Wednesday, August 28, 2019

कंचन चौधरी भट्टाचार्यः सकारात्मक सोच के साथ एक मानवीय चेहरा

कंचन चौधरी भट्टाचार्य का नाम लेने पर एक मोहक मुस्कान लिये मुस्कराता सौम्य चेहरा सामने आता है. सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर एक संवेदनशील मानवीय चेहरा, जो स्वयं भी खुश रहता था और सदैव दूसरों को भी खुश देखना चाहता था. वह देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी थीं और किसी राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक. जब वह उत्तराखण्ड की तीसरी पुलिस महानिदेशक बनीं तो उप-निरीक्षक भर्ती प्रकरण के कारण उत्तराखण्ड पुलिस का मनोबल अत्यधिक गिरा हुआ था. उत्तराखण्ड का पुलिस महानिदेशक बनने पर उन्होंने सर्वप्रथम अपने सकारात्मक व्यक्तित्व के बल पर पुलिस का मनोबल ऊंचा उठाया. सकारात्मकता उनके व्यक्तित्व की बड़ी विशेषता थी. छोटी-छोटी नकारात्मक चीजों को नज़रअंदाज़ करते हुए अपने करिश्माई व्यक्तित्व की इसी विशेषता के कारण पुलिस के आपसी मतभेदों से पार पाते हुए वे आगे बढ़ीं. उनके इसी प्रकार के व्यक्तित्व का असर उनके निर्णयों एवं नीतियों पर आगे देखने को मिला.

स्वतंत्र रूप से काम करने का मौका दिया 

इसके अलावा उनमें एक अद्वितीय गुण था, दूसरे अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अवसर प्रदान करना. इसी कारण अधिकारियों में नई पहल तथा नए-नए विचारों का संचरण होता था. मुझे याद है जब मैं पुलिस उप-महानिरीक्षक, मुख्यालय बना तो थाना चौकी के भवनों, पुलिस कॉलोनी, स्टेडियम, मेस आदि के निर्माण कार्यों के डिजाइन में मैंने परम्परागत तरीकों से हटकर नए डिजाइन तैयार करवाए. ये कार्यदक्षता और सौन्दर्य की दृष्टि से बेहतर थे. उन्होंने मेरी इस पहल को खुले दिल से सराहा, जिससे इस दिशा में मैं और आगे बढ़ता गया और उत्तराखण्ड पुलिस भवनों के भव्य डिजाइन बन पाए.

व्यक्तिगत रूप से मैं उन्हें वर्ष 1995-96 से जानता था, जब मेरी नियुक्ति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार के रूप में थी. उनकी माताजी की कोतवाली क्षेत्र में श्रवणनाथ नगर में एक धर्मशाला थी. वैसे तो मैंने उड़ान सीरियल के दौरान उनकी बहन कविता चौधरी को अभिनय करते देखा था. तभी पता चला कि यह सीरियल उनके जीवन को आधार बनाकर बनाया गया है. अस्सी के दशक में आए उड़ान सीरियल के माध्यम से आईपीएस अधिकारियों की कठिन ट्रेनिंग और फील्ड में उनके द्वारा झेली जाने वाली चुनौतियों से रूबरू होने का मौका मिला. पीड़ितों की मदद करने की प्रेरणा मिली.

यद्यपि केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण उन्हें एफ पुलिस में काम करने का अधिक अवसर नहीं मिला, लेकिन पुलिस महानिदेशक के रूप में उनका वचन हर लिहाज से बहुत सफल रहा। अपराध और कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से, या दंडात्मक संरचना के दृष्टिकोण से या शिकायतों के बारे में आम जनता से मिलने से, उनकी मानवीय प्रतिक्रिया सभी क्षेत्रों में देखी गई। वह सभी लोगों से खुले दिल और खुशी के साथ मिलते थे। प्रतिकूल परिस्थितियों में, पुलिस महानिदेशक के पद पर आते हुए, कभी-कभी अधिकारी अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में असमर्थ होते हैं, लेकिन उनके बीच बहुत समन्वय था। वह खुद भी तनाव-मुक्त थे और अन्य अधिकारियों को भी तनाव से मुक्त रखते थे।

इसके अलावा उनके समय में मसूरी में देश की दूसरी महिला कान्फ्रेंस का आयोजन हुआ था, जिसमें पुलिस में महिलाओं की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई थी. उसके पश्चात महिला पुलिसकर्मियों के जीवन में सुधार देखने को मिला.

The post कंचन चौधरी भट्टाचार्यः सकारात्मक सोच के साथ एक मानवीय चेहरा appeared first on indiaabhiabhi.



source https://indiaabhiabhi.com/kanchan-chaudhary-bhattacharya-a-human-face-with-positive-thinking/

No comments:

Post a Comment