कानपुर में राष्ट्रपति के सम्बन्धी को पाक के नंबर से ही धमकी दी गई थी. इस बात की पुष्टि साइबर सेल ने कर दी है. कॉल के लिए न तो डार्क नेट (इसमें इंटरनेट का प्रयोग कर कंप्यूटर से कॉल की जाती है) का प्रयोग किया गया व न ही स्पूफिंग कॉल (इस कॉल में दूसरे का नंबर दिखता है) की गई. कॉल करने वाले तक पुलिस वैसे नहीं पहुंच पाएगी क्योंकि व्हाट्सएप हेडक्वार्टर ने नंबर संबंधी किसी भी तरह की जानकारी साइबर सेल को नहीं दी है. मुद्दे की जाँच अटक गई है. गूबा गार्डेन निवासी राजीव कुमार नमो सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.
वह राष्ट्रपति के भतीजे पंकज के साले हैं. 28 नवंबर की दोपहर 2:01 बजे उनके पास व्हाट्सएप पर एक कॉल आया था. कॉल करने वाले शख्स ने धमकी देते हुए बोला था कि वह नमो सेना छोड़ दें, नहीं तो सारे परिवार को आरडीएक्स से उड़ा दिया जाएगा.
जिस नंबर से कॉल आई थी, उसमें पाक का कंट्री कोड(+92) था. राजीव ने कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस को संभावना थी कि कॉलर अपने ही देश का है. उसने डार्क नेट या स्पूफिंग कॉल का प्रयोग किया होगा. साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर लान सिंह ने बताया कि जाँच में डार्क नेट या स्पूफिंग कॉल की पुष्टि नहीं हुई है. साफ है कि यह नंबर पाक का ही है व वहीं से कॉल की गई है.
कॉल करने वाले तक पहुंचना है मुश्किल
साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा ने बताया व्हाट्सएप कॉल में आईपी एड्रेस ट्रेस कर कॉल करने वाले तक पुलिस पहुंचती है. आईपी एड्रेस व्हाट्सएप हेडक्वार्टर से मिलता है. आमतौर पर व्हाट्सएप हेडक्वार्टर यह जानकारी साझा नहीं करता है.
इसमें वह प्राइवेसी का हवाला देता है. इस मुद्दे में भी यही परेशानी आ रही है. साइबर सेल ने व्हाट्सएप हेडक्वार्टर को ई-मेल कर मुद्दे की जानकारी दे आईपी एड्रेस मांगा था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
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