Thursday, January 30, 2020

भारत और यूरोपीय संघ के बीच मजबूत रणनीतिक संबंध : विदेश मंत्रालय

यूरोपीय आयोग ने भारत को बताया है कि यूरोपीय संसद या उसके किसी सदस्य की राय यूरोपीय संघ की आधिकारिक राय नही है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि नए कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ ब्रुसेल्स स्थित यूरोपीय संसद में लाए गए प्रस्ताव के बारे में कहा कि यह हमारी जानकारी में है कि प्रस्ताव पर मतदान मार्च महीने तक टाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि यूरोपीय संसद या उसके किसी सांसद की राय यूरोपीय संघ की राय नही है। प्रवक्ता ने कहा कि नए कानून के विभिन्न पहलूओं के बारे में यूरोपीय संघ और संबंधित लोगों को वस्तुस्थिति की जानकारी देने की प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है तथा यह कानून उचित प्रक्रिया और लोकतांत्रिक तरीके से बना है।

प्रवक्ता ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ की बीच मजबूत रणनीतिक संबंध हैं। दोनों के बीच 15वीं शिखर वार्ता के आयोजन के स्थान और तिथि के बारे में बातचीत जारी है।

उन्होंने कहा कि भारत ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के संबंध में वहां की सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।

रवीश कुमार ने कहा कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को उच्चायोग पर प्रदर्शन के पहले भारतीय उच्चायुक्त ने ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीती पटेल से बातचीत की थी। भारत ने कहा था कि उच्चायोग और वहां कार्यरत लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएं। पूर्व में हुए ऐसे विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और उपद्रव की घटनाओं की ओर ब्रिटेन का ध्यान आकर्षित कराया गया था।

सीएए के बारे में बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश की सरकार कह चुकी है कि नया कानून भारत का आंतरिक मामला है।

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