लेने में मज़ा आता है। तभी तो आपने अपने राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों और उनके राजनीतिक दलों की जेबें खाली करने के लिए ही नोटबन्दी की थी। आपके पास अपने शत्रुओं को पहचानकर उन्हें नोट-बदली से रोकने के लिए हर कड़े क़दम उठाने की ज़ोरदार तैयारी थी। तभी तो आपके अपने दल वाले लोगों के लिए नोट-बदली नेटवर्क खुलकर काम करता रहा। आपने मध्यम वर्ग को कंगाल बनाया तो निम्न वर्ग को दूसरों की कंगाली पर हँसना सिखाया। इसके लिए आपने ख़ुद ‘मिमिक्री’ करके परपीड़क हँसी वाली शैली में कितनी बार जनता को बताया कि जब हमने 8 बजे ऐलान किया तो लोगों की क्या दशा हुई!

प्रधानमंत्री जी, ये आपके व्यक्तित्व का ही करिश्मा था कि किसी को ताज्ज़ुब नहीं हुआ कि सबसे बड़े पद पर बैठा व्यक्ति कैसे आम लोगों की तकलीफ़ पर अट्हास कर सकता है। इसीलिए आपका कभी बाल तक बाँका नहीं हुआ। आपने मध्य वर्ग और निम्न वर्ग के बीच बैर-भाव को ही अपना ब्रह्मास्त्र बनाकर दिखा दिया। तभी तो आप लघु और मध्यम उद्योगों में तालाबन्दियाँ करवाकर लाखों-करोड़ों मज़दूरों को सड़कों पर ला पटकने में सफल हुए। उस वक़्त भी उन्हें ज़िन्दा रहने के लिए अपने उसी गाँव-घर लौटना पड़ा था, जहाँ से वो कुछ बेहतर ज़िन्दगी की तलाश में शहरों में आये थे। जबकि आपके पास पठानकोट था, राष्ट्रवाद था, बेजुबान जानवर जैसा पाकिस्तान था, जिस पर गरज-गरजकर आप लोगों में देशभक्ति का उन्माद भरते रहे। पुलवामा का सच, आपने आज तक सामने आने नहीं दिया।

प्रधानमंत्री जी, देश की मासूम जनता को आपने जीएसटी लागू करने के वक़्त भी कोई मामूली धोखा नहीं दिया। इसके लिए संसद में आधी रात को आज़ादी हासिल करने जैसा जश्न मनाया गया। जवाहर लाल नेहरू नहीं बन पाने को लेकर दिखायी गयी आपकी ऐसी कुंठा से देश को क्या मिला? ऐसी आर्थिक मन्दी जिसके आँकड़े छिपाने के लिए आपके जैसे ‘योद्धा’ को भी मज़बूर होना पड़ा। हालाँकि, वो मज़बूरी भी ऐसी नहीं थी जिसे लेकर आप कह पाते कि ‘आपके पास कोई चारा नहीं था’। मन्दी को भी आप कभी हिन्दू-मुसलमान नहीं बना सके। लेकिन इसके लिए आपने कभी किसी से माफ़ी नहीं माँगी, आँसू नहीं बहाये।

प्रधानमंत्री जी, आपकी कार्यशैली की वजह से ही आज सुप्रीम कोर्ट सरकार का घटक दल बनकर कहने लगा है कि कोरोना पर मोदी सरकार ने सन्तोषजनक काम किया है। ऐसा कि सरकार के आलोचक भी उसकी प्रशंसा कर रहे हैं। हालाँकि, इससे पहले आपकी आर्थिक दिव्य-दृष्टि को देखकर कई आर्थिक विशेषज्ञ और रिज़र्व बैंक के दो गर्वनरों ने इस्तीफा देकर चले जाने में ही अपनी ख़ैर समझी। MSME सेक्टर की दुर्दशा और असंगठित क्षेत्र की बेरोज़गारी आपके उन्हीं तेवरों की देन है। आपने हर साल दो करोड़ नौकरी का वादा किया, लेकिन वो मुंगेरी लाल के सपने साबित हुए। उल्टा हक़ीक़त में हर साल लोगों ने एक करोड़ नौकरियों की बलि चढ़ती चली गयी।

प्रधानमंत्री जी, शायद आप जानते नहीं कि ज्यों-ज्यों आपका ‘हार्ड वर्क’ वाला गुरूर बढ़ता गया त्यों-त्यों सुरसा राक्षसी के मुँह की तरह आपकी कुंठाएँ भी बेहिसाब बढ़ती रहीं। तभी तो आपने जनता पर एक नहीं निजी कुंठाओं से भरपूर अनेक फ़ैसले थोपे। इन पर राष्ट्रवाद, महान हिन्दू धर्म, देश-प्रेम वगैरह का मुलम्मा चढ़ा दिया। विरोध को दबाने के लिए आपने मीडिया हॉउसेज़ को ख़रीद डाला। बड़े मीडिया घरानों ने प्रादेशिक संस्करण शुरू करके केन्द्र सरकार से ख़ूब सरकारी मदद भी पायी। आपने मीडिया के हरेक पिरामिड पर खुलकर ताली और थाली बजाने वालों को बिठा दिया। बदले में मालिकों को मालामाल करने का भरोसा दिया। देखते ही देखते देश के मीडिया की डोर प्रधानमंत्री कार्यालय से घूमायी जाने लगी। यही नहीं, सोशल मीडिया के न्यूज़ ऑउटलेट्स में भी हर सुबह कम से कम दो-तीन हेडलाइन्स तय की जाने लगीं।

प्रधानमंत्री जी, हमें याद है आप कहा करते थे कि अगर देश के मीडिया से तालमेल कर लिया जाए तो मुल्क पर कोई भी 50 साल तक राज कर सकता है। हालाँकि, कभी ये बातें आपने काँग्रेस के परिप्रेक्ष्य में कही थीं, लेकिन आपने तो क्रूरता में काँग्रेस के 60 सालों के रिकार्ड को चन्द महीनों में ही ध्वस्त करके दिखा दिया। प्रशान्त किशोर जैसे रणनीतिकारों की ज़रूरत को मिटाकर आपने 2019 का चुनाव विशुद्ध रूप से TINA (There is no alternative) फ़ैक्टर पर लड़ा और विजयी हुए। इसके लिए ये मानते हुए कि आप नाक़ाबिल हैं, प्रचार यही किया गया कि दूसरा भी कोई क़ाबिल नहीं है। आप लगातार यही बेच रहे हैं प्रधानमंत्री जी, तभी तो आज भी आप यही कहते हैं कि कोई चारा नहीं था।

प्रधानमंत्री जी, कोई कैसे ये मान लेगा कि आप मुस्तैदी से फ़ैसले नहीं लेते। अपने चहेते कॉरपोरेट्स के हितों की ख़ातिर किसी सीमा तक जा सकते हैं। इसीलिए आपको जनता पर छपाक से तमाचे जड़ते वक़्त ज़रा सी भी दया नहीं आती। रिज़र्व बैंक को घुटनों पर बिठाकर आपने जो 1.76 लाख करोड़ रुपये ऐंठे थे, उससे जनता को लगा था कि शायद, ये रकम अर्थव्यवस्था को सम्भालने पर ख़र्च होगी, ताकि बाज़ार में माँग बढ़ सके, लेकिन आपने तो सारा पैसा अपने कॉरपोरेट दोस्तों की मदद में झोंक दिया। अब देश स्तब्ध और बेबस है कि आप सार्वजनिक उपक्रमों की खुली बोलियाँ लगवाकर अपने दोस्तों को निहाल करने में जुट गये हैं।

रेल, विमानन, पेट्रोलियम, टेलीकॉम क्षेत्र वाली सरकारी कम्पनियों को औने-पौने में ख़रीदने के लिए आपके यहाँ दोस्त आपके पास यूँ ही लाइन लगाये नहीं खड़े थे। आप भी मुग़ल बादशाहों की तरह कुछेक हज़ार करोड़ रुपये के ख़र्च की आड़ में लाखों करोड़ रुपये वाली कम्पनियों का सौदा कर रहे हैं। विदेश में भारत से बड़ी माली हैसियत वाले देशों को भी मदद की पेशकश करके आपको बादशाहत का अहसास कराने में बहुत सुकून मिलता है।

जम्मू-कश्मीर में अभी तक इंटरनेट सेवाएँ बहाल नहीं हुई हैं। वहाँ के दो करोड़ लोगों को आपने सात महीने से इसलिए लॉकडाउन में रखा है क्योंकि आपने इसे जम्मू-कश्मीर को फ़तह करने की तरह पेश किया। आपको पता है कि वहाँ की मेजॉरिटी पॉपुलेशन आपके फ़ैसले से सहमत नहीं है। लेकिन ऐसे असहमत लोगों पर फ़तह के ज़रिये आप अपने हिन्दू भक्तों को परपीड़ा का सुख देने में सफल हो जाते हैं। आप जानते हैं कि ऐसे फ़ैसलों से कश्मीर में भले ही बीजेपी को भला नहीं हो, लेकिन इससे आप ज़्यादातर मतान्ध हिन्दुओं को सालों-साल तक बरगला सकते हैं। क्योंकि आपने पीढ़ियों से उनमें इस ख़ास कुंठा को ठूँस-ठूँसकर भरा है कि उसे विशेष राज्य का दर्ज़ा सिर्फ़ इसलिए मिला क्योंकि वो मुस्लिम बहुल राज्य है और सरकार के क़ानून के बजाय शरियत से चलती थी।

प्रधानमंत्री जी, आपने पूरे कौशल से मुस्लिम कट्टरपन्थियों की तरह हिन्दू कट्टरपन्थियों की राजनीति को भी स्थायी बना दिया। कभी भारत के अधिकतर हिन्दुओं को इस बात का गर्व होता था कि वो किसी भी प्रगतिशील धर्म से ज़्यादा प्रगतिशील हैं। लेकिन आपने पुरातनवादी रूढियों, धर्म और ध्वजा को देश की राजनीति के केन्द्र में लाकर खड़ाकर दिया। ऐसे में आपको किसी तरह का भेदभाव नहीं करने वाली कोरोना महामारी कतई रास नहीं आ रही। आप समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसे में हिन्दू वोटों की एकजुटता के लिए क्या कदम उठाए जाएँ जिससे आपके कॉरपोरेट मित्रों का और वारा-न्यारा हो सके।

प्रधानमंत्री जी, आपकी विचित्र किस्म की लाचारी है कि कोरोना के रूप में प्रकृति का सन्देश है कि उसके लिए सब बराबर हैं। न कोई अमीर, ना ग़रीब। न हिन्दू, ना मुसलमान। इसीलिए ग़रीब आपकी प्राथमिकता में नहीं हो सकते, क्योंकि उन्हें मज़हब के आधार पर बाँटना असम्भव है। इसीलिए आप उनके प्राणों की एवज में कोरोना से लड़ने से ज़्यादा तरह-तरह का ढोंग कर रहे हैं। अब कोरोना चाहे तो आपको भले माफ़ कर दे, लेकिन ग़रीब-मज़दूर आपको कभी माफ़ नहीं कर पाएगा, क्योंकि आपको माफ़ करना इंसानियत के साथ धोखा होगा, गद्दारी होगी।

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करीना कपूर की ग्लोइंग स्किन का राज है ये देसी ‘फेसपैक’

बॉलीवुड की टॉप एक्‍ट्रेसेस की जब बात होती हैं करीना कपूर का नाम टॉप पर आता है। करीना कपूर की उम्र 39 वर्ष हो चुकी है। मगर, उम्र के इस पड़ाव पर भी वह बेहद खूबसूरत नजर आती हैं। आम मिलाएं करीना कपूर की तरह दिखने के सपने देखती हैं। खासतौर पर 35 महिलाएं भी चाहती हैं कि वह भी उम्र को मात दे सकें और उतनी ही जवां और निखरी हुई नजर आएं जितना कि वह 25 वर्ष की उम्र में दिखती थीं। वैसे तो करीना कपूर कई स्किन ट्रीटमेंट और मेहंगे कॉस्‍मैटिक्‍स का प्रयोग करती होंगी मगर, वोग मैग्‍जीन को दिए एक पुराने इंटरव्‍यू में करीना कपूर ने बताया था कि वह कैसे घरेलू चीजों का इस्‍तेमाल कर अपनी खूबसूरती को बरकरार रखती हैं।

वर्ष 2016 में दिए इंटरव्‍यू में करीना ने बताया था कि उनका सबसे बड़ा ब्‍यूटी सीक्रेट है बादाम का तेल और दही से बना फेसपैक। वह नियमित इस फेसपैक 30 मिनट के लिए चेहरे पर लगाती हैं। मगर, अब वह ऐसा करती हैं या नहीं इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालाकि, बादाम का तेल और दही दोनों ही त्‍वचा को यूथफुल बनाए रखने के लिए बहुत ही फायदेमंद है। खासतौर पर बादाम के तेल त्‍वचा के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आइए जानते हैं कि त्‍वचा को खूबसूरत बनाने के लिए बादाम के तेल को कितने तरह से इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

फ्लॉलेस स्किन के लिए

यदि आपकी त्‍वचा सेंसिटिव है तो आपको बादाम का तेल जरूर इस्‍तेमाल करना चाहिए। इसमें हाइपोएलर्जिक प्रॉपर्टीज होती हैं। यह त्‍वचा को फ्लॉलेस बनाती है। आपको बता दें कि बादाम का तेल एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। करीना कपूर की तरह यदि आप इसे दही में मिला कर चेहरे पर लगाती हैं तो त्‍वचा पर अनोखा ग्‍लो आ जाता है। इस देसी पैक को आप इस तरह बना सकती हैं।

सामग्री

  • 1 बड़ा चम्‍मच दही
  • 1 छोटा चम्‍मच बादाम का तेल
  • 1 छोटा चम्‍मच शहद

विधि

तीनों सामग्रियों को मिक्‍स करें और चेहरे पर लगा लें। 30 मिनट बाद जब फेसपैक सूख जाए तो इसे ठंडे पानी से वॉश कर लें। ऐसा हफ्तें में 3 बार करें। आपकी त्‍वचा पर ग्‍लो आ जएगा।

मुंहासे की रोकथाम के लिए

बादाम का तेल त्‍वचा में मुंहासों के फॉर्मेशन को रोकता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए होता है। आप इसमें चीनी मिला कर चेहरे पर स्‍क्रब की तरह यूज कर सकती हैं। यह आपकी त्‍वचा को बहुत ही अच्‍छी तरह से एक्‍सफोलिएट करता है और त्‍वचा को डीटॉक्‍स भी करता है। इसे इस तरह बना सके हैं।

सामग्री

  • 1 चम्‍मच बादाम का तेल
  • 1 चम्‍मच चीनी

विधि

दोनों का मिश्रण बनाएं और त्‍वचा पर 10 मिनट तक स्‍क्रब करें। इसके बाद चेहरे को नॉर्मल वॉटर से साफ करें। त्‍वचा अच्‍छी तरह डीटॉक्‍स हो जाएगी।

स्‍पॉटलेस त्‍वचा के लिए

त्‍वचा को स्‍पॉटलेस बनाने के लिए आपको हल्‍दी और बादाम का तेल चेहरे पर लगाना चाहिए। आपको बता दें कि यह फेसफैक इंफ्लामेशन को कम करता है और त्‍वचा में मौजूद स्‍पॉट्स को दूर करता है। इस फेसपैक को आप इस तरह बना सकती हैं।

  • 1 चम्‍मच बादाम का तेल
  • 2 चुटकी हल्‍दी पाउडर

विधि

बादाम के तेल में 2 चुटकी हल्‍दी मिलाएं और चेहरे पर मसाज करते हुए लगाएं। 15 मिनट मसाज करने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से वॉश करें। ऐसा आप एक दिन छोड़ एक दिन करें आपको फायदा होगा।

बादाम का तेल त्‍वचा के लिए वरदान है इस बात में कोई शक नहीं है मगर, आपकी त्‍वचा ज्‍यादा सेंसिटिव है तो आपको एक बार त्‍वचा विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए और तब ही इन फेसपैक्‍स और स्‍क्रब को यूज करना चाहिए।

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लॉकडाउन में हाथों के साथ धोए अपना चे​हरा, त्वचा के निखार में होगी काफी बढ़ोत्तरी

आज के समय में अधिकत्तर महिलाएं अपने चेहरे का निखार बढ़ाने के लिए मेकअप के साथ फेशियल और फेस क्‍लींजर का इस्‍तेमाल करती है।लेकिन इस समय जहां लॉकडाउन के कारण सारे बाजार और ब्यूटी पार्लर बंद है ऐसे में कई बार महिलाएं ऐसी क्रीम और प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर लेती है जिससे कि त्‍वचा में जलन पैदा हो जाती है और चेहरे पर दाग धब्बों की समस्या दिखाई देती है।इसके कारण चेहरे की पोर्स बंद हो सकते है और मुंहासे और झाइयों की समस्‍या भी दिखाई देने लगती है।

आप इसस समस्या को दूर करने के लिए क्लींजर का इस्तेमाल कर सकती है जो आपके चेहरे की त्वचा से गंदगी और ऑयल को हटाने में मदद करता है, लेकिन गलत क्लींजर का इस्तेमाल आपकी त्वचा की परेशानी को और बढ़ा सकता है।

ऐेसे आप आप यदि अपने चेहरे का साफ पानी से लगातार धोए, तो आपके चेहरे की त्वचा की सभी समस्याएं अपने आप दूर हो सकती है।साफ पानी त्वचा की प्राकृतिक नमी को बनाए रखने में भी मदद करता है और इसे ड्राई व बेजान होने से भी बचाता है।आप अपने चेहरे का निखार बनाए रखने के लिए गुनगुने पानी से अपने चेहरे को धोए।

इससे चेहरे की त्वचा में अधिक सीबम उत्पादन होता है जो डेड स्किन सेल्स को ठीक कर त्वचा को पोषण देने में मदद करता है।आप अपने चेहरे के बंद पोर्स को खोलने के लिए गर्म पानी की भाप का भी इस्तेमाल कर सकती है।

इसके अलावा जब भी आप कोरोना वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को धोए,तो उस समय आप अपने चेहरे को भी धोए। जिससे कि आपके चेहरे की त्वचा में प्राकृतिक नमी बनी रहेंगी और आपका निखार भी बढेगा।

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जानिए सभी स्किन टाइप ‘के लिए ओट्स फेस पैक के फायदे

हर महिला का सपना होता है कि उसकी त्वचा चिकनी और चमकदार हो, सपने को साकार करने की कोशिश में, हम बाज़ार में उपलब्ध लगभग सभी स्किनकेयर उत्पादों को आज़माते हैं। इस प्रक्रिया में, हम आपकी त्वचा को अच्छे से अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।

सामान्य जई के 3 चम्मच लें; शहद के 1 चम्मच और कच्चे दूध के 1 चम्मच के साथ संयोजन करें। इन्हें अच्छे से मिलाएं और एक महीन पेस्ट बनाएं।

अपने चेहरे पर लागू करें, इसे 20 मिनट के लिए छोड़ दें। गुनगुने पानी से धो लें। यह शुष्क त्वचा के लिए एक सुंदर फेस पैक है। आप नहाने से पहले अपने शरीर पर भी लगा सकते हैं।

एक टीस्पून नींबू का रस 4 टीस्पून ओट्स के साथ मिलाएं। पेस्ट बनाने के लिए आप थोड़ा सा पानी मिला सकते हैं। अपने चेहरे और गर्दन पर लागू करें। इसे सूखने तक छोड़ दें।

ठंडे पानी से कुल्ला। सूखने के लिए टैप करें। कुछ हफ़्ते के लिए करें। यदि आपकी त्वचा तैलीय है, तो चमकता चेहरा पाने के लिए यह सबसे अच्छा पैक है। या आप अपने चेहरे में तेल को कम करने के लिए हर दिन टमाटर का रस लगा सकते हैं।

दो चम्मच दही लें; जई के 4 चम्मच के साथ जोड़ें। एक महीन पेस्ट बनाएं। यदि पानी की आवश्यकता है, तो आप जोड़ सकते हैं। थोड़ी मात्रा में लें, अपने चेहरे और गर्दन पर परिपत्र गति में मालिश करें। इसे सूखने तक रहने दें। सामान्य पानी से धो लें।

यह सामान्य त्वचा के लिए एक अच्छा फेस पैक है। आप अधिक मात्रा में पैक बना सकते हैं, इसे नहाने से 15 मिनट पहले पूरे शरीर पर लगाएं। आपको पौष्टिक त्वचा मिलेगी।

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लॉकडाउन के बीच बड़ा फैसला, व्हाट्सएप पर लगाया जाएगा केवल 15 सेकंड का वीडियो स्टेट्स

अगर आपको व्हाट्सएप पर रोज-रोज नए स्टेट्स वीडियो लगाना पसंद है, तो आपके लिए एक बुरी खबर है। फेसबुक के मालिकाना हक वाली मैसेजिंग एप व्हाट्सएप पर अब सिर्फ 15 सेकंड का स्टे्टस वीडियो लगाने की अनुमति होगी। जबकि पहले 30 सेकंड तक का स्टेट्स वीडियो डाला जा सकता था।

खबरों के अनुसार, भारत में लॉकडाउन में सर्वर इंफ्रास्ट्रक्चर पर ट्रैफिक को घटाने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, इस बदलाव को लेकर व्हाट्सएप की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

बता दें कई यूजर इस बदलाव से खुश नहीं हैं। वे नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन के चलते देश में इंटरनेट नेटवर्क पर दबाव बहुत ज्यादा अधिक बढ़ गया है, क्योंकि घरों में बंद लोग अब मोबाइल का उपयोग अधिक कर रहे हैं।

इसके साथ ही घर आफिस का काम कर रहे लोग भी इंटरनेट का काफी अधिक प्रयोग कर रहे हैं। इस संबंध में डब्ल्यूबीटाइंफो की ओर से रविवार को एक ट्वीट किया गया।

ट्वीट में कहा गया कि आप अब 16 सेकंड के वीडियो को व्हाट्सएप स्टेट्स नहीं बना सकते। सिर्फ 15 सेकंड तक के वीडियो को इसकी इजाजत है। भारत में यह निर्णय लिया गया है और यह सर्वर इंस्फ्रास्ट्रक्चर के ऊपर से दबाव को घटाने की एक पहल बड़ी है।

भारत में 40 करोड़ यूजर : भारत में करीब 40 करोड़ व्हाट्सएप यूजर हैं। लांच के वक्त इस मैसेजिंग एप पर 90 सेकंड से लेकर तीन *मिनट तक के वीडियो की अनुमति थी।

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बेकार पड़ी चीजों से बच्चों को सिखाएं विंड चाइम बनाना

आज कोरोना के प्रकोप कारण सारी दुनिया घर बैठने पर मजबूर हो गई हैं। इस सिचुएशन में पेरेंट्स का बच्चों को घर पर बैठाना काफी चुनौतीपूर्ण काम हैं। ऐसे में उनका दिल लगाने के लिए आप उन्हें घर पर पड़ी बेकार चीजों से कुछ बनाना सिखा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं घर पर आसानी से विंड चाइम बनाने का तरीका…

आवश्यक सामग्री

प्लास्टिक कप- 1
डोरी या धागा- 5 फुट
मोती- 50 (अलग-अलग रंगों के)
घंटी- 5
कैंची- 1

विधि

. सबसे पहले कप के चारों तरफ से छेद करें। . डोरी को कैंची की मदद से समान भागों में काट लें।
. अब सभी होल से डोरी को निकालकर ऊपर से गांठ बांध लें।
. सभी डोरियों से 2-2 इंच की दूरी पर 1-1 मोती डालकर गांठ बांध लें।
. सभी धागों पर 1-1 घंटी बांधने।
. अब कप के ऊपर की ओर से सभी डोरियों को एकसाथ पकड़ कर गांठ बांध लें।
. इसके साथ ही ऊपर एक घंटी बांधे।

आपकी विंड चाइम बनकर तैयार हैं। इसे घर की किसी खुली और हवादार जगह पर लटकाएं। इसके साथ ही प्रकृति के मधुर संगीत सुनने का मजा उठाएं।

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फेंगशुई टिप्स: खुशहाली चाहिए तो सही दिशा में रखें लाफिंग बुद्धा

फेंगशुई में घर, दुकान या ऑफिस में लाफिंग बुद्धा रखना बेहद शुभ माना जाता है। माना जाता है इससे वातावरण में पॉजिटिविटी आती है। घर-परिवार खुशियों से भरते हैं और तरक्की के रास्ते खुलते है। इसलिए काफ़ी लोग इन्हें अपने घर, दुकान और ऑफिस में रखते हैं। मगर क्या कभी किसी ने सोचा है यह है कौन? इसके साथ ही इनकी मूर्ति हमेशा हंसते वाली क्यों होती है? कुछ लोग इन्हें गौतम बुद्ध मानते थे तो श्रीराम का अवतार। तो चलिए आज हम आपको बताते है इनके बारे में कुछ रोचक और लाभकारी बातें…

महात्मा बुद्ध से था संबंध

असल में यह महात्मा बुद्ध नहीं बल्कि उनके शिष्यों में से एक थे। बता दें जापान में यह होतेई नाम से प्रसिद्ध थे। इन्होंने महात्मा बुद्ध से आत्मज्ञान लिया था। मगर अजीब बात यह थी कि इन्होंने आत्मज्ञान प्राप्त करने के बाद हंसना शुरू कर दिया।

लोग उन्हें ऐसे देख को जाते थे

माना जाता है कि आत्मज्ञान मिलने के बाद ज्ञान का प्रसार के लिए होतेई अलग-अलग गांव जाते और लोगों को खूब हंसाते। वह लोगों की बड़ी से बड़ी परेशानियों का हंसते हुए हल निकाल देते थे। इसके साथ ही जो लोग उन्हें देखते तो बस देखते ही रह जाते। इसके पीछे का कारण उनकी उम्दा मुस्कान और हमेशा हंसते रहना था। कहते हैं उनके हंसते हुए चेहरे को देखकर लोग अपनी परेशानियों को भूल जाते थे।

ऐसे मशहूर हुए जापान में

लोगों को आत्‍मज्ञान कराने के लिए होतेई पूरे जापान में एक जगह से दूसरी जगह जाते थे। उनके हर समय हंसते और मुस्कुराने की वजह से लोगों ने उन्‍हें लाफिंग बुद्धा कहना शुरू कर दिया। वैसे तो वह प्रवचन नहीं देते थे। मगर उनकी मुस्कान को देखकर ही लोगों की परेशानियां दूर हो जाती थीं। ऐसे में लोगों को हमेशा उनसे मिलने का इंतजार रहता था।

होतेई ने सिखाया बिन कारण हंसना

अपनी मुस्कान से होतेई ने पूरे जापान के लोगों को मुसीबत में भी हंसना सिखा दिया। कहा जाता है कि उन्‍होंने पूरे जापान को सिखाया कि कैसे किसी भी पर‍िस्थिति में हंसा जा सकता है। असल में लोगों को शांति के रास्ते पर चलाना ही उनका उद्देश्य और समाधी थी। लोग उनकी इसी राह पर चले और और उनके न रहने पर उन्‍हें मूर्ति के रूप में बतौर लकी चार्म अपने घर, दुकान और ऑफिस में रखने लगे। इसके साथ ही यह परंपरा आज तक चल रही है।

तो चलिए अब जानते हैं लाफिंग बुद्धा को रखने के फायदे के बारे में…

. घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।
. घर-परिवार में खुशियों का आगमन होता है।
. जीवन सुख-शांति, समृद्धि से भर जाता है।
. दुश्मनों से छुटकारा मिलता है।
. धन से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है।
. कारोबार में तरक्की के रास्ते खुलते है।
. घर-परिवार में कलह-क्लेश दूर हो प्यार में व‌द्धि होती है।

सही दिशा

फेंगशुई के मुताबिक लाफिंग बुद्धा को पूर्व दिशा में रखना चाहिए।

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हीरोइनों को भी पीछे छोड़ कार्तिक आर्यन ने पहनी थी इतनी महंगी जैकेट, कीमत सुन उड़ जाएंगे होश

बॉलीवुड की हीरोइनों की ड्रेस की कीमत अक्सर ही सामने आती रहती है। जिसे सुन हर कोई हैरान रह जाता है। क्योंकि करीना कपूर से लेकर कटरीना तक बेहद महंगे अवतार में नजर आती हैं। लेकिन अबतक प्रियंका चोपड़ा की ड्रेस की कीमत सबसे ज्यादा पता चलती थी। लेकिन इन सब हीरोइनों को पीछे छोड़ा कार्तिक आर्यन ने। कार्तिक आर्यन बी टाउन के सितारे बन चुके हैं। ऐसे में वो मंहगे कपड़े पहने इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। हालांकि ग्लोबल स्टार प्रियंका चोपड़ा को भी पीछे छोड़कर कार्तिक आर्यन ने करीब एक साल पहले ही इतनी महंगी कीमत की जैकेट पहनी थी।

दरअसल, करन जौहर के शो में कृति सेनन के संग पहुंचे कार्तिक ने काले रंग की वेलवेट की जैकेट पहनी थी। जो कि जापानी कंपनी मास्टरमाइंड की थी। काले रंग की इस जैकेट में इंसानी खोपड़ियों की आकृतियां बनी हुई थीं। जिसकी कीमत जरूर आपको हैरान कर देगी।

एक वेबसाइट के मुताबिक कार्तिक आर्यन की ये जैकेट करीब 4 हजार पाउंड से ज्यादा की थी। जिसकी रुपये में कीमत लगभग चार लाख बीस हजार के करीब है। सोचिए जरा जब कार्तिक आर्यन की जैकेट की इतनी कीमत है तो साथ में पहने टीशर्ट और जींस की कितनी कीमत होगी। हालांकि हमें जींस वगैरह की कीमत के बारे में जानकारी नहीं है।

बता दें कि कार्तिक आर्यन महंगे कपड़ों और जूतों के शौकीन हैं। केवल ये जैकेट नहीं बल्कि उनके जूते भी खास होते हैं। कार्तिक के पास जिमी जू कंपनी का डायमंड ट्रेल स्नीकर है जिसकी कीमत करीब 60 हजार से ज्यादा है। वहीं एक स्नीकर उनका करीब 50 हजार का है। कार्तिक आर्यन के इन जूतों की कीमत भी कुछ कम नहीं है। जिसे सुन कोई भी हैरान हो सकता है।

बता दें कार्तिक आर्यन की फिल्म लव आजकल फरवरी में रिलीज हुई थी। जिस में वो सारा अली खान के साथ नजर आए थे। वहीं पिछले साल आई उनकी फिल्म पति पत्नी और वो में उनकी अभिनय की तारीफ हो रही थी। वहीं जल्दी ही वो भूलभूलैया 2 में भी नजर आने वाले हैं।

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घर में मौजूद सिर्फ इन 2 चीजों से हेयर डाई बनाएं

हमारी दादी-नानी ने हमें आंवले के कई फायदों के बारे में बताया है। इस फल को रेगुलर खाने से आप अपने बालों को काला, लंबा, घना और सुंदर बना सकती है और इससे संबंधित समस्याओं को दूर रख सकती है। लेकिन, अगर आप इसे रेगुलर नहीं खा पा रही हैं, तो कम से कम आप इसे अपने बालों को हेल्‍दी रखने के लिए लगा सकती हैं। आपके बालों को काला और चमकदार रखने में भी आंवला आपकी हेल्‍प कर सकता है। आपके दिमाग में सवाल आ रहा होगा कि कैसे? तो हम आपको बता दें कि इस आसान होममेड हेयर डाई की मदद से जिसे आप तैयार करने के लिए आपको सिर्फ आंवला और पानी की जरूरत होती है। अच्‍छे रिजल्‍ट पाने के लिए इसे हफ्ते में 2 या 3 बार अपने बालों पर लगाएं। इस डाई को बनाने का तरीका जानने से पहले, आइए इस बात को जान लें कि यह आपके बालों को कैसे फायदा पहुंचाएगी।

होममेड डाई के फायदे

विटामिन सी से भरपूर आंवला आपके बालों को काला बनाए रखने के साथ इससे बनी डाई आपके बालों को इंफेक्‍शन से बचाएगी, जो केमिकल और पैरासाइट्स के कारण स्‍कैल्‍प पर खुजली का कारण बनती है, बालों के जड़ों को मजबूत करेेगी, बालों की ग्रोथ को बढ़ाएंगी, बालों के बहुत ज्‍यादा झड़ने को रोकेेगी, काले पिग्‍मेंट को रिस्‍टोर करके बालों और ज्‍यादा सफ़ेद होने से रोकती हैं, और आपके बालों से रूसी की समस्या को भी दूर रखती है।

होममेड डाई बनाने का तरीका

  • अपने बालों की लंबाई के आधार पर, 100 से 150 ग्राम सूखा आंवला लें।
  • बीज निकाल लेने के बाद सूखे आंवले के टुकड़ों को एक छोटी सी लोहे की कड़ाही में डाल लें।
  • कड़ाही को गैस पर रखें, आंच को गर्म होने तक गैस का स्‍वीच ऑन करें। फिर आंवले को पैन में डालें। फिर आंच को धीमा कर दें। धीमी आंच पर आंवले को भूनते रहें। प्रक्रिया को तब तक जारी रखें जब तक कि टुकड़े रंग में काले न हो जाएं। इसमें लगभग 25-30 मिनट लग सकता है।
  • एक बार टुकड़ों के काले हो जाने के बाद, पैन में 250 मिली पानी डालें और आंच को बढ़ा दें।
  • फिर धीमी आंच में पेस्‍ट को और 10 मिनट तक उबलने दें। अब इसे ठंडा होने दें और रात भर इसी तरह छोड़ दें।
  • अगली सुबह आप देखेंगे कि आंवला नर्म हो गया है। अब इस पेस्‍ट को मिक्‍सी में डालकर पीसकर बारीक पेस्‍ट बना लें। सुनिश्चित करें कि आपके इस पेस्‍ट में में आंवला का कोई भी टुकड़े ना हो। आपकी होममेड डाई तैयार है।

सावधानी

  • अच्‍छे रिजल्‍ट पाने के लिए, धैर्य बहुत जरूरी है क्योंकि यह नेचुरल तरीका है और रिजल्‍ट आपके बालों की बनावट के आधार पर पांचवीं से सातवीं बाद लगाने के बाद ही दिखाई देगा।
  • लगाने से पहले अपने बालों को किसी अच्छे क्लींजिंग शैम्पू से धो लें। अपने बालों को स्वाभाविक रूप से सुखाएं और किसी भी सीरम या अन्य हेयर केयर प्रोडक्‍ट को न लगाएं।
  • पेस्ट लगाने के बाद 2 से 3 घंटों के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर इसे बिना किसी शैम्पू के धो दें। फिर से कोई भी अन्य हेयर प्रोडक्‍ट को बालों में न लगाएं।

तो देर किस बात की अगर आप भी सफेद बालों के लिए नेचुरल डाई चाहती हैं तो इसे जरूर ट्राई करें। बालों की देखभाल से जुड़ी ऐसी ही और जानकारी पाने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।

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नीना गुप्ता ने दिखाया फ्लोरल ड्रेस में अपना जलवा, इस गर्मी आप भी कर सकती हैं ट्राई

नीना गुप्ता 60 की उम्र में अपने से आधी उम्र की लड़कियों को भी मात देती हैं। उनका स्टाइल सेंस इतना लाजवाब होता है कि बस देखते ही रहें। एथिनिक वियर हो या वेस्टर्न हर आउटफिट में वो शानदार लगती हैं। डिजाइनर बेटी मसाबा गुप्ता के आउटफिट को वो अक्सर ही इंडोर्स करती नजर आ जाती हैं। फ्लोरल ड्रेस अगर आप पसंद करती हैं तो नीना गुप्ता की ये स्टाइल बेशक आपका दिल चुरा लेगी।

गर्मियां शुरू हो गई हैं। खुद को कंफर्टेबल लगने के साथ ही आंखों को सुकून देने वाले कलर और प्रिंट वाली ड्रेसेज हर कोई पहनना चाहता है। फ्लोरल ड्रेस को गर्मियों के लिए बिल्कुल माकूल माना जाता है। सब्यसाचा से लेकर अबु जॉनी और संदीप खोसला और मसाबा गुप्ता फ्लोरल प्रिंट को समर या स्प्रिंग कलेक्शन में उतार चुकी हैं। नीना गुप्ता भी अक्सर इस तरह की ड्रेस में स्पॉट हो चुकी हैं।

नीना गुप्ता लेटेस्ट फैशन ट्रेड को फॉलो करने में खूब माहिर हैं। तभी तो उनकी ये फ्लोरल ड्रेस हर लड़की को पसंद आएगी। नीना गुप्ता की सफेद बेस पर गुलाबी और पीले रंग के फूलों वाली ड्रेस बेहद खास है।

नीना गुप्ता अपने इंस्टाग्राम पर अक्सर ही तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। जिसमें उनके स्टाइलिश लुक नजर आ जाते हैं। अपनी फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान के प्रमोशन के समय उनका बॉबकट हेयर स्टाइल खूब सुर्खियां बटोर रहा था। नीना गुप्ता की फ्लोरल ड्रेस को देख लड़कियां गर्मियों के फैशन के लिए स्टाइल टिप्स ले सकती हैं।

नीना गु्प्ता की बेटी मसाबा गुप्ता समर कलेक्शन में फ्लोरल प्रिंट ड्रेसेज को उतार चुकी हैं। नीना अक्सर ही खूबसूरत ड्रेसेज में तस्वीरों को पोस्ट करती हैं।

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केवल कच्चे आलू से मिल जाएगी ग्लोइंग स्किन, बस इस तरह से करें इस्तेमाल

रसोई में अगर आलू रखा है तो किसी और सब्जी की जरूरत नहीं पड़ती है। उसी तरह से चेहरे के दाग-धब्बों और टैनिंग को खत्म करने के लिए केवल आलू ही पर्याप्त होगा। आलू से चेहरे पर चमक लाने के साथ ही आंखों के नीचे के काले धब्बों को भी दूर किया जा सकता है। बस इसका सही तरीके से इस्तेमाल करना आना चाहिए। तो चलिए जानें कैसे करें इसका इस्तेमाल की बिना केमिकल के चेहरे पर चमक लाई जा सके।

आलू और हल्दी का फेसपैक आलू जहां त्वचा की रंगत निखारने में मदद करेगा वहीं हल्दी के एंटीबैक्टीरियल गुण दाने और एक्ने की परेशानी से निजात दिलाएंगे। इन दोनों को मिलाकर फेस पैक चेहरे के लिए फायदेमंद है। फेस पैक बनाने के लिए आलू को कद्दूकस से घिस लें। घिसे हुए कच्चे आलू में एक चुटकी हल्दी मिलाकर चेहरे पर आधे घंटे के लिए लगाकर छोड़ दें। इसके बाद साफ पानी ने चेहरे को धो लें। सप्ताह में दो दिन इस पैक का इस्तेमाल करने से कुछ ही दिनों में फर्क नजर आने लगता है।

आलू और दही का फेसपैक आलू के साथ दही को मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर ग्लो आता है। इसके लिए कच्चे आलू को पीस कर उसका पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में दही को मिलाकर कुछ देर के लिए रख दें। करीब पन्द्रह से बीस मिनट बाद चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। आलू और दही का फेसपैक चेहरे की त्वचा को टाइट करने का भी काम करता है। जिससे झुर्रियों की परेशानी भी दूर होती है।

आलू और अंडे का फेसपैक आलू और अंडे का फेसपैक तैयार करने के लिए आधा आलू को घिस कर उसका रस निकाल लें अब इसमें एक अंडे का सफेद हिस्सा मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। तैयार पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। सादे पानी से फेस धो लें। इसका असर आपको तुरंत नजर आएगा। आपको बता दें आलू और अंडे के फेसपैक को लगाने से चेहरे पर ग्लो के साथ आपके पोर्स भी टाइट होते हैं।

आलू और नींबू का फेसपैक आलू का पेस्ट बना लीजिए। अब इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और चेहरे पर लगा लीजिए। 15 मिनट बाद चेहरे को धो लें। यह नेचुरल फेशियल ब्लीच का काम करता है। यह आपकी डार्क स्किन कॉम्प्लेक्शन को दूर करने में मदद करता है। एक बड़ा चम्मच आलू का रस में दो चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी मिलाकर पैक तैयार करें। अब इसे दस से पंद्रह मिनट तक चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। अब ठंडे पानी से चेहरे को धोएं। इससे आपके चेहरे के दाग दूर हो जाएंगे और चेहरे पर चमक आ जाएगी।

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नौसेना ने बनाया 6 लोगों को एक साथ ऑक्सीजन देने वाला सिलेंडर

दुनिया भर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के मामले भारत में भी लगातार बढ़ रहे हैं. खबर लिखे जाने तक भारत में 1306 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इसमें 109 लोग इलाज के बाद ठीक हो गए हैं, जबकि 32 लोगों की मौत हो गई है.

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार के साथ साथ तमाम अन्य संस्थाएं भी काम कर रही हैं. नौसेना के विशाखापत्तनम डॉकयार्ड में इनोवेटिव पोर्टेबल मल्टी-फीड ऑक्सीजन मैनिफोल्ड (MOM) डिजाइन तैयार की गई है.

नई तकनीक से एक सिलिंडर से एक ही साथ 6 मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकती है. कोरोना वायरस की वजह से गंभीर हालत होने पर मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ती है. आमतौर पर अस्पतालों में एक सिलिंडर से एक ही मरीजो को ऑक्सीजन दी जाती है.

एक्सपर्ट्स का ऐसा अनुमान है कि कोरोना वायरस के पीड़ित लोगों में से 5 से 8 फीसदी को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ेगी, लेकिन ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत वाले मरीज अधिक संख्या में होंगे. अब तक अस्पतालों में मौजूद संसाधन बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों के लिए काफी नहीं होंगे.

विशाखापत्तनम स्थित नौ सेना डॉकयार्ड में डिजाइन का शुरुआती ट्रायल भी किया गया और इसके बाद नौसेना के आईएनएचएस कल्यानी हॉस्पिटल में रैपिड ट्रायल भी किया गया. 30 मिनट में ही पोर्टेबल डिजाइन का सफलतापूर्वक सेटअप कर लिया गया.

ट्रायल सफल होने के बाद ऐसे 10 पोर्टेबल MOM तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है जिसमें दो तरफ से 6 लोगों के लिए रेडियल हेडर लगे होंगे. इससे 120 लोगों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकती है.

 

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साउथ अफ्रीका की तरफ से खेलने वाला पहला भारतीय, जिसके रिकॉर्ड कोहली भी नहीं तोड़ पाए

31 मार्च 1983 को डरबन में जन्में हाशिम अमला मूल रूप से भारतीय हैं, मगर उनकी परवरिश अफ्रीका में हुई और वह अफ्रीका की तरफ से क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय हो गए। अमला के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। ये रिकॉर्ड ऐसे हैं जिन्हें विराट कोहली भी नहीं तोड़ सके। अमला ने साउथ अफ्रीका के लिए करीब एक दशक से ज्यादा क्रिकेट खेला। पिछले साल अगस्त में उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया।

भारत के खिलाफ किया डेब्यू

दाएं हाथ के बल्लेबाज हाशिम अमला ने साउथ अफ्रीका के लिए साल 2004 में डेब्यू किया। पहला मैच उन्होंने भारत के खिलाफ कोलकाता में टेस्ट मैच खेला। करियर के शुरुआती दिनों में अमला को ज्यादा सफलता नहीं मिली। मगर 2006 में न्यूजीलैंड के खिलाफ जब उन्होंने 149 रन की पारी खेली। इसके बाद इस प्रोटीज बल्लेबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2008 और 2010 में भारत दौरे पर अमला ने जमकर रन बनाए। 2010 में अमला ने पहली बार टेस्ट में डबल सेंचुरी जड़ी। यही नहीं साउथ अफ्रीका की तरफ से तिहरा शतक जडऩे वाले वह पहले अफ्रीकी बल्लेबाज भी हैं।

सबसे तेज 2000 से लेकर 7000 रन तक

वनडे में सबसे तेज 2000, 3000, 4000, 5000, 6000 और 7000 रन बनाने का रिकॉर्ड अमला के ही नाम है।अमला साल 2011 में मात्र 40 पारियां खेलकर दो हजारी बन गए थे। बता दें विराट कोहली को वनडे में 2000 रन बनाने के लिए 53 पारियां खेलनी पड़ी थीं। वहीं अमला ने 2012 में 57 पारियां खेलकर 3 हजार रन पूरे किए। जबकि कोहली को यहां तक पहुंचने में 75 पारियां खेलनी पड़ी थीं। हाशिम ने वनडे में सबसे तेज 4000 रन बनाए हैं। अमला को यहां तक पहुंचने में 81 पारियां खेलनी पड़ी थीं। विराट कोहली ने चार हजार रन बनाने के लिए 93 पारियां खेली थीं।

सबसे तेज 5000, 6000 और 7000

वनडे में सबसे तेज 5000 रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हाशिम अमला ही हैं। अमला ने साल 2015 में 101 पारियां खेलकर ये मुकाम छुआ था जबकि कोहली को यहां पहुंचने के लिए 114 इनिंग्स खेलनी पड़ी थीं। वनडे में सबसे तेज छह हजार रन बनाने का रिकार्ड विराट कोहली के नाम था। कोहली ने 2014 में 136 पारियों में ये इतिहास रच दिया था मगर अमला ने अगले ही साल विराट का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 123 पारियों में 6 हजार रन बना दिए। वनडे में सबसे तेज 7000 रन सबसे पहले विराट कोहली ने बनाए थे। कोहली ने 2016 में 161 पारियों में यह मुकाम हासिल किया था जिसे अमला ने अगले साल ही 150 पारियों में इसे हासिल कर लिया।

कोहली से तेज लगाए हैं वनडे शतक

हाशिम अमला सबसे तेज 12 शतक लगाने के मामले में भी कोहली को पीछे छोड़ चुके हैं। विराट कोहली ने 83 पारियां खेलकर सबसे तेज 12 शतक बनाए थे और 90 पारियों में ऐसा करने वाले ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर को पीछे छोड़ा था। हालांकि, अमला ने केवल 81 वनडे पारियों में 12 शतक बनाकर कोहली का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। वनडे रिकॉर्ड की बात करें तो अमला लगातार कोहली को टक्कर देते आ आए हैं। अमला ने 2017 में कोहली के सबसे तेजी से 24 वनडे शतक बनाने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। हाशिम अमला ने 142 पारियों में यह मुकाम हासिल किया है। वहीं, कोहली ने 24 शतक लगाने के लिए 161 पारियां खेली थीं।

ऐसा है इंटरनेशनल करियर

हाशिम अमला ने अफ्रीका के लिए 124 टेस्ट खेले हैं जिसमें 46.64 की औसत से कुल 9282 रन बनाए। इसमें 28 शतक और 41 अर्धशतक शामिल है। टेस्ट में इनका हाईएस्ट स्कोर 311 रन है। वहीं वनडे की बात करें तो इस दिग्गज बल्लेबाज ने 181 मैच खेलकर 49.46 की औसत से 8113 रन अपने नाम किए, इसमें 27 शतक और 39 अर्धशतक हैं। टी-20 इंटरनेशनल में अमला ने 44 मैच खेलकर 1277 रन बनाए।

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लॉकडाउन के बीच भाई क्रुणाल पांड्या के साथ घर में क्रिकेट खेलते दिखे हार्दिक पांड्या

पांड्या ब्रदर्स घर पर क्रिकेट खेलते हैं: कोरोनावायरस की वजह से देश में इस समय 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान सभी लोगों से घरों में बने रहने को कहा था। इस बीच क्रिकेटर हार्दिक पंड्या और उनके भाई क्रुणाल पंड्या ने घर में ही क्रिकेट खेलने वाले वीडियो शेयर कर लोगों से घरों के अंदर बने रहने की अपील की हैं।कोरना वायरस महामारी की वजह से खेल में खेल आंदोलनोंिया बंद है, इसकी वजह क्रिकेटरों सहित सभी प्रमुख खिलाड़ी अपने-अपने घरों में परिजनों के साथ समय बिता रहे हैं। पांड्या ब्रदर्स सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं और इस लॉकडाउन के दौरान फैंस के लिए कई फोटोज और वीडियो डाले गए हैं। इसी कड़ी में क्रुणाल पांड्या ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने अपने घर को ही स्टेडियम बना दिया है। वे इस वीडियो में भाई हार्दिक पांड्या और परिजनों के साथ क्रिकेट खेलते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने इसे कैप्शन दिया, ‘हम घरों के अंदर रहकर भी दूतॉय कर सकते हैं। प्लीज घर पर रहें और सुरक्षित रहें। ‘

इस वीडियो में हार्दिक पांड्या अपने भाई को आउट करते नजर आते हैं। इसके बाद दोनों भाई सैनिटाइजर से हाथ धोते हैं। कृणाल कैमरे की तरफ देखकर हर किसी से सुरक्षित रहने की अपील करते हैं। हार्दिक पांड्या ने कहा, हम सभी से यह अपील करते हैं कि बाहर नहीं निकलें, आप घरों के अंदर भी आनंद उठा सकते हो, जैसा मैं और मेरा परिवार कर रहे हैं।

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घर बैठे-बैठे बोर हुए डेविड वॉर्नर तो फैंस बोले- महाभारत और रामायण देखो

कोरोना वायरस का कहर दुनिया भर में कोहराम मचा रहा है. अब तक इस महामारी ने 35,000 से ज्यादा लोगों को निगल लिया है. कोरोना वायरस की वजह से सभी खेल प्रतियोगिताएं भी रद्द हो गई हैं. कई देशों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने 6 महीने के लॉकडाउन की घोषणा की है. इस वजह से खिलाड़ी अपने-अपने घरों में कैद हैं.

ऑस्ट्रेलियाई ओपनर बल्लेबाज डेविड वॉर्नर घर में बैठे-बैठे बोर होने लगे हैं. इसी वजह से उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर फैंस से पूछा कि वह इस बोरिंग समय में क्या करें. डेविड वॉर्नर ने लिखा- घर में क्या करूं. मेरे पास सारे आईडिया खत्म हो रहे हैं. तो फैंस ने उन्हें महाभारत और रामायण देखने की सलाह दे डाली. एक फैन ने उन्हें तेलुगू सीखने की सलाह दी. एक फैन ने कहा कि उन्हें अपने गेंदबाजी एक्शन पर काम करना चाहिए.

डेविड वॉर्नर ने हाल ही में क्रिकेट के एक फॉर्मेट से संन्यास लेने के संकेत दिये थे. उन्होंने कहा था कि ज्यादा क्रिकेट खेलकर वो अकसर परिवार से दूर रहते हैं. उनकी प्राथमिकता बदली है और वो जल्द ही टी-20 क्रिकेट छोड़ सकते हैं. लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से उनको अपने परिवार के साथ समय बिताने का भरपूर समय मिल रहा है.

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Monday, March 30, 2020

अभी पढ़ें 31 मार्च 2020 मंगलवार का दैनिक राशिफल – क्या कहते हैं सितारे

मेष

दैनिक राशिफल की माने तो रिश्तों का उतार-चढ़ाव आपकी ज़िन्दगी पर कई तरह से असर डाल रहा है। आपकी अच्छाई के बावजूद स्तिथि यह है की लोग आपको फिर भी समझ नहीं पा रहे, यह इस समय आपके असंतोष का एक बड़ा कारण हो सकता है।

सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :-

वृष

घर-परिवार की खुशियाँ आपके लिए बहुत मायने रखती हैं। छुटपुट तकरार बना रहना ज़िन्दगी में कबूल कर लेना चाहिए। उस बड़ी तस्वीर की ओर देखें जो आपके लिए सुखद बनी हुई है।

मिथुन

आपकी अच्छाई के बावजूद अगर लोग आपको समझ नहीं पा रहे तो आप यह समझ लीजिये की कुछ न कुछ गलत हो रहा है और ज़िन्दगी में वही प्राथमिकता का क्षेत्र बन जाता है जिसमे कमी नजर आ रही हो।

कर्क

घर-परिवार की खुशियाँ इस रूप से बनी हुई हैं की आप अपनों के प्रति जागरूक हैं। यही वजह है की रिश्तों से जुड़ा सुख आपको अपनों से जोड़े भी रखेगा।

तुला

कामकाज में लगन अच्छी है इसलिए सफलता भी मिल सकती है और तरक्की भी मिल सकती है पर उससे भी बड़ी बात यह है की आपके मन में कुछ अच्छा करने की प्रेरणा जगी रहेगी, जो आपको ज़िन्दगी में आगे बढ़ने में मदद जरुर करेगी।

सिंह

हालात मददगार हैं क्योंकि तकदीर आपका साथ निभा रही है और हालात कमज़ोर हैं क्योंकि आप अपने बढ़ते हुए खर्चों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे तो कमियों की ओर ज्यादा देखने की जरूरत है।

कन्या

आपकी आर्थिक स्तिथि तकदीर से नहीं बेहतर हो रही बल्कि आपकी मेहनत से बेहतर हो रही है, उसका एक बड़ा कारण यह भी है की आपकी सूझबूझ में इस समय इजाफा हो रहा है।

वृश्चिक

कामकाज की स्तिथि मज़बूत होने के बावजूद अपने काम को बचाए रखने की जरूरत है। ज़िन्दगी की स्थिरता इसी बात पर निर्भर करेगी की आपके काम या कारोबार पर कोई खतरा न मंडराए।

धनु

पैसे को संभालना मुश्किल हो रहा है इसलिए आपका असंतोष भी बढ़ता चला जा रहा है। आप किसी भी तरह का खतरा मोल लेंगे तो लोगों की नाराज़गी भी सहनी पड़ेगी।

मकर

काम से लाभ है पर काम से जुडी चुनोतियाँ बहुत सारी हैं। यही वजह है की मेहनत करने का कोई ओर विकल्प नहीं है। इस बात को जितना ज़ल्दी समझेंगे उतना फायदा होगा।

कुम्भ

हालात कई रूप से मददगार हैं जिसके चलते कामकाज को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसी वजह से आर्थिक स्तिथि भी आपके पक्ष में बनी रहे ऐसा ही कहते हैं आपके तारे।

मीन

मुश्किलें भी हैं और मुश्किलों से पार पाने का रास्ता भी बना हुआ है, पर यह भी ज़िन्दगी की एक बहुत बड़ी सच्चाई है की मुश्किल रास्ते पर चलने से ही बड़ी सफलता मिलती है।

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7वें दिन ऐसे करें मां कालरात्रि पूजा, मिलेगा विशेष फल

आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है. नवरात्रि में महा सप्तमी 2019 या सातवां दिन मां दुर्गा के सातवें अवतार मां कालरात्रि को समर्पित है. ये नाम दो शब्दों के साथ बनाया गया है, काल का अर्थ है मृत्यु रत्रि का अर्थ है अंधकार. इसलिए, कालरात्रि का अर्थ है, काल या समय की मृत्यु. कहा जाता है कि मां कालरात्रि अज्ञान का नाश करती हैं अंधकार में रोशनी लाती हैं.
आज के दिन नवपत्रिका पूजा भी की जाती है.

मां कालरात्रि को काली मिर्च, कृष्णा तुलसी या काले चने का भोग लगाया जाता है. वैसे नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए आप गुड़ का भोग लगा सकते हैं. इसके आलावा नींबू काटकर भी मां को अर्पित कर सकते हैं. मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयानक है पर मां का ह्रदय अत्यंत कोमल है. वह दुष्टों का नाश करके अपने भक्तों को सारी परेशानियों व समस्याओं से मुक्ति दिलाती है. इनके गले में नरमुंडों की माला होती है. नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से भूत प्रेत, राक्षस, अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि सभी नष्ट हो जाते हैं.

कुंडली में सभी ग्रह खराब हो तो करें मां कालरात्रि  की पूजा

अगर किसी की कुंडली में सभी ग्रह खराब हो या फिर अशुभ फल दे रहे हों तो नवरात्रि के सातवें दिन उस व्यक्ति को मां कालरात्रि की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए क्योंकि सभी नौ ग्रह मां कालरात्रि के अधीन है.

मां कालरात्रि की पूजा विधि

मां कालरात्रि की पूजा ब्रह्ममुहूर्त में ही की जाती है. वहीं तंत्र साधना के लिए तांत्रिक मां की पूजा आधी रात में करते हैं. इसलिए सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
मां कालरात्रि के पूजन के लिए विशेष कोई विधान नहीं है. इस दिन आप एक चौकी पर मां कालरात्रि का चित्र स्थापित करें.
मां कालरात्रि को कुमकुम, लाल पुष्प, रोली आदि चढ़ाएं. माला के रूप में मां को नींबुओं की माला पहनाएं उनके आगे तेल का दीपक जलाकर उनका पूजन करें.
मां को लाल फूल अर्पित करें. मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें. मां की कथा सुनें धूप व दीप से आरती उतारने के बाद मां को प्रसाद का भोग लगाएं मां से जाने अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें.
काले रंग का वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पंहुचाने के उद्देश्य से पूजा ना करें. अगर आप शत्रुओं व विरोधियों से घिरे हैं उनसे मुक्ति पाना चाहते हैं तो मां कालरात्रि की पूजा विशेष तरीके से भी कर सकते हैं.

मां कालरात्रि की विशेष पूजा

मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करें ध्यान रहे कि यह विशेष पूजा आपको रात्रि में ही करनी है.
मां कालरात्रि के समक्ष दीपक जलाएं उन्हें गुड़ का भोग लगाएं. 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं एक एक लौंग चढाते जाएं.
नवार्ण मंत्र है- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ”
उन 108 लौंग को इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें.
ऐसा करने से आपके विरोधी शत्रु शांत होंगे आपकी सारी परेशानियां मां कालरात्रि स्वयं दूर कर देंगी.
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है जिनका रूप अत्यंत भयानक है. जो दुष्टों के लिए काल का काम करता है उनके भक्तों के लिए शुभ फल प्रदान करता है.

मां कालरात्रि की आरती

कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
काल के मुह से बचाने वाली॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा.
महाचंडी तेरा अवतार॥

पृथ्वी आकाश पे सारा.
महाकाली है तेरा पसारा॥

खडग खप्पर रखने वाली.
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा.
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

सभी देवता सब नर-नारी.
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता अन्नपूर्णा.
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी.
ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें.
महाकाली मां जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह.
कालरात्रि मां तेरी जय॥

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देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए 26 अप्रैल को खोल दिए जाएंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

विश्व प्रसिद्ध तीर्थधाम यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के मौके पर खोलने का मुहूर्त तय किया गया है। यमुना मां के मायके खरसाली गांव में यमुनोत्री धाम के कपाट 26 अप्रैल की दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। यमुनोत्री धाम के पुरोहितों ने यमुना जयंती के मौके पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का मुहुर्त निकाला।

कर्क लग्न के अनुसार अभिजीत मुहुर्त पर 26 अप्रैल को धाम के कपाट खुलेंगे। गंगोत्री के कपाट यमुनोत्री धाम से छह मिनट पहले खुलेंगे और इसी के साथ इस साल की चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। ऐसी मान्यता है कि चैत्र शुक्ल षष्ठी को मां यमुना जी पृथ्वी लोक पर अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन को यमुना के मायके (शीतकालीन प्रवास) खरसाली में धूमधाम से यमुना जयंती उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

पौराणिक परंपरा अनुसार सोमवार को सुबह से ही खरसाली में शीतकालीन पुजारियों एवं यमुनोत्री मंदिर समिति ने परंपरागत रीति रिवाज के साथ पूजा-अर्चना प्रारम्भ की। साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र से लाई गई औषधीय वनस्पति जटामासी, केदारपाती, गुग्गल आदि को भी पूजन के लिए एकत्र किया। शीतकालीन प्रवास खरसाली में विराजमान यमुनाजी की भोग मूर्ति को पंचगव्य से स्नान कराकर उन्हें गाय के घी से बने पकवानों का भोग लगाया गया।

यमुना मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि यमुना जयंती पर यह अनुष्ठान पीढ़ियों से चला आ रहा है। हालांकि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन के कारण इस बार मां यमुना की जयंती पर उत्सव कार्यक्रम को सीमित रखा गया। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर ग्रीष्मकाल के लिए यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए कपाट खोलने का मुहूर्त भी निकाला गया है।

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नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें मां कालरात्रि की आराधना, दूर होगा जिंदगी का अंधेरा

नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा करने से मनुष्य समस्त सिद्धियों को प्राप्ती होती है। मां का ये रूप काला जादू की साधना करने वाले तांत्रिक के बीच बहुत प्रिय है।

मां के इस रूप की भक्ति से दुष्टों का नाश होता है। इनके रंग काला के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप की भक्ति से दुष्टों का नाश होता है और ग्रह बाधाएं दूर हो जाती हैं।

नवरात्रि के सातवें दिन काली मां की पूजा करने से साधक का मन ‘सहस्रार’ चक्र में स्थित रहता है। इससे ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों के द्वार खुल जाते हैं। सहस्रार चक्र की अवस्था में साधक का मन पूरी तरह से मां कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। साधक के सभी पापों और विघ्नों का नाश हो जाता है।

करें इस मंत्र का जाप-

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता | लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी || वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा | वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि ||

या

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मंत्र का अर्थ 

हे मां! सर्वत्र विराजमान और कालरात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। हे मां, मुझे पाप से मुक्ति प्रदान कर।

भोग लगाएं 

मां कालरात्रि को गुड का भोग लगाने से मां खुश होती हैं और भक्तों के सभी दुःख हरती हैं ।

नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा की विधि 

नवरात्रि के सातवें दिन भी बाकी दिनों की तरह पूजा की जाती हैं। लेकिन रात के समय विशेष विधान के साथ देवी की पूजा की जाती है। इस दिन तांत्रिक विधि से पूजा कर के मां को मदिरा का भोग चढ़ाते हैं। सप्तमी की रात ‘सिद्धियों’ की रात भी कही जाती है। पूजा विधान में शास्त्रों में जैसा वर्णित हैं उसके अनुसार पहले कलश की पूजा करनी चाहिए। नवग्रह, दशदिक्पाल, देवी के परिवार में उपस्थित देवी देवता की पूजा करनी चाहिए फिर मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व बताया गया है। इस दिन से भक्त जनों के लिए देवी मां का दरवाज़ा खुल जाता है।

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राजस्थान के अलवर में एक, जयपुर में आठ नए मामले

खुद को गांव के बाहर किया सेल्फ-क्वॉरन्टीन

ओडिशा के कालाहांडी में पिपलगुडा के 12 प्रवासी मजदूर जो केरल से लौटे थे उन्होंने खुद को गांव के बाहर ही सेल्फ-क्वॉरन्टीन कर लिया. लौटने के बाद वे # COVID19 परीक्षण के लिए अस्पताल गए जहां उनका टेस्ट निगेटिव आया, लेकिन एहतियात के तौर पर उन्होंने खुद को बाहर रहने का फैसला किया.

लॉकडाउन: असम सरकार ने 72 लाख परिवारों के लिए की विशेष पैकेज की घोषणा

देशव्यापी लॉकडाउन से असम में भारी संख्या में लोगों के बेरोजगार होने की आशंका के चलते राज्य सरकार ने 72 लाख परिवारों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की है. सरकार ने एक बैठक में निर्णय लिया कि बंद लागू होने के बावजूद तटबंध निर्माण, चाय बागान में कामकाज और खेती एक अप्रैल से शुरू की जाएगी. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि निर्माण कार्य से जुड़े कुल दो लाख 78 हजार पंजीकृत मजदूर और सभी परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं आते हैं उन्हें सरकार से एक हजार रुपये की एकमुश्त सहायता मिलेगी.

निजामुद्दीन धार्मिक सभा में भाग लेने वाले लोगों के लिए तुरंत COVID19 टेस्ट के आदेश

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने 18 जिलों के सीनियर पुलिस अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है कि वे दिल्ली के निजामुद्दीन में एक धार्मिक सभा में भाग लेने वाले लोगों के लिए तुरंत COVID19 टेस्ट करवाने की व्यवस्था करें. और उन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराएं, जिनका टेस्ट पॉजिटिव आए.

हिमाचल: क्वॉरेंटीन किए गए लोगों पर नजर रखने के लिए मोबाइल ऐप

हिमाचल प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ‘कोरोना मुक्त हिमाचल’ नामक एक मोबाइल ऐप डेवलप किया है, जो घर में क्वॉरेंटीन किए गए लोगों पर नजर रखने और निगरानी करने के लिए बनाया गया है.

इटली में 12 अप्रैल तक बढ़ाया गया लोकडाउन

समाचार एजेंसी AFP ने एक मंत्री के हवाले से बताया है कि इटली की सरकार ने ‘कम से कम’ 12 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया है.

राजस्थान: अलवर में एक, जयपुर में आठ नए मामले

रोहित सिंह, राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बताया कि जयपुर में आठ और COVID19 पॉजिटिव मामले सामने आए. ये सभी ऐसे व्यक्ति के परिवार के सदस्य हैं जो पहले से ही पॉजिटिव हैं. फिलीपींस की यात्रा करने वाले अलवर के एक व्यक्ति का टेस्ट भी पॉजिटिव आया है.

केरल में 5 लोग इलाज के बाद ठीक हुए

केरल में इटली से लौटे एक परिवार के तीन सदस्य और उनके दो करीबी रिश्तेदारों को COVID19 पॉजिटिव पाया गया था. इलाज के बाद उन्हें 30 मार्च को पठनमथिट्टा जनरल हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई.

छत्तीसगढ़ में कोरोनावायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 8 हुई

एनएम नागरकर, निदेशक, रायपुर एम्स ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरबा के एक निवासी में कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है. इससे छत्तीसगढ़ में कोरोनावायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 8 हो गई है.

निजामुद्दीन में बसों पर सवार हुए लोगों का चेकअप किया जाएगा

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में बसों में सवार लोगों को चेकअप के लिए विभिन्न अस्पतालों में ले जाया जाएगा. मरकज में एक धार्मिक सभा आयोजित की गई, जिसमें लॉकडाउन का उल्लंघन किया गया और सभा में भाग लेने वालों में कई COVID19 पॉजिटिव मामले पाए गए.

निजामुद्दीन मरकज गए 6 की तेलांगना में मौत,200 लोग दिल्ली में भर्ती

दुनिया भर में मशहूर और दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी मरकज में पहुंचे 6 लोगों की मौत तेलंगाना में हो गई है. ये जानकारी तेलंगाना सीएम ऑफिस ने दी है. सीएम ऑफिस के हवाले से कहा गया है कि मरकज गए कुछ लोगों में कोविड-19 का संक्रमण हुआ है. इसके साथ ही मरकज में हिस्सा लेने वाले 200 लोगों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती किया गया है. दिल्ली सरकार ने इस मामले में FIR कराने की भी बात कही है. इससे पहले मरकजे में गए दो बुजुर्गों की मौत हो चुकी है.

केरल में 91 और 88 उम्र के दो मरीज ठीक हुए

केरल सरकार ने बताया, “कोट्टायम में सरकारी मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड से दो कोरोनोवायरस मरीजों को छुट्टी दे दी गई. वे 91 और 88 वर्ष की आयु के थे यह मेडिकल कर्मचारियों के समर्पण और विशेषज्ञता के साथ-साथ केरल सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की ताकत का प्रमाण है. हम होंगे कामयाब”

देश में COVID-19 के 227 नए मामले, एक दिन में सबसे ज्यादा केस

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में COVID19 के 227 मामले सामने आए हैं. ये एक दिन में अब तक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है. भारत में COVID19 पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 1251 हो गई है. इनमें 1117 सक्रिय मामलों सहित, 102 ठीक हो गए / छुट्टी दे दी गई / पलायन कर गए और 32 मौतें शामिल हैं.

दिल्लीः JLN स्टेडियम को क्वारंटीन सेंटर के लिए इस्तेमाल करने को मंजूरी

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शहर के मुख्य स्टेडियम जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को covid-19 से संक्रमण की स्थिति में क्वारंटीन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल की इजाजत दे दी है.

दुनियाभर में अब तक कोरोनावायरस के 7,55,590 से ज्यादा कन्फर्म केस

नोवेल कोरोनावायरस के चलते दुनियाभर में 36,210 से ज्यादा मौत

COVID-19 से इटली में अब तक 11,590 से ज्यादा लोगों की गई जान

अमेरिका में करीब 3000 मौतें, 1,59,000 से ज्यादा लोग संक्रमित

भारत में 1251 कन्फर्म केस, 32 की मौत, 101 ठीक हुए

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दिल्ली में आए 25 नए मामले, कुल संख्या 97 हुई

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्तियों की संख्या सोमवार को फिर तेजी से बढ़ी। बीते 24 घंटे के दौरान दिल्ली में कोरोना वायरस के 25 नए मामले सामने आए हैं। तेजी से सामने आए इन नए मामलों के साथ ही दिल्ली में कोरोना के कुल 97 रोगी सामने आ चुके हैं। इनमें से 2 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि शुक्रवार तक दिल्ली में कोरोनावायरस से केवल 39 व्यक्ति पीड़ित थे।

दिल्ली सरकार द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, अभी तक 5 व्यक्ति जो कोरोनावायरस से ग्रसित थे, पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। दो की मौत हो चुकी है और कुल 89 रोगी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। एक विदेशी व्यक्ति जो कोरोना वायरस से ग्रसित था, ठीक होकर अपने देश लौट चुका है।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कोरोनावायरस की चपेट में आने बाद दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराए गए 97 व्यक्तियों में से 10 व्यक्ति दिल्ली से बाहर के हैं।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के अस्तित्व में आने के बाद दिल्ली में 1 दिन में कोरोनावायरस के इतने रोगी सामने आने का यह पहला मामला है। इससे पहले रविवार को कोरोना संक्रमण के 23 मामले सामने आए थे। रविवार से पहले दिल्ली में कोरोनावायरस से संक्रमण के कारण अधिकतम प्रतिदिन 3 से 4 नए रोगी ही सामने आ रहे थे।

तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक भी की।

दिल्ली सरकार का दावा है कि यदि कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या बढ़कर प्रतिदिन 100 तक भी पहुंच जाएं तो भी सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर रोगियों के उपचार की पूरी तैयारी कर ली है। इससे भी एक कदम आगे बढ़कर अब दिल्ली सरकार 1000 रोगी प्रतिदिन के हिसाब से अपनी तैयारियों में जुटी है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में कोरोनावायरस के रोगियों की संख्या बढ़कर अगर प्रतिदिन 100 तक भी पहुंच जाती है तो इसके लिए हमारी पूरी तैयारी है। अब हम 1000 रोगी प्रतिदिन की व्यवस्था पर काम कर रहे हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “रोगियों की संख्या बढ़कर प्रतिदिन 100 होने की स्थिति में आवश्यक उपकरणों जैसे कि वेंटिलेटर, आईसीयू बेड, टेस्टिंग क्षमता, आइसोलेशन बेड, डॉक्टर व नर्स की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है।”

दिल्ली सरकार ने आईएलबीएस के अध्यक्ष डॉक्टर सरीन के नेतृत्व में पांच डॉक्टरों की एक टीम गठित की थी। मुख्यमंत्री ने कहा, “इस टीम ने बहुत शानदार काम किया है। इस टीम अपील में रिपोर्ट में स्थिति को तीन स्तर पर बांटा है। पहला स्तर यदि हर रोज 100 या 100 से कम केस आते हैं तो क्या तैयारी करनी चाहिए। दूसरे स्तर में यदि कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या प्रतिदिन 500 तक बढ़ जाती है तो सरकार को क्या करना चाहिए। तीसरे स्तर में कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या 1000 प्रतिदिन हो जाए तो ऐसे में दिल्ली सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए।”

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इटली में लंबा चलेगा लॉकडाउन, ट्रंप बोले- अमेरिका में दो लाख तक हो सकती है मरने वालों की तादाद

अमेरिका में कोरोना वायरस के कहर से हालात बुरी तरह से बिगड़ते जा रहे हैं। मात्र दो दिन में मौतों का आंकड़ा दुगना होने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोनावायरस को लेकर सामाजिक दूरी के नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए इसकी अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है। उन्होंने अमेरिकियों को कहीं भी संभावित यात्रा से बचने की सलाह देते हुए कहा कि आगामी दो हफ्तों में मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। अमेरिका में बिगड़ते हालातों को देखते हुए ट्रंप अपने पुराने दिशा-निर्देशों से पीछे हट गए हैं। उन्होंने सलाहकारों के आंकड़ों का हवाला देते हुए यहां तक कहा कि यदि कोरोना वायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए आक्रामक कार्रवाई की जाए तो भी दो लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से मारे जा सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि प्रतिबंध जारी रहना चाहिए चाहे आगामी दिनों में कितने ही लोगों को बलिदान देना पड़े। उन्होंने नए दिशा-निर्देशों में कहा कि शायद जरूरी हुआ तो अगले माह तक या संभवत: जून तक दस लोग एक समूह में एकत्रित न हों, गैर-संभावित यात्रा से बचें, कान पर जाने या बार-रेस्तरां में भोजन करने से बचें।

जून तक उबर सकता है अमेरिका नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शन डिसीज के निदेशक डॉ. एंथनी फॉसी का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में अमेरिका में लाखों लोग कोविड-19 की चपेट में आ सकते हैं और यह वायरस एक से दो लाख लोगों की मौत का कारण बन सकता है। सलाहकारों की चेतावनी के बाद ट्रंप को उम्मीद है कि अमेरिका इस संकट से जून तक उबर जाएगा लेकिन आगामी दो हफ्तों में सर्वाधिक मौतें हो सकती हैं।
जापानी कॉमेडियन केन का निधन
जापान के कॉमेडियन केन शिमुरा ने कोरोना से दम तोड़ दिया। केन 70 वर्ष के थे और 70 के दशक के सबसे लोकप्रिय कॉमेडियन रहे।

इटली में लंबा चलेगा लॉकडाउन
इटली में बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री गिउसेप कोंटे की सरकार ने कहा है कि इटली के नागरिक बहुत लंबे समय तक लॉकडाउन के लिए तैयार रहें। सरकार ने कहा है कि आर्थिक चुनौतियों और दैनिक जीवन की मुश्किलों के बावजूद यहां लॉकडाउन को धीरे-धीरे ही हटाया जाएगा। बता दें कि इटली में कोविड-19 से पिछले चौबीस घंटे में 756 लोगों की मौत हो चुकी हैै। देश में कोरोनावायरस से अब तक 10 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि 97 हजार से ज्यादा लोग इसके संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। फिलहाल करीब 4,000 लोग वेंटिलेटर पर जीवन बचाने का संघर्ष कर रहे हैं। क्षेत्रीय मामलों के मंत्री फ्रांसेस्को बोकिया ने बताया कि 3 अप्रैल को खत्म होने वाले लॉकडाउन को बढ़ाया जाएगा। एजेंसी

37000 से अधिक की मौत, दो-तिहाई यूरोप में
पूरी दुनिया को चपेट में ले चुका कोराना वायरस का सबसे ज्यादा कहर यूरोप में टूटा है। दुनिया में अब तक कोरोना से 37000 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिनमें से दो-तिहाई यूरोप के ही हैं। हालांकि संक्रमित मरीजों के मामले में अमेरिका सबसे ऊपर है। जहां कुल 1,44,410 मरीज मिले हैं, जिनमें से 2,600 की मौत हो चुकी है और 4,573 ठीक हो चुके हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा जनहानि इटली मैं हुई है, जहां इस बीमारी से 10,779 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 97,689 लोग संक्रमित मिले हैं। स्पेन में एक दिन में 5,085 नए मरीज मिलने के साथ कुल मरीजों की संख्या 85,195 हो गई है। जबकि 537 नई मौत के साथ मृतकों की संख्या 7,340 हो गई है। चीन जहां से इस बीमारी की शुरुआत हुई थी वहां अब तक 81,470 मरीज मिले हैं। इनमें से 75,700 इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं और 3,304 की मौत हो चुकी है। जर्मनी में एक दिन में 19 लोगों की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा 560 पहुंच गया। वहीं, देश में 63,929 संक्रमित मिले हैं। ईरान में भी 41 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। इनमें से 2,757 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13,911 ठीक हो चुके हैं।

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समझें क्या है वेंटिलेटर, कोरोना रोगियों के लिए ये क्यों जरूरी है

महिंद्रा ग्रुप के मालिक आनंद महिंद्रा ने 26 मार्च को घोषणा की कि उनकी कंपनी मात्र साढ़े सात हजार रुपए में वेंटिलेटर बनाएगी. ये औचक घोषणा आनंद महिंद्रा ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच की. औम तौर पर वेंटिलेटर की कीमत 10 लाख रुपए के आस-पास होती है. दरअसल कोरोना के मरीजों की जब तबीयत ज्यादा बिगड़ती है तब उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ती है.

इससे पहले चीन, इटली और अमेरिका से ऐसी खबरें आ चुकी हैं कि मामले बढ़ने के साथ वेंटिलेटर की कमी पड़ गई. भारत में 24 मार्च से 15 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन घोषित है. अब तक कोरोना के मरीजों की संख्या 1300 के आंकड़े के करीब पहुंच चुकी है. आइए जानते हैं कि वेंटिलेटर की मशीन किसी कोरोना रोगी के लिए क्यों जरूरी है और ये कैसे काम करती है…

क्या है वेंटिलेटर
अगर आसान भाषा में समझें तो जब किसी मरीज के श्वसन तंत्र में इतनी ताकत नहीं रह जाती कि वो खुद से सांस ले सके तो उसे वेंटलेटर की आवश्यकता पड़ती है. सामान्य तौर पर वेंटिलेटर दो तरह के होते हैं. पहला मैकेनिकल वेंटिलेटर और दूसरा नॉन इनवेसिव वेंटिलेटर. अस्पतालों में हम जो वेंटिलेटर आईसीयू में देखते हैं वो सामान्य तौर पर मैकेनिकल वेंटिलेटर होता है जो एक ट्यूब के जरिए श्वसन नली से जोड़ दिया जाता है. ये वेंटिलेटर इंसान के फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. साथ ही ये शरीर से कॉर्बन डाइ ऑक्साइड को बाहर निकालता है. वहीं दूसरे तरह का नॉन इनवेसिव वेंटिलेटर श्वसन नली से नहीं जोड़ा जाता. इसमें मुंह और नाक को कवर करके ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचाता है.

क्यों पड़ती है कोरोना मरीज को इसकी जरूरत
कोरोना वायरस ड्रॉपलेट के जरिए इंसानी शरीर में पहुंचता है. शुरुआती चरण में इसका असर गले में दर्द और खरास के तौर पर होता है. तेज बुखार के साथ निमोनिया के लक्षण उभरना शुरू होते हैं. फिर से फेफड़ों को निष्क्रिय करना शुरू करता है. जिस इंसान की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है उसे वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन उम्रदराज या पहले से गंभीर रोग से पीड़ित लोगों में इसी वक्त वेंटिलेटर की जरूरत होती है. कोरोना के मामलों में गंभीर संक्रमण का प्रतिशत कम है लेकिन इसके तेज फैलाव की वजह से ये उम्रदराज या बीमार लोगों में ज्यादा मुश्किलें खड़ी करता है.

क्यों है वेंटिलेटर्स की कमी
वेंटिलेटर का उपयोग सामान्य तौर गंभीर स्थिति में ही किया जाता है. विकसित देशों में भी वेंटिलेटर एक अनूपात में ही रहते हैं. विकासशील देशों में इसकी संख्या और भी ज्यादा कम है. विकासशील देशों में इसकी कमी होने का कारण कीमत ज्यादा होना भी है. इसी वजह से महिंद्रा और अन्य कंपनियों ने कम कीमत में वेंटिलेटर बनाने का फैसला किया है. दरअसल वेंटिलेटर में लगने वाले सामान कार कंपनियों के पास पहले से मौजूद हैं. ऐसे में इन कंपनियों ने उन कंपनियों से समझौता किया है जो वेंटिलेटर बनाती हैं.

भारत के पास कम हैं वेंटिलेटर?
अगर प्राइवेट मल्टिस्पेशियलिटी अस्पतालों का जिक्र छोड़ दें तो भारत के सरकारी अस्पतालों में अक्सर वेंटिलेटर की कमी देखने में आती है. कोरोना वायरस के फैलाव के लिहाज से अभी भारत दूसरी स्टेज में है. अगर देश तीसरी स्टेज यानी मास स्प्रेड की स्थिति में पहुंचता है तो बहुत अधिक संख्या में वेंटिलेटर्स की आवश्यकता पड़ेगी. हालांकि माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति में प्राइवेट अस्पतालों की भी पूरी मदद ली जाएगी लेकिन उसके बावजूद भी संख्या कम पड़ सकती है. दरअसल तीसरी स्टेज में कोरोना मरीजों की संख्या कितनी तेजी से बढ़ जाएगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, इसी वजह से सरकार चाहती है कि इसकी आपूर्ति पहले ही कर ली जाए.

कब से इस्तेमाल हो रहा है वेंटिलेटर
वेंटिलेटर का इतिहास शुरू होता है 1930 के दशक के आस-पास. तब इसे आयरन लंग का नाम दिया गया था. तब पोलियो की महामारी की वजह से दुनिया काफी जानें गई थीं. लेकिन तब इसमें बेहद कम खासियतें मौजूद थीं. वक्त के साथ वेंटिलेटर की खासियतें बढ़ती चली गईं.

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