वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल लगाया गया है। उच्चतम न्यायालय की तरफ से गठित एजेंसी ने हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की है। प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने जहरीले धुएं पर रोक लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में पांच नवंबर तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाया है। स्कूलों को पांच नवंबर तक बंद कर दिया गया है। गैस चेंबर बने दिल्ली-एनसीआर के इस खतरनाक जहरीले धुएं का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है। आंखों में जलन और सिर दर्द के साथ ही लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। अस्थमा के मरीजों के लिए तो यह स्थिति और ज्यादा घातक हो गई है। दुधमुंहे बच्चों की जान पर आ बनी है। ऐसे में दिल्ली के इस जहरीले धुएं से परिवार और खुद को बचाने के लिए आपको डॉक्टरों की तरफ से बताई जा रही कुछ सावधानियों को जरूर अपनाना चाहिए ताकि सुरक्षित रहा जा सके।
#पहला काम जो आपको जरूर करना चाहिए
बच्चों और बड़े-बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने दें। अच्छी क्वालिटी वाला मास्क खरीद लें और जब जरूरी हो तो उसे पहनकर ही घर से बाहर निकलें। फेफड़ों के मरीजों को सुबह के साथ ही दोपहर के वक्त भी घर से बाहर न जाने दें। अगर टहलने के लिए पार्क जाने की आदत है तो कुछ दिनों के लिए एकदम छोड़ दें। अस्थमा के मरीज पहले से ज्यादा सतर्क हो जाएं और तबियत खराब होने पर फौरन डॉक्टर पर जाएं। आप जो भी शारीरिक एक्टिविटी करते हैं उसे घर के भीतर ही करें चाहे वो योग ही क्यों न हो। हालांकि इस बार वायु प्रदूषण की स्थिति पिछले सालों के मुकाबले अच्छी है लेकिन फिर भी सावधानी बरता बेहद जरूरी है।
#दूसरा काम जो आपको कतई नहीं करना है
अपोलो अस्पताल के डॉक्टर अनुपम सिबल का कहना है कि बच्चों के घर के बाहर होने वाली एक्टिविटी पर थोड़ा रोक लगा दें। अगर बच्चों को पार्क और खेलने जाना है तो दोपहर बाद ही घर से निकलने दें। अगर आपके बच्चे को सांस से जुड़ी तकलीफ है तो बिना मास्क के घर से बाहर बिल्कुल भी न जाने दें। दरअसल, वायु प्रदूषण के इस आपात स्थिति में आप बेसिक सावधानियों के जरिए ही बच सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में घर के भीतर अगरबत्ती, मच्छर मारने वाला स्प्रे, क्वॉइल और कपूर बिल्कुल भी न जलाएं। घर के शीशे और दरवाजों को बंद रखें। अगर आपके घर में एयर प्यूरिफायर है तो सारे लोग उसी कमरे में रहें। फलों को बिना धोए ऐसे वक्त में बिल्कुल न खाएं क्योंकि उनमें प्रदूषण के कण मौजूद हो सकते हैं।
#तीसरा काम जो आपको करना है
वायु प्रदूषण के इस मौसम में पूरे कपड़े पहने और अपनी त्वचा का अच्छे से ख्याल रखें। फोर्टिस अस्पताल की डॉक्टर रश्मी शर्मा का कहना है कि ऐसे मौसम में एलर्जी हो सकती है इसलिए त्वचा का विशेष ख्याल रखें। बाहर से आने के बाद अपने चेहरे और आंखों को पानी से जरूर धोएं। फलों में सेब और क्रेनबेरी ज्यादा खाएं।
#चौथा काम जो आपको जरूर करना है
वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के रोकथाम के लिए आपको घरेलू उपायों को जरूर अपनाना है। आप वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को नींबू, अदरक और पुदीना से रोक सकते हैं। दरअल, नींबू आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई कर देता है। आप नींबू पानी में पुदीना और अदरक मिलाकर पिएं। इससे फेफड़ों में होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है। वायु प्रदूषण में आपके लिए अंगूर जूस बहुत अच्छा होता है। यह फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आप इस दौरान ग्रीन टी पिएं यह भी आपको फायदे देगी।
हल्दी और अदरक का पानी पीने से भी आप वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं। इनमें एंटी-ऑक्सीटिसी के गुण होते हैं।
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