प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अमेरिका में स्वच्छ भारत अभियान के लिए बिल गेट्स द्वारा ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड से नवाजा गया। स्वच्छता के लिए सम्मान मिलने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों का है, जिन्होंने स्वच्छ भारत के संकल्प को न केवल सिद्ध किया बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ढाला भी है। मोदी को यह पुरस्कार लिंकन सेंटर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।
न्यूयॉर्क में आयोजित ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर यह अवार्ड मिलना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से काफी महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है। मोदी ने इस सम्मान को उन भारतीयों को समर्पित किया जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जनआंदोलन में बदला। जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की।
स्वच्छ भारत मिशन लाखों जिंदगियों को बचाने का माध्यम बना
मोदी ने कहा कि हाल-फिलहाल में किसी देश में स्वच्छता को लेकर ऐसा अभियान सुनने और देखने को नहीं मिला। ये अभियान शुरू भले हमारी सरकार ने किया था लेकिन इसकी कमान जनता ने खुद अपने हाथों में ले ली थी। इसी का नतीजा था कि बीते पांच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका। जनआंदोलन का ही नतीजा है कि 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, आज वो बढ़कर करीब-करीब 100 प्रतिशत पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि वो मानते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता किसी भी आंकड़े से ऊपर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे लिए यह संतोष की बात है कि स्वच्छ भारत मिशन लाखों जिंदगियों को बचाने का माध्यम बना। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट से स्पष्ट भी है कि स्वच्छ भारत की वजह से तीन लाख जिंदगियों को बचाने की संभावना बनी है। आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वो अब साकार होने जा रहा है। गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वो पूरी तरह स्वच्छ हो। आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं।
मोदी ने कहा कि लोकतंत्र का सीधा सा अर्थ है कि व्यवस्थाओं और योजनाओं के केंद्र में लोक यानि पिपुल रहने चाहिए। एक सशक्त लोकतंत्र वही होता है जो जनता की जरूरत को केंद्र में रखकर नीतियों का निर्माण करता है। स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, संविधान की एक व्यवस्था को भी जीवंत करने का उदाहरण है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने दशकों तक सिर्फ ‘कॉन्स्टिट्यूशन फेडरेलिज्म’ ही देखा था। हमारी सरकार ने इसे ‘को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म’ में बदलने का प्रयास किया और समय के साथ अब हम ‘कम्पटेटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म’ के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
अब राज्यों में आपस में होड़ लगी है कि कौन राज्य स्वच्छता रैंकिंग में सबसे ऊपर जगह बनाता
आज मुझे खुशी है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के माध्यम से अब राज्यों में आपस में होड़ लगी है कि कौन राज्य स्वच्छता रैंकिंग में सबसे ऊपर जगह बनाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया के लिए भारत के इस योगदान से मुझे इसलिए भी खुशी होती है क्योंकि हमने विश्व को अपना परिवार माना है। हज़ारों वर्षों से हमें ये सिखाया गया है कि ‘उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुम्बकम्’ यानी बड़ी सोच वालों के लिए, बड़े दिल वालों के लिए पूरी धरती ही एक परिवार है। उन्होंने कहा कि हम अपने ‘एक्सपिरिएंस’ को, अपनी ‘एक्सपरटाइज’ को, दुनिया के दूसरे देशों के साथ शेयर करने के लिए तैयार हैं।’
मोदी ने कहा कि भारत, स्वच्छता को लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब है। इसके अलावा भारत दूसरे बड़े मिशन पर भी तेज़ी से काम कर रहा है। फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए फिटनेस और प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को प्रमोट करने का अभियान चल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत हमारा फोकस वाटर कंजरवेशन और रिसाइकलिंग पर है, ताकि हर भारतीय को पर्याप्त और साफ पानी मिलता रहे। साथ ही भारत ने साल 2022 तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान भी चलाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे अनेक जनआंदोलन आज भारत में चल रहे हैं। मुझे 1.3 बिलियन भारतीयों के सामर्थ्य पर पूरा विश्वास है कि हम स्वच्छ भारत अभियान की तरह बाकी मिशन भी सफल होंगे।
महात्मा गांधी ने की थी ‘स्वावलंबी’ सामाजिक व्यवस्था की कल्पना : मोदी
आज लोकतंत्र की परिभाषा का एक सीमित अर्थ रह गया है कि जनता अपनी पसंद की सरकार चुने और सरकार जनता की अपेक्षा के अनुसार काम करे, लेकिन महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया। उन्होंने एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था की कल्पना की थी जिसमें आम आदमी केवल सरकार पर ही निर्भर न हो बल्कि स्वावलंबी बनें। महात्मा गांधी सिर्फ परिवर्तन नहीं लाए बल्कि लोगों की आंतरिक शक्ति को जगाकर उन्हें स्वयं परिवर्तन लाने के लिए जागृत किया।
यह बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘आज के युग में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कही। अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘गांधी जी भारतीय थे लेकिन सिर्फ भारत के नहीं थे। आज ये मंच इसका जीवंत उदाहरण है। हम कल्पना कर सकते हैं कि जिनसे गांधी जी कभी मिले नहीं, वो भी उनके जीवन से कितना प्रभावित रहे। मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे, गांधी जी का विजन था।’
पीएम मोदी ने कहा कि अगर आजादी के संघर्ष की जिम्मेदारी गांधी जी पर न होती तो भी वो स्वराज और स्वावलंबन के मूल तत्व को लेकर आगे बढ़ते। गांधी जी का ये विजन आज भारत के सामने खड़ी चुनौतियों के समाधान का बड़ा माध्यम बन रहा है। बीते पांच वर्षों में हमने जनभागीदारी को प्राथमिकता दी है। चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो, डिजिटल इंडिया हो, जनता अब इन अभियानों का नेतृत्व खुद कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने कभी अपने जीवन से प्रभाव पैदा करने का प्रयास नहीं किया लेकिन उनका जीवन ही प्रेरणा का कारण बन गया। आज हम ‘हाउ टू इम्प्रेस’ के दौर में जी रहे हैं लेकिन गांधी जी का विजन ‘हाउ टू इन्सपायर’ का था। चाहे क्लाइमेट चेंज हो या फिर आतंकवाद, भ्रष्टाचार हो या फिर स्वार्थपरक सामाजिक जीवन, गांधी जी के ये सिद्धांत, हमें मानवता की रक्षा करने के लिए मार्गदर्शक की तरह काम करते हैं। पीएम मोदी ने भरोसा जताया कि गांधी जी का दिखाया रास्ता बेहतर विश्व के निर्माण में प्रेरक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि जब तक मानवता के साथ गांधी जी के विचारों का ये प्रवाह बना रहेगा, तब तक गांधी जी की प्रेरणा और प्रासंगिकता भी हमारे बीच बनी रहेगी।
मोदी ने ट्रंप से कहा- पाकिस्तान के साथ बातचीत से नहीं कतराता भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मंगलवार को साफ-साफ बताया कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत से कतराता नहीं है। बल्कि शर्त यह है कि पड़ोसी देश सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए।
जम्मू कश्मीर में पिछले 30 वर्षों के दौरान 42 हजार लोग मारे गए
संयुक्त राष्ट्र भवन में डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के लिए कई बार पहल की लेकिन पाकिस्तान ने हर बार आतंकवादी कार्रवाइयों को अंजाम दिया। मोदी ने इस सम्बन्ध में अपने पहले कार्यकाल के दौरान शपथ ग्रहण के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित सभी सार्क नेताओं को आमंत्रित करने का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने अपनी लाहौर यात्रा का भी उल्लेख किया, जिसके बाद पठानकोट वायु सेना के अड्डे पर आतंकवादी हमला हुआ।
मोदी ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण जम्मू कश्मीर में पिछले 30 वर्षों के दौरान 42 हजार लोग मारे गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। इस मौके पर राष्ट्रपति ट्रम्प ने आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता के प्रति समझदारी का इजहार किया।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत करीब 40 मिनट तक चली
विदेश सचिव विजय गोखले ने वार्ता का ब्यौरा देते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत करीब 40 मिनट तक चली। उन्होंने जम्मू कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता के बारे में कहा कि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अगर किन्हीं मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ बातचीत होनी है तो यह केवल द्विपक्षीय ही होगी।
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान को भली-भांति पता है कि वार्ता शुरू करने के लिए उसे आतंकवाद के खिलाफ कौन से कदम उठाने हैं। यह उसके ऊपर है कि वह यह कदम उठाता है या नहीं। उन्होंने कहा कि व्यापार विवाद को सुलझाने की दिशा में काफी प्रगति हुई है। मोदी और ट्रम्प दोनों ने आशा व्यक्त की है कि इस बारे में समझौता शीघ्र हो सकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से नहीं, लेकिन उसे ‘टेररिस्तान’ से बात करने में समस्या है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिये एक पूरे के पूरे आतंकी उद्योग का निर्माण किया है। जयशंकर ने न्यूयॉर्क में सांस्कृतिक संगठन ‘एशिया सोसाइटी की ओर से मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, जब भारत ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया तब इस पर पाकिस्तान तथा चीन से प्रतिक्रिया आयी थी।
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